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Showing posts from July, 2020

Consultation in Corona Period-21

Consultation in Corona Period-21 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "आप रोज रोज हमें दवा देने के लिए बुलाते हैं। क्यों नहीं आप एक साथ 6 महीने की दवा दे देते ताकि हम ऑस्ट्रेलिया लौट जाते और 6 महीने के बाद फिर आपसे आकर दवा ले लेते।" ऑस्ट्रेलिया से आई एक महिला बस्तर के एक पारंपरिक चिकित्सक से खीझकर शिकायत कर रही थी।  यह घटना 90 के दशक की है जब मुझसे ऑस्ट्रेलिया की एक महिला ने संपर्क किया और बताया कि उनके छोटे से बेटे को सिकल सेल एनीमिया है।  डॉक्टरों ने कहा है कि यह रोग इतना अधिक विकट है कि बहुत अधिक समय तक इस बालक का जीवित रहना संभव नहीं है।  महिला ने पहले तो दुनिया भर की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लिया पर सभी जगह जब दरवाजे बंद हो गए तो उन्होंने भारत का रुख किया।  किसी ने उनको सलाह दी कि वे मुझसे मिले। शायद कोई मदद हो पाए।  जब वे मुझसे मिलने रायपुर आई तो मैंने उनसे कहा कि आप चाहे तो मैं आपको बस्तर के एक पारंपरिक चिकित्सक के पास ले चलता हूं। वे इसकी चिकित्सा में पारंगत माने जाते हैं।  मैं उन्हें निजी तौर पर जानता हूं पर उनसे दवा लेनी है या नहीं लेनी है इसका फैसला आपको करना पड़ेगा।  वे तैया

Consultation in Corona Period-20

Consultation in Corona Period-20 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "नन्द, उपनन्द, सुबाहु, चित्रबाण, चित्रवर्मा, भीमवेग, भीमबल आदि आदि ये उन औषधीय धानों के नाम हैं जो पिता जी ने आपके लिए भिजवाए हैं। ये कुल 100 प्रकार के धान हैं और उन्होंने बताया था कि आप इनके विषय में विस्तार से जानते हैं।" कुछ महीने पहले झारखंड से पधारे एक शख्स ने मुझसे यह कहा। वह लंबी यात्रा करके झारखंड से आया था और एक चिरपरिचित वैद्य का लड़का था।  उसने बड़ी दुख भरी खबर दी और बताया कि कुछ दिनों पहले वैद्य जी का निधन हो गया है।  जब वे बहुत बीमार थे तो उन्होंने कहा था कि ये 100 किस्म के धान के बीजों को अवधिया जी के पास पहुंचा देना ताकि ये सदा के लिए बच जाएं और इनका सदुपयोग मानव कल्याण के लिए होता रहे।  मुझे याद आता है बहुत वर्षों पहले मुझे रांची से एक फोन आया था जिसमें कहा गया था कि आपको तुरंत रांची पहुंचना है एक रोगी को देखने के लिए और आपका जो भी खर्चा होगा वह हम देने के लिए तैयार हैं। आप कैसे भी जल्दी से जल्दी रांची आ जाए।  मैं फ्लाइट से दिल्ली गया। दिल्ली से फिर रांची। वहां एयरपोर्ट पर एक धनाढ्य सज्जन मेरे स्वागत क

Consultation in Corona Period-19

Consultation in Corona Period-19 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया " जेठ और आषाढ़ के महीनों का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। अगर हमने इन 2 महीनों के महत्व को जान लिया तो हम जीवन भर शायद ही कभी बीमार पड़ें। जेठ और आषाढ़ के महीने हमें कोरोना से विजय दिलाने के लिए पर्याप्त हैं।"  जनवरी में मैं एक वेबीनार में व्याख्यान दे रहा था। उस समय चीन में यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा था और पूरी संभावना थी कि कुछ महीनों में यह भारत में फैलने लगेगा।  और तब स्थिति भयावह हो जाएगी क्योंकि यहां करोड़ों की संख्या में लोग रहते हैं और इनके बीच यदि यह वायरस फैला तो नियंत्रण करने में नानी याद आ जाएगी।  विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े बहुत से विशेषज्ञों ने मुझे बीच में रोककर पूछा कि जेठ और आषाढ़ का महीना! क्या यह पूरी दुनिया के लिए आप कह रहे हैं या केवल भारत के लिए?  मैंने उन्हें कहा कि केवल भारतीय ही सौभाग्यशाली हैं जो उनके पास जेठ और आषाढ़ का महीना है।  पूरी दुनिया के पास ये दो महीने नहीं है इसलिए अगर हम पूरी योजना से काम करें तो इन 2 महीनों में हम कोरोना को अपने देश से पूरी तरह से खत्म कर देंगे।  भले ही

