कैंसर की आधुनिक दवाएं देशी दवाओं को करे जब बेअसर, जानकारों की राय लेने में छोड़ो न कोई कसर

कैंसर की आधुनिक दवाएं देशी दवाओं को करे जब बेअसर, जानकारों की राय लेने में छोड़ो न कोई कसर
पंकज अवधिया  

कैसें हैं आप और क्या हालचाल हैं उत्तराखंड के? आप लम्बी यात्रा करके आये हैं आप आराम से बैठिये. मैं आपके भोजन का प्रबंध करता हूँ.

आप उत्तराखंड के जाने-माने वैद्य हैं जिन्हें कैंसर की चिकित्सा में महारत हासिल है. आप कैंसर के फार्मूलों पर चिन्तन के लिए मेरे पास आते रहते हैं.

अक्सर आप अपने उन रोगियों को लेकर आते हैं जिनकी चिकित्सा में आप असफल होते हैं.  आपसी विमर्श से सभी को कुछ नया सीखने का अवसर मिलता है.

इस बार आपके साथ  Pancreatic Cancer का रोगी है जिस पर आपकी दवा असर नही कर रही है और रोगी धीरे-धीरे मौत की ओर बढ़ रहा है.

इस कैंसर के लिए आप जो बीस चुने हुए फार्मूलों का प्रयोग करते हैं उनमे से एक भी इस रोगी पर अपना असर नही दिखा रहा है. मैंने रोगी की सारी रिपोर्ट देखी है और साथ ही उससे लम्बी बातचीत भी की है. उसने बताया कि  लम्बे समय तक उसकी कीमोथेरेपी चली और कैंसर के लिए  Gemcitabine नामक दवा दी गयी.

आपने बताया कि आपने पहले हंसराज पर आधारित औषधीय मिश्रण आजमाया और फिर उसके बाद बन कुल्थी पर आधारित मिश्रण. आश्चर्यजनक रूप से इन दोनों मिश्रणों ने कौई असर नही दिखाया.

उसके बाद आपने रोगी के शरीर की शुद्धि की और फिर कैथा पर आधारित  मिश्रण दिया. यह भी बेअसर साबित हुआ. रोगी की हालत बिगडती गयी तो आपने नागपुर के लिए एयरएम्बुलेंस का प्रबंध किया और फिर वहां से सडक मार्ग से रायपुर आ गये.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके औषधीय मिश्रण का असर इसलिए नही हो रहा है क्योंकि रोगी को लम्बे समय तक Gemcitabine नामक दवा दी गयी है आधुनिक चिकित्सकों के द्वारा.

मैंने अपने अनुभव से जाना है कि बहुत से पारम्परिक मिश्रण आधुनिक दवाओं के उपयोग के बाद असर नही दिखाते हैं. इनमे से आपके द्वारा प्रयोग किये जा रहे मिश्रण भी है.

मैं आपको सलाह देना चाहता हूँ कि आप अपने हंसराज वाले मिश्रण में कांसनी को शामिल कर लें और बन कुल्थी वाले मिश्रण में देवदार की छाल को शामिल कर लें. इसी तरह कैथा वाले फार्मूले में धोबन की छाल मिला लें तो आपके ये सारे फार्मूले फिर से अपना पुराना रंग दिखाना शुरू कर देंगे.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

-=-=-

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)