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Showing posts from November, 2016

प्रोस्टेट कैंसर में जब मिले लाहा गोंदी कूट और केऊकंद, छ्पाकी छीन ले सारा जीवन आनन्द  

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प्रोस्टेट कैंसर में जब मिले लाहा गोंदी कूट और केऊकंद, छ्पाकी छीन ले सारा जीवन आनन्द   पंकज अवधिया लाहा गोंदी कूट पर आधारित फार्मूले पर चर्चा करने के लिए आप आये हैं अपने शोध दल के साथ. आपका स्वागत है. मुझे याद है की सात वर्ष पहले आपने मुझसे सम्पर्क किया था. आपका शोध दल प्रोस्टेट कैंसर के हर्बल फार्मूलेश्न्स पर काम करना चाहता था. जब मैंने लाहा गोंदी कूट का नाम सुझाया तो आपने इसी पर ध्यान केन्द्रित किया और इस पर आधारित पचपन जड़ी-बूटियाँ वाला एक फार्मूला तैयार किया और फिर वर्षों तक इसका परीक्षण करते रहे. इस फार्मूले के कारण आपके रोगियों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. आप इन समस्याओं के समाधान के लिए एक बार फिर मुझसे मिलने आये हैं. आपने बताया कि कैंसर रोगी जब इसे एक महीने से अधिक समय तक लेते हैं तब उनकी आँखों में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं जिनमे एक वस्तु का दो दिखाई देना प्रमुख है. दवा के बंद होते ही एक सप्ताह के भीतर इस समस्या का अपने आप समाधान हो जाता है. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण फार्मूले में उपस्थित मकोय है जिसकी फ

लीवर कैंसर की दवा से हो जब नकसीर, सलिहा को फार्मूले से हटा कर बदलें तस्वीर

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लीवर कैंसर की दवा से हो जब नकसीर, सलिहा को फार्मूले से हटा कर बदलें तस्वीर पंकज अवधिया कहीं भारी गडबड लगती है. किसी फार्मूले से रोगी की ऐसी दशा होते मैंने बहुत कम देखा है. रोगी की नाक से लगातार खून बहना शुभ लक्ष्ण नही है. आप ऐसे फार्मूलों को प्रयोगशाला जीवों तक ही सीमित रखें. मनुष्यों पर ऐसे घातक प्रयोग ठीक नही है. आप दिल्ली के एक जाने-माने कैंसर प्रतिष्ठान के निदेशक हैं और साथ ही लीवर कैंसर की एक नई दवा   के विकास में लगे शोध दल के मुखिया भी हैं. आपने जो फार्मूला विकसित किया है वो कैंसर के लिए तो लाभप्रद है पर उसके प्रयोग से रोगियों को कई तरह की स्वास्थ समस्याएं आ रही हैं. आपका फार्मूला पालीहर्बल फार्मूला है. जड़ी-बूटियों पर आधारित फार्मूले के कारण होने वाली स्वास्थ समस्याओं को देखकर आप विस्मय में है. आपको लगा था कि जड़ी-बूटियों से केवल लाभ होता है, किसी तरह की हानि नही. इस फार्मूले के कारण हो रही समस्याओं पर चर्चा करने के लिए आपने फीस देकर परामर्श का समय लिया है.   आपका स्वागत है. आपने बताया कि आपका फार्मूला सफेद फूल वाले गदहपुरना पर आधारित है. इसक

मुंह के कैंसर की दवा से नपुंसकता, जड़ी-बूटियों का ज्ञान ही आपको है बचा सकता पंकज अवधिया  

