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Showing posts from April, 2021

Consultation in Corona Period-278 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-278 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "Purulent conjunctivitis के एक पेचीदा मामले के लिए हमने आपसे संपर्क किया है। यद्यपि यह केस महीनों पुराना है। पहले हमें शक था कि यह एक तरह का बैक्टीरियल इनफेक्शन है और उस आधार पर हम लोग एंटीबायोटिक से उपचार करने की कोशिश करते रहे पर जब किसी भी तरह से लाभ नहीं हुआ तो हमने इसे वायरल इनफेक्शन मानते हुए हर संभव कोशिश की इस इंफेक्शन को कम करने के लिए। आंखों से शुरू हुआ यह इंफेक्शन अब चेहरे तक पहुंच चुका है और जल्दी ही यह गले तक पहुंच जाएगा। ऐसा गंभीर मामला मैंने अपने 40 साल के कैरियर में नहीं देखा। हमने अपने शोध संस्थान में पहले इस केस को मैनेज करने की कोशिश की और जब असफल रहे तो दुनिया भर के चिकित्सकों से बात की और उनके अनुमोदनो को अपनाया। आप तो जानते हैं कि नेत्र चिकित्सा में भारत के विशेषज्ञ जितने दक्ष है उतनी दक्षता दुनिया भर के किसी विशेषज्ञ में नहीं है।  हमने आपके यूट्यूब चैनल पर बहुत सारे वीडियो देखें जिसमें कि इस बीमारी के बारे में आपने प्रयोग की जाने वाली पारंपरिक दवाओं के बारे में जानकारी दी है। हमें लगा कि हो सकता है

Consultation in Corona Period-277 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-277 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "क्या आप मुझे यह बता सकते हैं कि स्किन कैंसर किस कारण से हुआ है और इसके लिए कौन से कारक जिम्मेदार हैं? यदि आप कारण मुझे बताएंगे तो मैं उसका समाधान आपको जल्दी से बता पाऊंगा या फिर यदि आप कारण नहीं जानते हैं तो मुझे अपना परीक्षण करने दीजिए ताकि मैं उस परीक्षण की सहायता से कारण को जानने की कोशिश करूं।" मैंने अपना विचार व्यक्त किया।  इस पर एक विशेषज्ञ ने कहा कि कैंसर का कारण बता पाना बहुत मुश्किल है। कैंसर कई कारणों से हो सकता है। जिन महोदय के केस की चर्चा हम लोग कर रहे हैं वे लंबे समय तक पायलट रहे और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भाग लेते रहे। अक्सर लंबे समय तक सूर्य के सीधे संपर्क में आने के कारण पायलटों को स्किन कैंसर की समस्या हो जाती है विशेषकर जब वे सेवानिवृत्त हो जाते हैं। हो सकता है इनकी समस्या का कारण भी यही हो पर निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। न ही ऐसे विशेष तरह के परीक्षण उपलब्ध है जिनकी सहायता से यह पता लगाया जा सके कि इन्हें कैंसर किस कारण से हुआ है। बस हमें तो इनके लक्षणों को देखकर इनकी चिकित्सा करनी है।

Consultation in Corona Period-276 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-276 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "ब्राजील से छुट्टियों में मेरा बेटा घर आया हुआ है और उसे मांसपेशियों की समस्या हो रही है विशेषकर पैर की मांसपेशियाँ पत्थर की तरह कड़ी हो गई है और उसके पैर में किसी भी तरह का मूवमेंट नहीं हो रहा है। ऐसा लगता है जैसे कि पूरा पैर फ्रीज हो गया हो। बेटा आया तो 1 सप्ताह के लिए था पर वह पिछले 6 महीनों से भारत में ही है और जब से उसे यह समस्या हुई है हम उसे लेकर अलग-अलग शहरों में जा रहे हैं और चिकित्सकों की राय ले रहे हैं। अभी तक चिकित्सकों ने दस अलग-अलग बीमारियों के बारे में बताया है जिनमें इस तरह के लक्षण आते हैं। इन सभी बीमारियों के लिए आवश्यक जांच हो चुकी है पर अभी तक चिकित्सक किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाए हैं। वह बिल्कुल भी हिल नहीं पाता है और चौबीसों घंटे तेज दर्द में रहता है। दर्दनाशक दवायें काम तो करती हैं पर हम उसे लंबे समय तक नही देना चाहते हैं क्योंकि उसकी किडनी कमजोर है और इससे विपरीत असर पड़ सकता है। बेटे की उम्र 35 वर्ष है और वह शादीशुदा है। बैक्टीरियल से लेकर वायरल बीमारियों तक की पड़ताल हो चुकी है पर अचानक से