Consultation in Corona Period-18

Consultation in Corona Period-18 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "इस दुनिया में अगर किसी में अच्छाई है तो उसमें बुराई भी है और किसी में बुराई है तो उसमें अच्छाई भी है।  इस दृष्टिकोण से कोरोना को भी देखना चाहिए और इसके शरीर पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव का भी अध्ययन करना चाहिए।  क्या आप मेरे साथ जुड़ना पसंद करेंगे?" जनवरी में चीन में फैल रहे कोरोनावायरस पर नजर रखने वाले मेरे एक अमेरिकी वैज्ञानिक मित्र से मैंने यह बात कही।  उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी सोच है और इस पर काम किया जा सकता है।  उन्होंने इस बारे में लिखना शुरू किया और जल्दी ही हमारा एक बहुत बड़ा दल बन गया जो अब कोरोना के सकारात्मक प्रभाव का पूरी दुनिया में अध्ययन कर रहा है।  ब्राजील के वैज्ञानिक मित्र बताते हैं कि यदि कोरोनावायरस के कुछ दुर्गुणों को समाप्त कर दिया जाए तो यह कैंसर के लिए अभिशाप के स्थान पर वरदान हो सकता है।  वे कैंसर के विशेषज्ञ है और पूरी दुनिया में उन्हें कैंसर की चिकित्सा के लिए बुलाया जाता है। उनके शोध निष्कर्षों के आधार पर मैंने ट्वीट किया था कि यदि फालतू कोरोनावायरस को पालतू कोरोनावायरस बना लिया जाए त

Consultation in Corona Period-17

Consultation in Corona Period-17 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "दुनिया यह समझती है कि कोरोना से केवल फेफड़े ही प्रभावित होते हैं पर यहां हम इटली में देख रहे हैं कि हजारों लोग कोरोना जनित किडनी रोगों से परेशान है।  हमारे अस्पताल में हजारों लोग डायलिसिस की लाइन में खड़े हुए हैं और हमारे पास पर्याप्त मात्रा में उपकरण नहीं है। स्थिति बहुत ही भयावह है।  हमने क्रॉनिक किडनी डिजीज पर आपकी 600 घंटों की फिल्में देखी हैं और भारत के पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान पर अभिभूत हैं।  क्या यह पारंपरिक ज्ञान यहां हमारे मरीजों की मदद कर सकता है? यह जानने के लिए हमने आपसे संपर्क किया है। हमने आपके बहुत सारे शोध आलेख भी पढ़े हैं और उसके बाद ही हम आपसे संपर्क कर रहे हैं।" इटली के एक जाने-माने अस्पताल के डायरेक्टर का यह संदेश चौका देने वाला है।  कोरोना जनित स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती सूची चिंता में डाल देने वाली है।  मैंने उन्हें लिखा कि निश्चित ही हमारा पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान आपकी मदद कर सकता है पर इसके लिए आप भारत सरकार से मदद मांगे। उनके माध्यम से मैं आपकी मदद कर पाऊंगा।  जहां तक यहां रायपुर में बैठे-ब

