ब्रेन कैंसर में दोषयुक्त कुचला, आधुनिक दवा के साथ बन सकता है लीवर के लिए बुरा

ब्रेन कैंसर में दोषयुक्त कुचला, आधुनिक दवा के साथ बन सकता है लीवर के लिए बुरा
पंकज  अवधिया

कैंसर में अपनी सारी समस्याओं का दोष कैंसर पर मढ़ देना ठीक नही है. ज्यादातर मामलों में कैंसर रोगी गलत दवाओं के कारण कष्ट झेलते रहते हैं.

आपको ब्रेन कैंसर है और आप भोपाल से आई हैं. आपके डाक्टर ने बताया है कि आपका कैंसर तेजी से फैल रहा है.

आप बहुत फिक्रमंद है इसलिए आपने आधुनिक उपचार के साथ पारम्परिक उपचार भी करवाना शुरू कर दिया है. आपका आधुनिक उपचार मुम्बई में चल रहा है जबकि पारम्परिक उपचार के लिए आपको छत्तीसगढ़ जाना होता है.

पिछले कुछ समय से आपके बायें हाथ में तेज दर्द रहता है जो कि रात को अपने आप ठीक हो जाता है. आपके परिजनों ने बताया कि आप भोजन के बाद मानसिक भ्रम की स्थिति में चली जाती है और उलटा-पुल्टा बोलने लगती हैं.

ऐसा अक्सर तब होता है जब आप खाने में खट्टी चीजें खाती हैं.

आपके डाक्टरों ने आपको बताया है कि आपके लीवर में समस्या है और वह तेजी से खराब होता जा रहा है. इन सब समस्याओं की जड़ कैंसर को बताया जा रहा है.

आप देश भर के कैंसर विशेषज्ञों से मिल रही हैं और उनसे राय ले रही हैं. इसी क्रम में आपने मुझसे मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपको डाक्टर कैंसर के लिए Etoposide नामक दवा दे रहे हैं. जबकि आपके पारम्परिक चिकित्सक आपको अपनी दवा के  बारे में बताने को तैयार नही हैं.

आपके कहने पर कल मैंने उनसे फोन पर बात की. वे मेरे परिचित निकले. वे कुचला पर आधारित पारम्परिक मिश्रणों से कैंसर की चिकित्सा करते हैं.

मैंने उनसे विस्तार से उनके द्वारा अपनाई जा रही शोधन प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली. कुचला चूंकि बहुत जहरीला होता है इसलिए उसका ठीक से शोधन जरूरी है. आपके पारम्परिक चिकित्सक की विधि में कुछ दोष थे जिन्हें मैंने दूर करने का अनुरोध उनसे किया है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके कैंसर की दवा Etoposide के साथ कुचला की नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है. जब कुचला ठीक से शोधित नही होता है तब यह प्रतिक्रिया  और अधिक उग्र हो जाती है और रोगियों की जान पर बन आती है. आपकी सारी समस्याओं की जड़ यही है. इनका कैंसर से कोई लेना-देना नही है.

मैं आपको यही सलाह देना चाता हूँ कि आप पारम्परिक चिकित्सक की दवा को वापस करके फिर से शोधित कुचला से तैयार दवा ले ले इससे आपकी समस्या का काफी हद तक समाधान हो जायेगा. समस्या के पूरी तरह से समाधान के लिए आपको दोनों में से एक दवा बंद करनी होगी.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

-=-=-

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)