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मुंह के कैंसर की दवा से नपुंसकता, जड़ी-बूटियों का ज्ञान ही आपको है बचा सकता पंकज अवधिया    आपने मुंह के कैंसर के लिए जो दवा विकसित की है उसके बारे में जानकार मुझे बहुत खुशी हुयी. आपने बताया कि रोग की आरम्भिक अवस्था में यह असरकारक है और कीमोथेरेपी जैसे आधुनिक उपचारों के बुरे प्रभावों से पूर्णत: मुक्त है. आप सब बंगलुरु से आये हैं और एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं. आपने पांच वर्षों की मेहनत से मुंह के कैंसर की दवा विक्सित की है. आपने जब इसे रोगियों पर आजमाया तो आपको अच्छे परिणाम मिले. कुछ रोगियों को कई तरह की समस्याएं हुयी. उन्ही समस्याओं के बारे में चर्चा करने के लिए आप सब मुझसे मिलने आये हैं. आपका स्वागत है. आपने बताया कि आपने काला बाला पर आधारित नुस्खा विकसित किया है जिसमे बीस तरह की जड़ी-बूटियाँ मिलाई गयी हैं. सभी जड़ी-बूटियाँ आप जंगलों से एकत्र करते है और फिर उसे लैब में तैयार करके रोगियों को देते हैं. आपने बताया कि जब इस नुस्खे को युवाओं को दिया जाता है तो उनमे नपुंसकता जैसे लक्ष्ण आने लगते हैं. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि ऐसा नुस्खे में उपस्थित चव्

ब्लड कैंसर के फार्मूले से मानसिक अवसाद, ऐसे में तगर को करें तुरंत याद

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ब्लड कैंसर के फार्मूले से मानसिक अवसाद, ऐसे में तगर को करें तुरंत याद पंकज अवधिया पीतबाला पर आधारित   हर्बल फार्मूलेशन के बारे में आपने जो जानकारी भेजी थी उसे मैंने पढ़ा है. हमारे देश के पारम्परिक चिकित्सक पीढीयों से ऐसे नुस्खों का सफलतापूर्वक प्रयोग कर रहे हैं. मुझे इस बात की खुशी है कि आपके शोधदल ने ब्लड कैंसर के लिए एक हर्बल फार्मूला विकसित किया है. आप मेरे पास इसकी खामियां दूर करने आये हैं. आपका स्वागत है. आप के शोधदल में देश भर के वैज्ञानिक है पर ज्यादातर नागपुर से आये हैं. आपने बताया कि आपका दल पिछले बीस वर्षों से रक्त कैंसर के फार्मूले के विकास में निरंतर लगा हुआ है. आपको अब जाकर कुछ सफलता मिली है. आपको इस फार्मूले में बहुत सी खामियां दिखाई पड़ी है. इन्हें दूर करने के लिए आप दुनिया भर के विशेषज्ञों से मिले पर आपको आशातीत सफलता नही मिली. मैं आपकी मदद करूंगा. आपके फार्मूले के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसे लेने के बाद रोगी के आँखों की रोशनी कम हो जाती है. ऐसा आपके फार्मूले में प्रयोग की गयी चार की जड़ के कारण है. इसकी नकारात्मक प्रतिक्रिया फार्मूले क

बोन कैंसर के फार्मूले से हाथ-पैरों में जलन, फार्मूले में सुधार करने का करें प्रयत्न

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बोन कैंसर के फार्मूले से हाथ-पैरों में जलन, फार्मूले में सुधार करने का करें प्रयत्न पंकज अवधिया   आपकी टीम बधाई की पात्र है जो आप लोगों ने अथक परिश्रम के बाद बोन कैंसर के लिए नई दवा विकसित की है. इस दवा में कई प्रकार की जड़ी-बूटियाँ हैं और बोन कैंसर की आरम्भिक अवस्था में यह रामबाण की तरह कार्य करती है. आप महाराष्ट्र से आये हैं और आपके साथ आपकी रिसर्च टीम के सदस्य हैं. आपने बताया कि आपका फार्मूला अब पेटेंट के लिए तैयार है पर उसमे कुछ खामियां हैं. इन्ही खामियों को दूर करने के लिए आपने मुझसे मिलने का समय लिया है. आप पूरे दो दिन मेरे साथ विमर्श करेंगे और फिर फार्मूले में सुधार के बाद उसे पेटेंट करवाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. आपके आने से पहले मैंने न केवल फार्मूले के बारे में विस्तार से जानकारी   ली है बल्कि उन रोगियों से भी बात की है जिन्हें आपकी दवा से लाभ हुआ है. आपने बताया कि जिन रोगियों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है उन्हें जब यह दवा दी जाती है तो उनके शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. ये स्थायी नही होते हैं. हर बार दवा देने के आधे घंटे बाद ऐसा होता है. मैं आप