Consultation in Corona Period-16

Consultation in Corona Period-16 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "जब परिवार पर संकट आता है तो परिवार के हर सदस्य से सलाह लेनी चाहिए। भले ही उसकी राय अच्छी लगे या बुरी।" पारंपरिक सर्प विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए मैंने यह कहा। " इसीलिए मैं आपके बीच में आया हूं एक नई बीमारी के साथ। इस विषय में आप की राय जानने के लिए क्योंकि हो सकता है कि बहुत जल्दी यह बीमारी हमारे देश में भी आ जाए और सैकड़ों लोगों की जानें ले ले। इसलिए जरूरी है कि महामारी आने से पहले पूरे इंतजाम कर लिए जाएं।" मैंने आगे कहा। यह बात जनवरी की है जबकि चीन में तेजी से कोरोना फैल रहा था और वहां से बहुत सारे वीडियो आ रहे थे जिसमें मरीजों को दिखाया जा रहा था।  मैंने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक सर्प विशेषज्ञों से कहा कि मैं आपसे मिलकर आपसे कुछ बातें करना चाहता हूं। जितने लोग भी एकत्र हो जाए उन्हें एकत्र करिए और एक छोटी सी बैठक कर लीजिए। ऐसा मैंने जाने-माने सर्प गुरु से भी कहा।  जब मैं रायपुर से 2 घंटों की दूरी में स्थित उनके गांव पहुंचा तो देखा कि बड़ी संख्या में उनके चेले उपस्थित थे। उनकी संख्या 500 से भी अधिक थी और वे

Consultation in Corona Period-15

Consultation in Corona Period-15 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "हम अपने जहाजों को कोरोनावायरस मुक्त करने में कोई कसर नहीं रखना चाहते हैं। इसके लिए हमें आपकी मदद की आवश्यकता है।" डच शिपिंग कंपनी के मालिक ने एक संदेश भेज कर मुझसे मदद मांगी थी।  उनके जहाज जनवरी में उन यात्रियों से भरे थे जिन्हें कोरोना ने जकड़ रखा था और इस कारण दुनिया के बहुत से देश उन जहाजों को अपने तर्टों में नहीं आने दे रहे थे।  बाद में जैसे तैसे उनके जहाज तटों पर आए और उसके बाद से फिर कभी वापस समुद्र की ओर नहीं गए।  उस समय से वे लगातार अपने जहाजों को सैनिटाइज कर रहे हैं। उन्होंने रसायनों का प्रयोग किया और अब वे चाहते थे कि मैं उन्हें कुछ एंटीवायरल जड़ी बूटी सुझाऊँ जिससे कि वे एक बार फिर से अपने जहाजों को सैनिटाइज कर सके। पर उनकी शर्त स्पष्ट थी।  उनका कहना था कि वे भारतीय जड़ी बूटियों को बड़ी मात्रा में इस कोरोनावायरस काल में नहीं मंगा सकते हैं इसलिए मुझे यूरोपीय जड़ी बूटियों को ही सुझाना होगा।  यह मेरे लिए समस्या की बात नहीं थी। मैंने उन्हें यूरोपीय जड़ी बूटियों की लंबी सूची दी और कहा कि इन्हें आप हर्बल फ्यूमिगेश

कोरोनामुक्त घर बनाने की कवायद

Consultation in Corona Period-13 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया कोरोनामुक्त घर बनाने की कवायद "कोरोना का कहर यदि इसी तरह कई वर्षों तक जारी रहा तो कॉंक्रीट जंगल को पूरी तरह से खत्म करना होगा और उसके स्थान पर दूसरी स्टाइल के घरों को बनाना होगा जिसमें समुचित हवा का प्रबंध हो और साथ ही कोरोना के अंदर घुसने की बिल्कुल भी संभावना न हो। हम लोग ऐसे ही एक अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। क्या आप इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना पसंद करेंगे?" ऑस्ट्रेलिया की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने मुझे प्रस्ताव भेजते हुए यह लिखा कि कंपनी ऐसे घरों का निर्माण करना चाहती है जिसमें समुचित हवा का आना जाना हो और साथ ही किसी भी हालत में उसमें रहने वाले लोगों को कोरोनावायरस का संक्रमण न हो।  ऐसे घरों की डिजाइन के लिए उसने दुनिया भर के विशेषज्ञों को एक मंच पर एकत्रित किया है और अब सब मिलकर ऐसे आदर्श घर का खाका तैयार कर रहे हैं।  इस प्रोजेक्ट में मुझे बतौर वनस्पति विशेषज्ञ रखा गया है।  मुझे यह बताना है कि ऐसे कौन से पौधे हैं जिनको गृह वाटिका और घर के अंदर लगाने से घर पूरी तरह से कोरोना से मुक्त हो सकता है।  पहल

