कैंसर में गूलर, पीपल, बरगद, महुआ और पाकर, जब Synthetic Opioids से भिड़ें आकर

कैंसर में गूलर, पीपल, बरगद, महुआ और पाकर,  जब  Synthetic Opioids से भिड़ें आकर
पंकज अवधिया   

जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तब आप मुझे बुलवा लेते हैं. इस महीने में पांचवी बार बनारस आ रहा हूँ. मुझे तो लगता है कि अब मुझे स्थायी तौर पर यहाँ रुक जाना चाहिए.

आप बनारस के प्रसिद्ध चिकित्सक हैं और मेरे अच्छे मित्र भी. आप कैंसर की चिकित्सा करते हैं और जब रोगी अंतिम अवस्था में पहुंच जाते हैं और स्थिति आपसे नही सम्भलती है तो आप उनके परिजनो को मेरा पता देकर कहते हैं कि इन्हें बुलवा लो तो शायद रोगी की जान बच जाए.

परिजनो के जोर देने पर मुझे आपके पास आना ही पड़ता है. ज्यादातर मामलों में रोगियों की जान बच जाती है और आपसे मुलाक़ात भी हो जाती है इसलिए इस बार भी मै आपकी सेवा में हाजिर हूँ.

मुझे विस्तार से रोगी को दी जाने वाली दवाओं के बारे में बताएं. स्थिति क्यों बिगड़ी यह भी बताएं.

आपके द्वारा दी गयी जानकारी के लिए धन्यवाद. आप अपने औषधीय मिश्रण में गूलर, पीपल, बरगद, महुआ और पाकर को प्राथमिक घटक के रप में उपयोग कर रहे हैं. आप इसमें फेरबदल करिये.

जिन औषधीयों को आप प्राथमिक घटक के रूप में दे रहे हैं उन्हें द्वितीयक घटक के रूप में दीजिये और जिन औषधीयों को आप द्वितीयक घटक के रूप में दे रहे हैं उन्हें प्राथमिक घटक के रूप में दीजिये. मुझे विश्वास है कि रोगी की स्थिति में तेजी से सुधार होगा.

आपने बताया कि रोगी कैंसर के दर्द से निपटने के लिए Synthetic Opioides ले रहा है . इस दवा के साथ आपका फार्मूला नई स्वास्थ समस्याएं पैदा कर रहा है. रोगी को पूरे शरीर में झटके लग रहे हैं. उसे नींद नही आ रही है और वह अनाप-शनाप बक रहा है.

आपके सामने मुश्किल यह है कि आप न तो दर्द नाशक दवा बंद कर सकते हैं और न ही अपना फार्मूला बदल सकते हैं. रोगी कैंसर की अंतिम अवस्था में है और कुछ दिनों का मेहमान लगता है इसलिए जरा भी फेरबदल घातक सिद्ध हो सकती है.

मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि आप अपने फार्मूले में शालपर्णी को शामिल करें. इससे फार्मूले और  Synthetic Opioids की आपसी नकारात्मक क्रिया रुक जायेगी और सारी समस्याओं का अंत हो जाएगा.

मैं वापस रायपुर पहुंच गया हूँ. आपके सन्देश के लिए धन्यवाद. यह अच्छी बात है कि आपका रोगी अब तेजी से  ठीक हो रहा है. उसे नींद आ रही है, झटके कम हो गये हैं और अब वह सभी से अच्छी से बात कर सकता है.

फिर कभी मेरी सेवाओं की जरूरत हो तो याद कीजिएगा.    
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 

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