फेफड़े के कैंसर में तालीसपत्र के नुस्खे में हुआ सुधार, रोगियों का हो रहा है बेड़ा पार

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फेफड़े के कैंसर में तालीसपत्र के नुस्खे में हुआ सुधार, रोगियों का हो रहा है बेड़ा पार पंकज अवधिया   भारतीय पारम्परिक चिकित्सा में ऐसे बहुत से नुस्खे हैं जो अब उपयोग नही हो रहे हैं. पने कुछ दोषों के कारण ये नुस्खे पारम्परिक चिकित्सकों की निगाह से हट गये और धीरे-धीरे हाशिये में खो गये. ऐसा ही एक नुस्खा तालीसपत्र   पर आधारित नुस्खा है जिसे मैं आपको लेने की सलाह दे रहा हूँ. आपको फेफड़े का कैंसर है और आप रोग की अंतिम अवस्था में है. जब आपने कुछ महीने पूर्व मुझसे सम्पर्क किया तब मैंने आपको एक के बाद एक दस से अधिक पारम्परिक चिकित्सकों के पास भेजा जो कि फेफड़े के कैंसर की चिकित्सा में महारत रखते थे. उन्होंने बहुत से नुस्खे आपको दिए पर सारे बेअसर साबित हुए. पारम्परिक चिकित्सकों ने आपसे कहा कि आपने आने में देर कर दी. आपने यदि पहले उनसे सम्पर्क किया होता तो इसके ठीक होने की प्रबल सम्भावना थी. अब थक-हार कर आप वापस मेरे पास आये हैं. मैं भी असमंजस में हूँ. मैं आपको निराश नही करना चाहता. मैं आपकी कैंसर से हो रही लड़ाई में मददगार बनना चाहता हूँ. बीस वर्ष पूर्व मध्य भारत के

कैंसर में अनुमोदित मात्रा से अधिक जड़ी-बूटियों का सेवन, मुश्किल कर  सकता है आपका जीवन 

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कैंसर में अनुमोदित मात्रा से अधिक जड़ी-बूटियों का सेवन, मुश्किल   कर    सकता है आपका जीवन  पंकज अवधिया   आपकी आँखें लाल हैं, उनसे लगातार पानी बह   रहा है, आपके सिर    में तेज दर्द हो रहा है, आपको नींद नही आयी है कई रातों से, आपके पूरे शरीर में कम्पन है, आपका पाचन तंत्र बिगड़ा हुआ है, मल और   पेशाब में खून जा रहा है, कुल मिलाकर आपकी हालत बहुत खराब है. आपको लगता है कि    ऐसा आपके कैंसर के कारण हो रहा है.  आपने  लीवर कैंसर के लिए  कुछ समय पूर्व जब मुझसे सम्पर्क किया था तो मैंने आपको उत्तराखंड के एक जाने-माने वैद्य के पास भेजा था. आपने उनकी दवा लेनी शुरू की तो दो दिन में ही आपको लाभ नजर आने लगा.  आपने बताया कि   उन्होंने खान-पान में कड़ाई बरतने को कहा है और कई तरह के परहेज बताये हैं.  उनकी दवा लेने के सात दिनों के बाद आपको बहुत सारी शारीरिक समस्याएं पैदा हो गई जिनका  जिक्र मैंने इस लेख के आरम्भ    में किया है.  आपकी इस स्थिति से आपके वैद्य भी हैरान थे. उन्होंने आपको धीरज रखने को कहा पर जब पानी सिर के ऊपरः से गुजरने   लगा तब आपने वैद्य से दवा न लेने का मन बनाया। आपन

