ब्रेन कैंसर में कमर दर्द के लिए निर्मली, दवाओं की प्रतिक्रिया से दर्दयुक्त बने पसली

ब्रेन कैंसर में कमर दर्द के लिए निर्मली,  दवाओं की प्रतिक्रिया से दर्दयुक्त बने पसली  
पंकज अवधिया

आपने जिस विस्तार से अपनी समस्या के बारे में बताया है उससे निश्चित ही आपकी समस्या के सरल समाधान में मदद मिलेगी.

आपको ब्रेन कैंसर है और डाक्टरों के अनुसार यह दूसरी अवस्था में है. आपका आधुनिक उपचार चल रहा है. आप कैंसर के लिए जड़ी-बूटियाँ नही ले रहे हैं पर लगातार रहने वाले कमर दर्द के लिए आप एक आयुर्वेद चिकित्सक से दवा ले रहे हैं.

कुछ दिनों से आपको पसली में तेज दर्द की शिकायत है. पहले आपने अपने डाकटर से बात की तो उन्होंने दर्द नाशक दवा दे दी. दवा लेते तक दर्द ठीक रहता है और फिर दवा लेना बंद करने के बाद फिर से शुरू हो जाता है.

आपने आयुर्वेद चिकित्सक को भी अपनी समस्या बताई तो उन्होंने एक और दवा शुरू कर दी पर उससे आपको अधिक लाभ नही हुआ.

आपने अपने कैंसर और पसली के दर्द के लिए मुझसे मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपके डाक्टर कैंसर के लिए Etoposide  नामक दवा दे रहे हैं जबकि आपके आयुर्वेद चिकित्सक कमर दर्द के लिए निर्मली पर आधारित फार्मूला दे रहे हैं.

आपने यह भी बताया कि पसली का दर्द सुबह के समय बढ़ता है और जरा से परिश्रम से यह असहनीय हो जाता है. आप जब भी दूध पीते हैं तो दर्द में वृद्धि होती है और खट्टे फल खाने के कुछ देर बाद पसली का दर्द बहुत अधिक फ़ैल जाता है.

कमरे में जब तक पंखा चलता रहता है तब तक दर्द नही होता पर जैसे ही पंखा बंद होने पर गर्मी बढती है दर्द शुरू हो जाता है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके कैंसर की दवा और आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा दी जा रही दवा के बीच नकारात्मक प्रतिक्रया हो रही है. लगता है कि आपके चिकित्सक ने निर्मली का प्रयोग करने से पहले उसका ठीक से शोधन नही किया है.

मैं आपको  यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप अपनी कमर दर्द की दवा को कुछ समय तक रोक दे. इससे जल्दी ही आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.

आप अपने चिकित्सक से दूस्स्री दवा देने को कह सकते हैं या फिर आप मुझसे फिर से समपर्क कर सकते हैं. मैं आपको कमर दर्द के लिए कारगर उपाय बता दूंगा.
  
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
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 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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