ब्रेन कैंसर की दवा के साथ निर्गुन्डी और रक्तचंदन, त्वचा रोग और हो आँखों की रोशनी कम

ब्रेन कैंसर की दवा के साथ निर्गुन्डी और रक्तचंदन,  त्वचा रोग और हो आँखों की रोशनी कम
पंकज अवधिया

आपने बड़ा समझदारी भरा कदम उठाया है. मैंने आपके द्वारा भेजी गयी पूरी सूची देख ली है.

आपको हाल ही में ब्रेन कैंसर का पता चला है और कुछ समय पूर्व ही आपने आधुनिक उपचार शुरू करवाया है. इससे पहले आप अपनी स्वास्थ समस्याओं के लिए तरह-तरह की खाद्य सामग्रियां, हेल्थ ड्रिंक, देशी-विदेशी फल और जड़ी-बूटियाँ ले रही थी.

ब्रेन कैंसर का पता लगने के बाद आपने इन सब को बंद कर दिया और इनकी सूची बनाकर मुझे भेजा ताकि मैं आपको परामर्श दे सकूं कि आप कैंसर की दवा के साथ क्या-क्या खा सकती हैं और क्या-क्या नही. मैं आपका मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हूँ.

आपने बताया कि आपको कैंसर के लिए Etoposide नामक दवा दी जा रही है. आपके चिकित्सक ने इस दवा के कारण होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में आपको विस्तार से बताया है और आपको छूट दी है कि आप इन्हें दूर करने के लिए घरेलू औषधीयों का प्रयोग कर सकती हैं.

आपने बताया कि आपको जोड़ों में दर्द की शिकायत है जिसके लिए आप तीन तरह के नुस्खे ले रही थी. ये नुस्खे आपने वैद्यों से प्राप्त किये थे. मैंने विस्तार से उन नुस्खों के बारे में आपसे जानकारी ली है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कर्नाटक के वैद्य से जो आपने नुस्खा लिया है उसमे रक्तचंदन को मुख्य घटक के रूप में डाला गया है. इस वनस्पति की आपकी कैंसर की दवा Etoposide के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया  हो सकती है. इससे आपको पूरे शरीर में स्थायी तौर पर खुजली की समस्या हो सकती है. इसलिए आप इसका प्रयोग मत करिएगा.

दूसरा नुस्खा मेथी पर आधारित है जिसे आप अपनी कैंसर की दवा के साथ ले सकती हैं.

तीसरे नुस्खे में निर्गुन्डी मुख्य घटक के रूप में उपस्थति हैं. इसकी भी आपकी कैंसर की दवा के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है. इससे आपको सिर में तेज दर्द होगा और लम्बे समय तक कैंसर की दवा के साथ इसका प्रयोग आँखों की रोशनी को कम कर देगा.  इसलिए मेरी सलाह यही है कि आप इस नुस्खे का प्रयोग न करे.

चलिए अब आपकी खाद्य सामग्रियों पर चर्चा आरम्भ करते हैं.    
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

-=-=-

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)