फेफड़ों के कैंसर में बोलने में हो दिक्कत, Drug Reaction की ओर ध्यान दो तुरंत

फेफड़ों के कैंसर में बोलने में हो दिक्कत, Drug Reaction की ओर ध्यान दो तुरंत
पंकज अवधिया    
  
आपने जब फोन पर कहा कि रोगी बात नही कर सकता तो मुझे लगा कि उसकी तबियत बहुत खराब है पर यहाँ कोलकाता आकर पता चला कि उसकी समस्या कुछ और ही है.

आप कोलकाता में रहते हैं और दार्जिलिंग में आपके चाय बागान है. आपके बेटे को फेफड़ों का कैंसर है जो अभी आरम्भिक अवस्था में है.

आप आधुनिक उपचार करवा रहे हैं. आपका बेटा मानसिक अवसाद से भी ग्रसित है जिसके लिए बिहार के किसी वैद्य से दवाएं चल रही हैं. 

पिछले कुछ समय से आपके बेटे को बोलने में परेशानी हो रही है. आपके डाकटर इसे कैंसर का प्रभाव मानते हैं और आशंका जताते है कि शायद कैंसर दूसरे भागों में फैलना शुरू हो गया है.

वहीं आपके वैद्य कहते हैं कि मानसिक अवसाद के कारण ऐसा हो रहा है. दोनों ही चिकित्सकों ने दवाएं बढ़ा दी हैं पर बेटे की बोलने की क्षमता तेजी से घट रही है. इसलिए आपने मुझे परामर्श के लिए कोलकाता आमत्रित किया है, मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपके  बेटे को कैंसर के लिए Erlotinib नामक दवा दी जा,रही है. साथ में अन्य दवाएं भी दी जा रही हैं.

आपके वैद्य बेटे को वचा पर आधारित औषधीय मिश्रण दे रहे हैं. उनके फार्मूले में सात और ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिनका असर सीधे दिमाग पर होता है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके बेटे को जो बोलने में तकलीफ हो रही है उसका कारण कैंसर की  Erlotinib नामक दवा और वचा पर आधारित मिश्रण के बीच होने वाली नकारात्मक प्रतिक्रिया है.

कैंसर की दवा वचा से ऐसी प्रतिक्रिया करती है पर इसकी उग्रता उतनी नही होती है.  पूरा मिश्रण इस तरह के लक्ष्ण पैदा कर रहा है.  बोलने में कठिनाई होना कैंसर की Erlotinib  नामक दवा के कारण भी होता है पर उसमे भी इतनी उग्रता नही होती है.

मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप दोनों चिकित्सकों से विमर्श करें और मेरे द्वारा बताई गयी बाते उन्हें बताएं.मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों चिकित्सक अपनी दवाओं में एक बार फिर से परिवर्तन करेंगे जिससे आपके बेटे को आराम मिलेगा.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
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 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com
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