Consultation in Corona Period-275 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-275 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "20 सालों के बाद हमें एक बड़ी सफलता मिली है और सफेद मूसली पर हमारे फॉर्मूलेशन को अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट मिल गया है। इसका श्रेय आपको भी जाता है जो आप लंबे समय तक हमसे जुड़े रहे और हर संभव मदद करने की कोशिश की।" मुंबई के एक उद्यमी यह बात कह रहे थे जब उन्होंने खुशखबरी सुनाई कि उन्हें एक बड़ी सफलता मिली है।  90 के दशक में जब सारी दुनिया सफेद मूसली की चर्चा कर रही थी और सफेद मूसली को जड़ों के लिए देशभर में उगाने की तैयारी चल रही थी तब मैंने सफेद मूसली के फूलों और उसकी पत्तियों के औषधीय महत्व के बारे में कई शोध पत्र प्रकाशित किए और अखबारों में विस्तार से इस बारे में लिखा। उस समय मैं देश भर में घूम-घूम कर व्याख्यान दिया करता था हर्बल फार्मिंग पर अपने हर व्याख्यान में सफेद मूसली के इस अनोखे उपयोग के बारे में भी बताया करता था और नवउद्यमियों को प्रेरित करता था कि इस उद्देश्य के लिए भी वह सफेद मूसली का चयन करें। आखिर मुझे सफलता मिली।  मुंबई के व्याख्यान में जब एक उद्यमी ने इस प्रोजेक्ट में अपनी रुचि दिखाई और कहा कि सफेद मूसली की

Consultation in Corona Period-274 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-274 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "कोलोन कैंसर की इस अंतिम अवस्था में मैं तीन प्रकार की दवाओं का प्रयोग कर रहा हूँ। मेरी कीमोथेरेपी चल रही है। इसके अलावा मैं उत्तर भारत के एक वैद्य से दवा ले रहा हूँ और साथ ही तिब्बती दवाओं के विशेषज्ञ से भी एक दवा ले रहा हूँ। इन तीनों दवाओं ने मिलकर मेरे कैंसर पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा है और मुझे थोड़े और लंबे समय तक जीने का अवसर प्रदान किया है। मेरे कीमोथेरेपी वाले विशेषज्ञ कहते हैं कि उनकी दवा के साथ में इन दोनों दवाओं को लिया जा सकता है बिना किसी मुश्किल के। इसी तरह मेरे उत्तर भारत के वैद्य और तिब्बती वैद्य भी यही कहते हैं।  कैंसर तो नियंत्रण में है पर साथ में बहुत सारी समस्याएं हो रही है जिसके बारे में मुझे लगता है कि ये समस्याएं इन तीनों दवाओं के आपसी इंटरेक्शन के कारण हो रही है। आपने ड्रग इंटरेक्शन पर बहुत अधिक शोध किया है इसलिए मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या इस तरह के इंटरेक्शन को रोका जा सकता है। मैं तीनों ही दवाओं का प्रयोग करना चाहता हूँ और यदि इन से किसी तरह का इंटरेक्शन हो रहा हो तो मैं फंक्शनल फूड की सहायता

