अग्नाशय कैंसर में अंधापन और बहरापन, Erlotinib के साथ जब पीला पलाश और गोरोचन

अग्नाशय कैंसर में अंधापन और बहरापन, Erlotinib  के साथ जब पीला पलाश और गोरोचन
पंकज अवधिया   

मुझे आपके द्वारा भेजे गये पीले पलाश की छाल और गोरोचन के नमूने मिल गये हैं. मैंने उनकी जांच कर ली है.

आपको Pancreatic Cancer है और आप कनाडा से आये हैं. आपका आधुनिक और पारम्परिक उपचार दोनों ही चल रहें  है. इसके बावजूद आपका कैंसर तेजी से फ़ैल रहा है.

 पिछले कुछ समय से आपके देखने और सुनने की शक्ति में तेजी से कमी आ रही है. आपको लगता है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो कुछ समय बाद आप पूरी तरह अंधे और बहरे हो जायेंगे. 

आपने मुझसे फोन पर बात की और बताया कि आपकी पारम्परिक चिकित्सा भारत के ही एक वैद्य से चल रही है जो आपको पीले पलाश और गोरोचन का फार्मूला दे रहे हैं. उनका कहना है कि इससे कैंसर में जल्दी ही लाभ होगा.

आप बीच-बीच में भारत आते रहते हैं. कैंसर पर मेरे शोध आलेखों को पढ़कर आपने मुझसे मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपको कैंसर के लिए Erlotinib नामक दवा दी जा रही है. देखने और सुनने की शक्ति में इस तरह तेजी से कमी होना इस कैंसर की दवा के साइड इफेक्टस नही हैं.

मैंने आपके वैद्य से बात की है . वे अपने फार्मूले में तीस तरह की जड़ी-बूटियों का प्रयोग कर रहे हैं पीले पलाश की छाल और गोरोचन के साथ. दोनों ही मुख्य घटक दुर्लभ है पर मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके वैद्य द्वारा प्रयोग किये जा रहे सभी घटक शुद्ध हैं. उनके औषधीय मिश्रण को अभी तक अच्छे परिणाम दिखाना शुरू कर देना चाहिए था.  पर आपका आधुनिक उपचार इसमें बाधा खडी कर रहा है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपकी कैंसर की दवा  Erlotinib के साथ वैद्य के फार्मूले की नकारात्मक प्रतिक्रिया हो रही है. मैंने पिछले वर्षों में ऐसी नकारात्मक प्रतिक्रिया के ३०० से अधिक मामले देखें है और यह पाया है कि दोनों में से किसी एक उपचार को बंद कर देने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है. अब फैसला आपको करना है.

मेरे पास कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों की जानकारी है जिन्हें वैद्य के फार्मूले में मिला दी जाए तो यह नकारात्मक प्रतिक्रिया काफी हद तक कम की जा सकती है. पर चूंकि यह देखने और सुनने का  मामला है इसलिए थोड़ी सी भी नकारात्मक प्रतिक्रिया घातक हो सकती है.
   
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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