ब्रेन कैंसर (Brain Cancer) में कीड़ों से बना दोषयुक्त फार्मूला, शीत पित्ती जैसे लक्ष्ण रोगी को देते हैं हिला

ब्रेन कैंसर (Brain Cancer) में कीड़ों से बना दोषयुक्त फार्मूला,  शीत पित्ती जैसे लक्ष्ण रोगी को देते हैं हिला
पंकज अवधिया  

आपकी बिटिया ऐसी हालत में है कि वह रायपुर नही आ सकती तो मैं चेन्नई आने को तैयार हूँ पर ऐसा कुछ प्रबंध करें कि मुझे वहां दो घटों से अधिक ठहरने की जरूरत न हो और मैं वापस रायपुर आ सकूं.-ऐसा मैंने आपसे अनुरोध किया था .

आपकी बिटिया को ब्रेन कैंसर है और यह तेजी से फैल रहा है. आपकी बिटिया का आधुनिक उपचार चल रहा है.  पर आपको आधुनिक उपचार में अधिक विश्वास नही है इसलिए आप एक नामी-गिरामी वैद्य से भी उपचार करवा रहे हैं.

ये मालवा क्षेत्र के वैद्य हैं और कैंसर की चिकित्सा में महारत रखते हैं. आपको उनसे बहुत उम्मीद है.

आप कैंसर के लिए मुझसे भी परामर्श लेना चाहते हैं इसलिए आपने समय लेकर फोन पर बात की और फिर अपनी मजबूरी बताते हुए चेन्नई आने के लिए आमत्रित किया. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपकी बिटिया को कैंसर के लिए  Everolimus नामक दवा दी जा रही है. आपके मालवा वाले वैद्य को मैं अच्छी तरह से जानता हूँ. वे अपने फार्मूले में सुधार के लिए मुझसे अक्सर मिलते रहते हैं.

वे कैंसर के लिए जिस फार्मूले का प्रयोग करते हैं उसमे पांच प्रकार के जंगली फूल, पांच प्रकार के वृक्षों की छाल, पांच प्रकार की लताओं की जड़ और पांच प्रकार के कीड़ों का प्रयोग करते हैं.

इन कीड़ों में धतूरे और आक के पौधों से एकत्र किये गये कीड़े भी शामिल हैं. रोगियों को इन कीड़ों के बारे में बताया नही जाता है और  इन्हें गोपनीय घटक के रूप में डाला जाता है.

 इन कीड़ों को उपयोग करने से पहले सही विधि से शोधन करना होता है ताकि इसके विषाक्त घटक दूर हो जाएँ. शोधन विधि में जरा सी भी लापरवाही होने से फार्मूला विष के समान हो जाता है.

आपने बताया कि आपकी बिटिया को शीत-पित्ती जैसे चकत्ते पूरे शरीर में आ जाते हैं. घरेलू उपाय करने से भी लाभ नही होता है. दिन भर खुजलाते-खुजलाते उसकी हालत खराब हो जाती है.

मैंने भी आपकी बिटिया के शरीर में चकत्ते और सूजन देखी है. मैं इस बारे में आपसे पूछना चाहता था. आपके निजी डाक्टर का कहना है कि यह कैंसर की दवा के कारण होने वाली एलर्जी है .

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि ऐसे लक्ष्ण कैंसर की दवा के कारण नही है बल्कि वैद्य द्वारा दी जा रही दवा के कारण है. कीड़ों को बिना ठीक से शोधित किये उपयोग करने पर ऐसे लक्ष्ण आते हैं. आप वैद्य की दवा का प्रयोग बंद करेंगे तो आपकी बिटिया की सारी तकलीफें दूर हो जायेगी.

मैं आपके वैद्य से फिर से बात करूंगा और उनसे फार्मूले को ठीक से बनाने के लिए कहूंगा. दरअसल कीटों को बरसात के मौसम में एकत्र करना मना है. पर  दवा की लगातार मांग के कारण वैद्य इसे अब साल भर बनाते हैं. इसके कारण इस तरह की समस्याएं हो जाती हैं.

मैं आपको नई दवा नही दूंगा. वैद्य के फार्मूले का दोष दूर हो जाए तो यह कैंसर के लिए एक अच्छा फार्मूला है और इससे आपकी बिटिया को निश्चित ही लाभ होगा.  

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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