Consultation in Corona Period-12

Consultation in Corona Period-12 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मेरे पैरों में चौबीसों घंटे बहुत तेज दर्द होता है और किसी भी तरह से ठीक नहीं होता है। रात भर नींद नहीं होती और बिस्तर पर पैर पटकता रहता हूं।" नीदरलैंड से आए एक संदेश में यह बात कही गई। यह संदेश एक युवक का था। उसे कोविड-19 से निपटे 1 महीने का समय हुआ था। डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह कोविड-19 मुक्त घोषित कर दिया था।  उसकी सारी तकलीफें अब खत्म हो गई थी पर पैरों का दर्द अभी भी जारी था।  इंटरनेट पर मेरे लेखों को पढ़कर उसने मुझसे संपर्क करने की ठानी और यह संदेश भेजा।  उसने मुझे बताया कि डॉक्टर पेन किलर दे रहे हैं पर उससे कोई भी स्थायी लाभ नहीं हो रहा है। पेन किलर आखिर कितनी और कब तक खाई जाए? उसने अपनी बात जारी रखी। "थक हार कर मैंने कोविड-19 की एक बार फिर से जांच कराई। यह सोच कर कि कहीं दोबारा आक्रमण न हो गया हो पर यह रिपोर्ट नेगेटिव आई। अगर आप मेरी मदद कर सके तो मैं इस दर्द से मुक्त हो सकता हूं।"  उसने बताया कि वह किसी भी प्रकार की दूसरी बीमारी से ग्रस्त नहीं है और इसलिए किसी भी प्रकार की दवा नहीं ले रहा है।  मैंने उ

Consultation in Corona Period-11

Consultation in Corona Period-11 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "आप पीने का पानी उबालकर ठंडा कर उपयोग करें।" जनवरी में जब चीन में और चीन के बाहर कोरोनावायरस का फैलाव शुरू  हुआ तो श्रीलंका से आए एक फोन के जवाब मे मैंने कहा।  उधर से जवाब आया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तो ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। वे तो बस साबुन से अच्छे से हाथ धोने की सिफारिश कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि अभी इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए ऐतिहातन आप उबला हुआ पानी पी सकते हैं। उसके बाद जब कोरोनावायरस स्पेन पहुंचा तब भी मैंने लोगों को यह सलाह दी कि आप उबला हुआ पानी पीजिए। उन्होंने भी वही सवाल दोहराया कि विश्व स्वास्थ संगठन ने ऐसा क्यों नहीं कहा है।  इसके बाद मैंने विश्व स्वास्थ्य संगठन को ट्वीट किया कि वह अपने अनुमोदनों  में उबले हुए पीने के पानी के प्रयोग की सलाह भी  दें पर यह सुझाव अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।  चीन से जो पहले पहल वीडियो आ रहे थे उनमें बताया और दिखाया जा रहा था कि वे अपने जल स्रोतों को साफ कर रहे हैं और साथ ही पानी के पाइप को सैनिटाइज कर रहे हैं।  उस समय विशेषज्ञों ने यह आ

Consultation in Corona Period-10

Consultation in Corona Period-10 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "सादर प्रणाम, क्या आप मुझे दर्द से मुक्ति दिलवा सकते हैं? क्या आप मेरी मदद करेंगे?" इंटरनेशनल कॉल पर इतनी अच्छी हिंदी सुनकर मैं चौका।  यह फोन ब्रिटेन के किसी कस्बाई इलाके से आया था और एक 75 वर्षीय महिला का था जोकि ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित थी।  उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण अलग-थलग पड़ गई है। उनका परिवार उनके साथ नहीं है और उनके कैंसर ने उग्र रूप धारण कर लिया है।  वे घर पर अकेली है और बिस्तर से उठ नहीं पा रही है। दर्द के मारे उनकी हालत खराब है। प्रभावित ब्रेस्ट पर एक खुला जख्म है इसलिए कई दिनों से ड्रेसिंग न होने के कारण उसकी बदबू चारों ओर फैल गई है और पड़ोसी भी अब आपत्ति करने लगे हैं-ऐसा उन्होंने बताया।  मैंने उनसे पूछा कि आप डॉक्टर की सहायता क्यों नहीं लेती हैं?  उन्होंने कहा कि सारी दवा खत्म हो गई है और डॉक्टरों तक पहुंचना संभव नहीं है। उनका कहना था कि वे मेरे कार्यों से मुझे कई वर्षों से जानती हैं और मेरे इंटरनेट पर लेख पढ़ती रहती हैं इसीलिए आपातकाल में उनको मेरी याद आई और उन्होंने आनन-फानन में फोन किया। मैंने