Consultation in Corona Period-273 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-273 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "शुरुआत फेफड़े से रक्त स्त्राव से होती है और जब तक हम इसके लिए कुछ प्रबंध करते हैं तब तक अचानक ही किडनी की समस्या शुरू हो जाती है। किडनी ठीक से काम नहीं करती है। इसके लिए तरह तरह के परीक्षण किए जाते हैं और जब तक परीक्षणों के परिणाम आते हैं तब तक पता चलता है कि किडनी ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है और अब किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जब तक हम ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करते हैं तब तक प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और हम हाथ पर हाथ धरे रह जाते हैं। यह सब अचानक होता है। या तो केस हमारे पास बहुत देर से आता है या यह एक ऐसी बीमारी है जो कि बहुत तेजी से शरीर पर आक्रमण करती है और शरीर को समझने का मौका ही नहीं देती है। हम लक्षणों के आधार पर चिकित्सा करते रह जाते हैं पर रोग के मूल कारण को नहीं जान पाते हैं इसलिए सही मायने में चिकित्सा नहीं हो पाती है।  हमारे संस्थान ने पिछले कुछ महीनों में 50 से अधिक ऐसे मामले देखे हैं जिनमें प्रभावित व्यक्ति की जान नहीं बची है। अभी हमारे पास 100 से अधिक प्रभावित

Consultation in Corona Period-272 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-272 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "हम जानते हैं कि आपने कृषि की विधिवत शिक्षा ली है और अभी देश के पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का डॉक्यूमेंटेशन कर रहे हैं। हम आपको एक अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में बतौर अतिथि वक्ता आमंत्रित करना चाहते हैं। आप हम लोगों के बीच एक व्याख्यान दीजिए जिसमें बताइए कि आप किस तरह का काम कर रहे हैं और भविष्य में आपकी क्या योजना है? हमने आपकी यात्रा का पूरा प्रबंध कर दिया है और आपके ठहरने के लिए मुंबई में एक नामी होटल बुक कर दिया है। आप यदि हमारा आमंत्रण स्वीकार करेंगे तो हमें बहुत प्रसन्नता होगी।" 90 के दशक में जब मुझे यह आमंत्रण मिला तो मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई। उस समय मैंने अपनी कृषि की शिक्षा पूरी कर ली थी और देशभर के अखबारों में मेरे लेख छप रहे थे। ये लेख पारंपरिक चिकित्सा और हर्बल फार्मिंग के ऊपर थे। जब मैंने उस सम्मेलन के बारे में विस्तार से पढ़ा तो मुझे पता चला कि यह चिकित्सकों का सम्मेलन था न कि वैज्ञानिकों का। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ और साथ में खुशी भी कि मुझे चिकित्सकों को संबोधित करने के लिए बुलाया जा रहा है सम्मेलन मे

Consultation in Corona Period-271 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-271 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "हाल के दिनों में मेरे पास ऐसे बहुत से मामले आ रहे हैं जिनमें प्रभावित व्यक्ति की उम्र 40 के आसपास है और उसे किसी भी तरह की हृदय की बीमारी नहीं है। फिर एक दिन अचानक ही रात को जब वह सोता है तो उसे हार्ट अटैक आता है और सुबह तक उसकी मृत्यु हो जाती है। लोग सोचते हैं कि यह आधुनिक रहन-सहन के कारण हो रहा है या खान-पान के कारण। रोजमर्रा के जीवन में बढ़ते तनाव को भी इसके लिए जिम्मेदार मान लिया जाता है। पर हम चिकित्सक इस बात को जानते हैं कि ऐसा Brugada syndrome के कारण होता है और यही अचानक मृत्यु का कारण भी बनता है।  पर नाम जान लेने से क्या होता है। यह बीमारी तो लाइलाज है क्योंकि यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिसकी कोई चिकित्सा नहीं है। पहले पता चल जाए या बाद में। अचानक से मौत तो होनी ही है। वैसे तो यह 26 से 56 साल के बीच के किसी भी व्यक्ति को हो सकती है पर औसतन 40 के आसपास के लोग इस तरह से बेमौत मारे देखे जा चुके हैं। यदि आप अफ्रीका में चले जाएं तो ऐसी मौतों के पीछे काले जादू को जिम्मेदार मान लिया जाता है क्योंकि प्रभावित व्यक्ति को त

