पेट के कैंसर में सूर्य स्नान, कई दवाओं के साथ रोग को बढाये सो रखें ध्यान

पेट के कैंसर में सूर्य स्नान,  कई दवाओं के साथ रोग को बढाये सो रखें ध्यान
पंकज अवधिया

आपको इतनी जल्दी निराश और हताश नही होना चाहिए. आपके पिता को दी जा रही दवाएं कैंसर के लिए ही हैं और इनके अच्छे परिणाम देखे गये हैं. पर फिर भी इनका असर क्यों नही हो रहा है इसका पता  लगाना जरूरी है.

आप अपने पिताजी को लेकर मुझसे परामर्श लेने आई हैं. आपके पिता जी को पेट का कैंसर है जो अब तेजी से फ़ैल रहा है. उनका आधुनिक उपचार मुम्बई में चल रहा है जबकि पारम्परिक उपचार अरुणाचल के किसी वैद्य से चल रहा है.

आपके पिताजी के कैंसर पर ये दवाएं बेअसर साबित हो रही है.  डाक्टर कहते हैं कि अब केवल कुछ महीनों का समय शेष है और वे भी बड़ी कठिनता से गुजरने वाले हैं.

आपने कैंसर की अंतिम अवस्था में पहुंच चुके रोगियों के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियों के बारे में मेरे लेख पढ़ें हैं और साथ ही कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर केन्द्रित मेरी फिल्मे देखी हैं. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपके पिताजी को कैंसर के लिए Methotrexate नामक दवा दी जा रही है. आपके वैद्य आपको बाईस जड़ी-बूटियों वाला फार्मूला दे रहे हैं. आपके वैद्य ने सभी जड़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से आपको बताया है और दावा किया है कि पेट के कैंसर के बहुत से रोगियों को उन्होंने बचाया है. 

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि वैद्य का फार्मूला पेट के कैंसर में कारगर है और उनकी चिकित्सा की दिशा भी सही है.

इन दोनों दवाओं के अलावा आपके  पिताजी ने गोमूत्र का सेवन भी आरम्भ किया है और साथ ही वे योग करने की कोशिश कर रहे हैं.

उनके योग गुरु ने उन्हें अधिक से अधिक समय तक  सूर्य स्नान करने को कहा है. उनका कहना है कि सूर्य स्नान कैंसर के लिए लाभदायक है और इससे शरीर का सारा विष पसीने के माध्यम से बाहर निकल आता है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि सूर्य स्नान निश्चित ही लाभदायक है पर आपके पिताजी के लिए नही.  उनको कैंसर के लिए जो दवा दी जा रही है उसके साथ सूर्य स्नान अभिशाप है. इस दवा का प्रयोग करने वाले रोगियों को चेताया जाता है कि वे सूर्य से बच कर रहें. अधिक समय तक सूर्य में रहने से इस दवा का असर कम हो जाता है और कई तरह की स्वास्थ समस्याएं पैदा हो जाती है.

आपके वैद्य ने भी ऐसी बहुत सी जड़ी-बूटियाँ फार्मूले में मिलाई हैं जिनके प्रयोग के समय रोगी को छायादार स्थान पर रहने को कहा जाता है. आपके वैद्य ने आपको  स्पष्ट रूप से कहा है कि दिन भर अलग-अलग किस्म के वृक्षों के नीचे समय गुजारना है. पर आपने दवा पर विश्वास किया और वैद्य की अन्य बातों को नजरअंदाज  कर दिया.

मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप अपने पिताजी को सूर्य की रोशनी से बचायें. इससे उनकी  सभी दवाएं अच्छे से काम करेंगी और उनकी हालत में सुधार आयेगा.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

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