Consultation in Corona Period-9

Consultation in Corona Period-9 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "जैसा कि आप जानते हैं कि यह वायरस चीन से फिलीपींस तक पहुंच गया है। हम लोग क्लिनिकल ट्रायल्स करना चाहते हैं। उसके लिए हमें मेडिसिनल राइस की आवश्यकता है। क्या आप इस विषय में हमें परामर्श दे सकेंगे?" फिलीपींस के शोधकर्ताओं का जब यह संदेश आया तो मैंने सोचा कि उन्हें भारतीय मेडिसिनल राइस की जरूरत है पर उन्होंने बाद में बताया है कि उन्हें ऐसे मेडिसिनल राइस की जरूरत है जो कि फिलीपींस के मूल निवासी हो और जिनमें एंटीवायरल प्रॉपर्टीज हों। जैसा कि आप जानते हैं कि मैंने दुनिया भर के मेडिसिनल राइस पर शोध किया है और इससे संबंधित चिकित्सकीय ज्ञान को डॉक्यूमेंट के रूप में अपने डेटाबेस के माध्यम से प्रस्तुत किया है इसीलिए फिलिपिंस के शोधकर्ताओं ने मुझसे सीधे संपर्क करने करने का मन बनाया। फिलीपींस के हजारों मूल मेडिसिनल राइस की सूची में से मैंने 10 राइस सिलेक्ट किए और उनकी सूची शोधकर्ताओं को भेज दी। इनमें से 9 तो उनको किसानों के खेतों में मिल गई पर एक के लिए उन्होंने फिर से मुझसे संपर्क किया। फिलीपींस में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्य

Consultation in Corona Period-8

Consultation in Corona Period-8 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया " सोशल मीडिया से आपकी पोस्ट लगातार गायब होती जा रही है। लगता है किसी को पसंद नहीं है कि आप कोरोना के बारे में विस्तार से लिखें और उसके राज के बारे में पूरी दुनिया को बताएं।" ऐसे संदेश मुझे तब मिले जबकि जनवरी की शुरुआत में चीन में कोरोना तेजी से फैल रहा था एक रहस्यमयी बीमारी के रूप में। उस समय उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। चोरी छुपे सैकड़ों वीडियो चीन से बाहर आ रहे थे और उनमें उन मरीजों की तस्वीरें थी जो अस्पताल में पड़े तड़प रहे थे।  उनको देखकर साफ लगता था कि यह रहस्यमयी बीमारी नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। वीडियो में बताया जा रहा था कि इसका दिमाग पर विशेष प्रभाव पड़ता है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सक भी इन वीडियो को देखकर कह रहे थे कि यह एक घातक बीमारी है और इसका इलाज करना बहुत अधिक कठिन होगा।  भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में पारंपरिक चिकित्सक चेहरे को देखकर भी रोगों का पता लगाते हैं। यह भारत का गूढ पारंपरिक ज्ञान है।  पारंपरिक चिकित्सकों के पास आधुनिक मशीनें नहीं होती है और चेहरे का अध्ययन करके ठीक-ठीक बीमारी का