Consultation in Corona Period-270 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-270 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मैंने शतावरी के लिए आपसे संपर्क किया है। मैं एक वैद्य हूँ और उत्तर भारत में अपनी सेवाएं देता हूँ। आप मुझे ऐसे स्त्रोत के बारे में बता दीजिए जहां से मुझे लगातार साल भर शतावरी की प्राप्ति हो सके।" उत्तर भारत से आए एक सज्जन ने जब मुझसे संपर्क किया तब मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।  मैंने उनसे पूछा कि आपको खेती से तैयार की गई शतावरी की जरूरत है या प्राकृतिक रूप से जंगल में पाई जाने वाली शतावरी की। उन्होंने कहा कि जंगल में पाई जाने वाली शतावरी का उपयोग ही वे अपने फार्मूले में करते हैं तब मैंने उन्हें एक पारंपरिक चिकित्सक का पता दिया जो कि इस विषय में विस्तार से जानकारी रखते हैं और उन्हें मालूम है कि जंगल के किस हिस्से में उन्हें शतावरी मिल सकती है। मैंने उन वैद्य को एक पत्र भी लिख कर दे दिया जिसमें मैंने पारंपरिक चिकित्सक से कहा कि आप इनकी पूरी तरह से मदद करें। कुछ समय बाद उन वैद्य ने फिर से संपर्क किया और मुझसे कहा कि उन्हें एक और दूसरे स्रोत से शतावरी की आवश्यकता है तब मैंने उन्हें एक जड़ी बूटियों के व्यापारी क

Consultation in Corona Period-269 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-269 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मेरे 30 वर्षीय बेटे के पैर ठीक से नहीं पड़ रहे थे पिछले कुछ समय से। आखिरकार जब वह हमारे फार्म हाउस में काम करते वक्त गिर पड़ा और बेसुध हो गया तो हमने उसे आनन-फानन में पास के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया जहां उसकी तरह तरह की जांच होती रही पर उसकी समस्या का पता नहीं चला। हमने देरी करना उचित नहीं समझा और जल्दी ही उसे दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कर दिया। मामला न्यूरोलॉजिस्ट के पास जब पहुंचा तब उन्होंने बताया कि यह नर्वस सिस्टम की किसी समस्या के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तो देश में लॉकडाउन लगने वाला है इसलिए हम आपके बेटे को लंबे समय तक अस्पताल में नहीं रख सकते। रखना भी चाहे तो यह आपके लिए सुरक्षित नहीं होगा इसलिए उन्होंने कुछ दवाएं देकर बेटे को घर ले जाने को कहा। हम किसी तरह से कुछ समय तक अस्पताल में रुके रहे पर उसकी हालत में किसी भी तरह का सुधार नहीं हुआ। अब अस्पताल प्रशासन हमारे पीछे लगा हुआ है कि हम अपने बेटे को लेकर वापस चले जाएं। हम चाहते हैं कि उसकी हालत में थोड़ा सा भी सुधार हो तो हम उसे वापस अपने घर

Consultation in Corona Period-268 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-268 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "सबसे पहले जब ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होनी शुरू हुई तो इसके लिए मेरे menopause को जिम्मेदार माना गया और मुझे कई तरह के कैल्शियम सप्लीमेंट दिए गए और कहा गया कि मैं अधिक समय धूप में बिताऊँ ताकि विटामिन डी की किसी भी तरह से कमी न हो। मुझसे यह भी कहा गया कि अब 50 की उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस को रोक पाना संभव नहीं है इसीलिए इसके साथ ही जीना होगा और कई तरह के उपाय अब आजीवन करने होंगे।  उसके बाद मुझे कई तरह की समस्याएं होने लगी। जब मैंने जांच कराई तो मुझे पता चला कि मेरी रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज हो रहा है जिससे बहुत सारे अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव हृदय पर हुआ और हृदय की दवा शुरू हो गई। इसे भी menopause का कॉम्प्लिकेशन कहा गया। मैंने योगा करना शुरू किया और साथ में ध्यान लगाना भी। मैंने आयुर्वेद का सहारा लिया और सादा जीवन जीने लगी। नई समस्या के रूप में मुझे थायराइड की समस्या होने लगी। यह समस्या आम थी इसलिए आम दवाओं की सहायता से इसका प्रबंध किया गया पर जब मैंने हाल ही में अमेरिका की यात्रा की और मेरे