अग्नाशय कैंसर में शिवलिंगी के साथ Erlotinib, जानकार ही बतायेंगे तकलीफ से बचने की तरकीब

अग्नाशय कैंसर में  शिवलिंगी के साथ Erlotinib, जानकार ही बतायेंगे तकलीफ से बचने की तरकीब
पंकज अवधिया
 
आप धीरज रखें. पहले मैं जिस काम को करने आया हूँ मुझे वह काम कर लेने दीजिये. उसके बाद मैं आपके बेटे को देखने चलूँगा और मुझसे जो बन पड़ेगा मैं करूंगा.

मुझे दिल्ली बुलाया गया था सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित व्यक्ति को परामर्श देने के लिए. उस व्यक्ति का पूरा परिवार ध्यान से मेरी बातें सुनता रहा. इस बीच जब उनके पड़ोसियों को पता चला कि कोई जानकार आया है तो वे भी अपनी समस्याएं लेकर आ गये.

मुझे कुछ घंटों में वापस लौटना था इसलिए मैंने नाराजगी व्यक्त की तो वे चले गये पर उनमे से एक बुजुर्ग रह गये और बार-बार अपने बेटे को देख लेने की जिद करने लगे. परामर्श का समय समाप्त होने के बाद मैंने उनसे  साथ जाने का मन बनाया.

उनका घर पास ही था. घर पहुँचा तो देखा कि बरमूडा पहने एक व्यक्ति सामने बैठा है. मेरा ध्यान उसके पैरों पर गया. एक पैर सुर्ख लाल था जबकि दूसरा पैर बिलकुल सामान्य था.

पहले लगा कि यह किसी प्रकार का त्वचा रोग है पर जब उसने बताया कि एक पैर में बहुत तेज दर्द है. दर्द ऊपर की ओर फैला हुआ है और पेशाब करने में तकलीफ हो रही है तो मेरा माथा ठनका.

बुजुर्ग ने आपने बेटे की इसी समस्या के लिए मुझे बुला रहे थे. वे चाहते थे कि मैं कोई घरेलू दवा सुझाऊं जिससे समस्या का समाधान हो सके पर समस्या आसान नही थी.

मैंने उनसे बेटे द्वारा ली जा रही दवाओं के बारे में पूछा. मुझे बताया गया कि बेटे को Pancreatic Cancer है और इसके लिए उसका आधुनिक उपचार चल  रहा है.

उसकी दवाओं की सूची में मुझे शिवलिंगी नामक वनस्पति पर आधारित फार्मूला भी मिला जिसे बेटे को बुखार आने पर दिया जाता था. इस फार्मूले में शिवलिंगी के अलावा दूसरी जड़ी-बूटियाँ भी डाली गयी थी. कैंसर के लिए बेटे को दी जा रही दवा पर नजर पड़ी तो सारा मामला साफ़ हो गया.

बेटे को कैंसर के लिए  Erlotinib  नामक दवा दी जा रही थी. यह दवा बहुत सी देशी जड़ी-बूटियों के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया (Negative Drug Reaction) करती है. शिवलिंगी भी उनमे से एक है. सारी समस्या की जड़ नकारात्मक प्रतिक्रिया थी.

मैंने बुजुर्ग को पूरी बात बताई तो उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया कि यह सब Drug Reaction के कारण है. उन्होंने यह भी कहा कि जड़ी-बूटियाँ कभी भी नुकसान नही कर सकती. मैं उनको उन्ही के हाल पर छोड़कर वापस आ गया.

करीब एक सप्ताह बाद उनका फोन आया. उन्होंने पहले तो क्षमा माँगी और फिर बताया कि शिवलिंगी का प्रयोग बंद करने के बाद समस्या बहुत हद तक ठीक हो गयी पर पूरी तरह से ठीक नही हुयी है.

मैंने उन्हें सलाह दी कि आप कैंसर की Erlotinib नामक दवा दे रहे चिकित्सक से मिलकर अपनी समस्या बताएं. समस्या का बचा हुआ हिस्सा वे ठीक कर देंगे. कैंसर की दवा के कारण भी ऐसे लक्ष्ण आते हैं.

आज उनका फोन आया कि अब उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया है.     
    
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