Consultation in Corona Period-6

Consultation in Corona Period-6 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया  "कोरोना के चंगुल से तो मैं निकल गया पर उसने मेरे फेफड़े को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है. न मुझे ठीक से चलते बनता है न ही काम करते. लगता है अब यह जीवन भर का सिर दर्द हो गया है। आपके पास कोई उपाय हो तो बताएं। मैं तो केवल फिजियोथैरेपी पर ही टिका हुआ हूं।" यह संदेश स्पेन के उस डॉक्टर मित्र का था जो दुनिया भर में अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने जी जान से कोरोनावायरस रोगियों की सेवा की और उसके बाद खुद ही इसके शिकार हो गए। बड़ी मुश्किल से उनकी जान बची। ठीक होने के बाद वे फिर से कोरोनावायरस की लड़ाई में शामिल होना चाहते थे।लेकिन फेफड़ों की समस्या के कारण उन्हें हमेशा घर में रहना पड़ता है।  मैंने उन्हें बताया कि भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में बहुत सारे ऐसे नुस्खे हैं जोकि इस दिशा में दुनिया की मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ में एक विशेष प्रकार की मछली को 13 प्रकार के औषधीय चावल के साथ 13 दिनों तक दिया जाता है और इस चक्र को तीन से चार बार दोहराया जाता है। इससे फेफड़े के टिशू फिर से रिपेयर हो जाते हैं और वह फ

Consultation in Corona Period-5

Consultation in Corona Period-5 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "चीन के आमंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के माध्यम से हमारी पूरी टीम बीजिंग जा रही है ताकि यह पता लग सके कि चीन वास्तव में इस महामारी के नियंत्रण के लिए कुछ ठोस उपाय कर रहा है या नहीं। हमने जाने की पूरी तैयारी कर ली है। सारे सुरक्षा साधन अपने साथ रख लिए हैं। स्वास्थ का बेहतर ध्यान रख रहे हैं फिर भी यदि आप कुछ सुझा सकें तो हमारी बहुत अधिक मदद हो जाएगी।" ऐसा संदेश मुझे उस टीम में जा रहे एक एक्सपर्ट मित्र से मिला.  मैंने उन्हें बहुत सारे उपाय बताएं और साथ ही कहा कि यदि आप किसी को रायपुर भेज सकें तो मैं एक विशेष प्रकार का संस्कारित लौंग भेज दूंगा जिसे आप हमेशा मुंह में दबाकर रख सकते हैं। मुझे लगता है कि इससे आप संक्रमण से पूरी तरह बचे रहेंगे।  उन्होंने मेरी बात मानी और इसके बारे में विस्तार से जानकारी मांगी। मैंने उन्हें अपना आलेख भेज दिया जिसमें यह बताया गया था कि कैसे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिकित्सक गुटखा की आदत वाले युवाओं को इस लौंग को मुंह में रखने की सलाह देते हैं ताकि गुटखे का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए और भविष्य मे

Consultation in Corona Period-4

Consultation in Corona Period-4 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया  "हम पिछले हफ्ते चीन के उसी चर्चित बाजार में थे जहां से इस वायरस के फैलने की बात कही जा रही है. हमने वहां पर सीफूड खाया और साथ ही पैंगोलिन का मांस भी। कुछ दिनों से हमारी तबीयत बिगड़ने लगी है और हमें सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है। क्या आप हमारी मदद कर सकते हैं?"  यह संदेश उस समय आया जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को कोविड-19 का नाम नहीं दिया था. दुनिया को इस वायरस के बारे में बहुत कम जानकारी थी और चीन बड़े-बड़े ट्रकों के माध्यम से पूरे वुहान को सैनिटाइज कर रहा था। उस समय चीन में सभी जानते थे कि यह वायरस हवा से फैलता है इसीलिए इतने बड़े स्तर पर सैनिटाइजेशन हो रहा था पर यह वह समय था जबकि विश्व स्वास्थ संगठन कह रहा था कि यह वायरस हवा से नहीं फैलता है।  सारी दुनिया की सरकारें विश्व स्वास्थ संगठन पर आंखें मूंदकर विश्वास कर रही थी और उस संगठन पर चीन से मिलीभगत का आरोप भी लग रहा था। बहरहाल जिन लोगों ने मुझसे संपर्क किया था वे स्पेन के निवासी थे जो कि चीन में रह रहे थे।  उस समय चीन में महामारी से हाहाकार मचा हुआ था औ