प्रोस्टेट कैंसर में Docetaxel के साथ दोषयुक्त च्यवनप्राश , नर्वस सिस्टम का करे सत्यानाश

प्रोस्टेट कैंसर में Docetaxel  के साथ दोषयुक्त च्यवनप्राश , नर्वस सिस्टम का करे सत्यानाश

पंकज अवधिया

आपके पैरों में बहुत कमजोरी हो गयी थी और इसलिए आप मुझसे मिलने आये थे. 

पैरों की कमजोरी दूर करने के लये जब आपके तलवों पर जड़ी-बूटियों के लेप लगाये गये तो चौकाने वाले परिणाम आये. आपसे पेशाब सम्बन्धी समस्याओं के बारे में पूछा गया और जब आपने अपनी मूत्र प्रणाली से जुडी समस्याओं को विस्तार से बताया तो जड़ी-बूटियों से किये गये परीक्षणों के परिणामो के आधार पर आपको कैंसर विशेषज्ञों के पास भेजा गया.

जल्दी ही उन्होंने पुष्टि की कि आपको प्रोस्टेट का कैंसर है और वह इतना अधिक फ़ैल गया है कि रीढ़ पर दबाव बना रहा है. इसी दबाव के कारण आपके पैरों में लगातार कमजोरी आ रही थी.
 आप सौभाग्यशाली है जो रोग का पता समय रहते चल गया और आपकी चिकित्सा शुरू हो गयी. वैज्ञानिक अनुसन्धान बताते हैं कि ८० प्रतिशत लोगों के प्रोस्टेट कैंसर का पता उनकी मृत्यु के बाद की गयी जांच से पता चलता है. जीवन काल में न रोगी और न ही उनके डाकटर जान पाते हैं कि प्रोस्टेट का कैंसर है.

आज आप एक वर्ष बाद मुझसे मिलने फिर से आये हैं. आपने बताया कि  प्रोस्टेट कैंसर का आधुनिक उपचार जारी है और साथ ही घरेलू औषधीयों और जड़ी-बूटियों से भी आप उपचार करवा रहे हैं. अभी आपकी नई समस्या प्रोस्टेट कैंसर नही बल्कि आपको नींद में झटके आना है.

मैंने विस्तार से आपके द्वारा ली जा रही दवाओं के बारे में जानकारी ली है. मैं आपकी मदद करूंगा.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि प्रोस्टेट कैंसर के लिए आप जो Docetaxel नामक दवा ले रहे हैं उसकी आपके च्यवनप्राश के घटकों से नकारात्मक प्रतिक्रिया हो रही है.

आपके च्यवनप्राश  में जो सतावर डाली गयी है वही मुख्य रूप से दोषी है. च्यवनप्राश  में प्रयोग की गयी सतावर को जंगल से कच्ची अवस्था में एकत्र किया गया है. यदि इसमें पूरी तरह से तैयार सतावर के कंदों को डाला जाता तो ये नकारात्मक प्रतिक्रिया नही होती.

मैं आपको यह सलाह देना चाहता हूँ कि आप इसी कम्पनी के दूसरे लाट का च्यवनप्राश उपयोग करके देखें या बेहतर होगा कि किसी दूसरे निर्माता का च्यवनप्राश  लेकर देखें. यदि आपकी समस्या बरकरार रहती है तो आप च्यवनप्राश  का प्रयोग कुछ समय के लिए रोक दें. आपकी समस्या का  समाधान हो जाएगा.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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