कैंसर में शराब, अंग्रेजी दवा से लड़े और शरीर करे खराब

कैंसर में शराब, अंग्रेजी दवा से लड़े और शरीर करे खराब
पंकज अवधिया  

ऐसा प्रतीत होता है कि आपके पैर का जख्म अब नासूर बन गया है. इसलिए दवाएं अब काम नही कर रही है. इतना सात्विक जीवन जीने के बाद भी आप कैसे ऐसी मुसीबत में फंस गये यह आश्चर्य का विषय है.

आप नेपाल से आये हैं और कैंसर के रोगी हैं. यूरोप में आपकी  चिकित्सा चल रही है.

आप कैंसर के लिए मेरे पास नही आये हैं बल्कि अपने पैर के ठीक नही हो रहे जख्म के विषय में परामर्श लेने आये हैं.

आप जो दवाएं ले रहे हैं उनके बारे में आपने पूरी जानकारी दी है. साथ ही आपने भोजन सामग्री के विषय में भी बताया है. आप सात्विक भोजन करते हैं और कभी जीवन में शराब नही पी है. मैं आपकी मदद  करूंगा.

आपने बताया कि आपको कैंसर की चिकित्सा के लिए Cytarabine नामक दवा दी जा रही है. कैंसर की दवा शुरू होने के बाद बाइक से गिरने के बाद ही आपको यह जख्म हुआ और जिसे आपने साधारण जख्म समझा पर जब लम्बे समय तक यह ठीक नही हुआ तो आप डाक्टरों से मिले.

उन्होंने आपके डायबीटीज को इसके लिए उत्तरदायी माना और दवाएं दी. डायबीटीज नियंत्रण में आ गया पर फिर भी जख्म वैसा ही रहा. आपके डाकटर भी विस्मित हैं.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपको कैंसर के लिए जो दवा दी जा रही है उसकी शराब से नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है.  शराब के सेवन के बारे में आप मुझे सही जानकारी नही दे रहे हैं.

जब आपने मेरे कक्ष में प्रवेश किया था तभी मैं आपकी नाक के निचले हिस्से की बनावट देखकर समझ गया था कि आप शराब के शौक़ीन है और इतना अधिक पीते है कि शराब का बुरा असर अब शरीर की बनावट को बिगाड़ने में तुला हुआ है. आप यदि अपनी शर्ट उतारें तो मैं अपनी बात की पुष्टि के लिए आपके मद्यप्रेमी होने के दूसरे लक्ष्ण भी दिखा सकता हूँ.

चलिए आपने स्वीकार लिया कि आप शराब बहुत अधिक मात्रा में पीते हैं. मेरी सलाह है कि आप शराब बंद कर दे. इससे आपका जख्म बहुत कम समय में ठीक हो जाएगा.

आप याद रखें कि जब तक  आप कैंसर की इस दवा को ले रहें हैं शराब से दूरी रखें नही तो उनकी आपसी प्रतिक्रिया बहुत गडबड करेगी और आपकी जान पर बन आयेगी.
  
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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