कैंसर के टयूमर के लिए मासूम कौव्वे का प्रयोग, ऐसी असफल चिकित्सा क्यों करते हैं लोग

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कैंसर के टयूमर के लिए मासूम कौव्वे का प्रयोग, ऐसी असफल चिकित्सा क्यों करते हैं लोग पंकज अवधिया मैं आपकी भावनाओं को समझ सकता हूँ. आप अपनी चिकित्सा के लिए किसी निरीह पक्षी की जान नही लेना चाहते हैं. आपको जब मुंह के कैंसर का पता चला तो वह बहुत अधिक फैल चुका था. आपका आधुनिक उपचार शुरू तो हुआ पर जल्दी ही बंद हो गया. आपके डाक्टरों ने काहा कि आपके पास कुछ समय ही शेष है. आपने पारम्परिक उपचार का सहारा लिया. आप बहुत हडबडी में थे इसलिए लगातार उपचार बदलते रहे. वैद्यों ने आपसे कहा कि आप धीरज रखें और कम से कम तीन महीनों तक उनकी दवा लेने के बाद ही उपचार बदलने का फैसला लें पर आप हर दस दिन में वैद्य बदलते रहे. इसी क्रम में आप बंगाल के एक वैद्य के पास पहुंचे जो टयूमर के लिए कौव्वे   का प्रयोग करते हैं.   जब भी आप उनके पास जाते हैं वे कौव्वे को मारकर उसका   ताजा मांस आपके टयूमर पर लगा देते हैं. उनका दावा है कि इससे टयूमर में लाभ होता है. आप शाकाहारी हैं और अपनी जान बचाने के लिए बेकसूर पक्षी की जान नही लेना चाहते हैं. आप वैद्य के पास एक सप्ताह तक रहे और प्रतिदिन कौओ को मारन

कैंसर में विपरीत आहार, जड़ी-बूटियों के असर को कर सकता हैं बेकार पंकज अवधिया

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कैंसर में विपरीत आहार, जड़ी-बूटियों के असर को कर सकता हैं बेकार पंकज अवधिया इंटरनेट पर जिन भी स्वास्थवर्धक भोजन सामग्रियों की जानकारी मिली आपने उसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया. इस बात की परवाह किये बिना कि कौन सी भोजन सामग्री आपके लिए उपयुक्त है और कौन सी नही. इसी का दुष्परिणाम आप भोग रहे हैं. आपने स्किन कैंसर की चिकित्सा के लिए मुझसे सम्पर्क किया है. इस कैंसर का पता लगने पर आपने आधुनिक उपचार का सहारा लिया. कीमोथेरेपी जब बेअसर साबित होने लगी तो आपने पारम्परिक उपचार की ओर रुख किया. स्किन कैंसर के बारे में जानकारी रखने वाले और सही पारम्परिक चिकित्सकों की कमी के कारण आप बहुत निराश हुए. लगातार उपचार बदलने के कारण आपके कैंसर ने विकराल रूप धारण कर लिया और पारम्परिक चिकित्सकों ने भी बहाने बनाकर आपका उपचार बंद कर   दिया. आप कैंसर से लड़ना चाहते हैं इसलिए आपने अपनी दिनचर्या में ढेरों स्वास्थवर्धक भोजन सामग्रियों को शामिल कर लिया है. आपने दुनिया भर से इन सामग्रियों को मंगवाया और फिर अपने विवेकानुसार इन्हें लेने लगे. आपके स्वास्थ में सुधार आया. आपका वजन