ब्रेस्ट कैंसर में कब्जियत और फिर चांगेरी भाजी, महारोग के लिए जैसे आग में घी

ब्रेस्ट कैंसर में कब्जियत और फिर चांगेरी भाजी, महारोग के लिए जैसे आग में घी
पंकज अवधिया   

अच्छा हुआ जो आपने मिलने आने से पहले उस पौधे का सेम्पल भिजवा दिया जिसकी पत्तियों का उपयोगे आप सुबह-शाम नाश्ते के रूप में कर रही थी. इसे हम चांगेरी भाजी के रूप में जानते हैं.

आपने बताया कि आपको ब्रेस्ट कैंसर है और डाक्टरों के अनुसार यह रोग की अंतिम अवस्था है. आप कीमोथेरेपी करवा रही हैं पर आपको बिलकुल भी लाभ नही हो रहा है.

आपका पेट हमेशा साफ़ रहता था और बचपन से कभी कब्जियत की स्जिकायत नही हुयी. पर कैंसर का पता लगने के बाद आपको जबरदस्त कब्जियत की शिकायत हो गयी और उसके कारण आपको नई-नई स्वास्थ समस्याएं पैदा हो गयी.

आपने कई तरह के रेचक आजमाए पर स्थायी समाधान नही मिला . अपने किसी मित्र के कहने पर चांगेरी भाजी को आजमाने का निर्णय लिया. आपको इंटरनेट से भी इसके बारे में जानकारी मिली.

आपने थोड़ी मात्रा से इसकी शुरुआत की फिर नाश्ते में दोनों समय इसे ही खाने लगी. आपकी कब्जियत की समस्या का कुछ हद तक समाधान हुआ पर इसके बाद पूरे शरीर में भयंकर पीड़ा का दौर शुरू हो गया और आपने मुझसे परामर्श लेने का निश्चय किया. मैं आपकी मदद करूंगा.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आप  कैंसर के लिए जो Eribulin नामक दवा ले रही थी उसके प्रयोग से कब्जियत की शिकायत अक्सर हो जाती है. आपको यह बात अपने डाक्टर को बतानी थी. वे जरुर ऐसा उपाय करते जिससे आपकी समस्या का समाधान हो जाता पर आपने मित्र की सलाह को प्राथमिकता दी.

आपने  चांगेरी भाजी का जो प्रयोग किया वह आपके कैंसर के लिए अभिशाप है. अधिक मात्रा में इसके उपयोग ने कैंसर को फैलने में मदद की. इसमें आक्जेलिक  एसिड होता है जो आपके शरीर के लिए नुक्सानदायक है.

चांगेरी भाजी की आपको दी जा रही कैंसर की दवा Eribulin से नकारात्मक प्रतिकिया (Negative Drug Reaction) होती है. इन दोनों के एक साथ उपयोग से आपको पूरे शरीर में असहनीय पीड़ा की समस्या उत्पन्न हुयी. आपने स्व-चिकित्सा के द्वारा अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है.

मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप चांगेरी भाजी को नमस्कार कहें और तुरंत ही इसका प्रयोग बंद करें. आपकी कब्जियत के लिए मैं आपको सरल उपाय बताता हूँ. आप चाहे तो इसकी चर्चा अपने डाकटर से कर सकती हैं.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
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 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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