कैंसर में वंशलोचन, गोरखमुंडी के साथ, विदारीकन्द चले मिलाकर हाथ

कैंसर में वंशलोचन, गोरखमुंडी  के साथ, विदारीकन्द चले मिलाकर हाथ
पंकज अवधिया

धन्यवाद, यात्रा बड़ी आरामदायक थी. मैंने आपका सुंदर और सुव्यवस्थित हर्बल गार्डन भी देख लिया. मैं तैयार हूँ, हम वैद्य जी से मिलने चल सकते हैं.

आप आई टी क्षेत्र की एक नामी-गिरामी कम्पनी पर ऊँचे पद पर हैं और हाल ही आपको लंग कैंसर का पता चला. यह कैंसर आरम्भिक अवस्था में है और आप दवा के स्थान पर भोजन से इसे उपचारित करने में विश्वास रखते हैं.

इसके लिए आपने पूरी दुनिया की यात्रा की और भोजन विशेषज्ञों में मिले. यही कारण है कि आपकी नियमित दिनचर्या में दुनिया भर की श्रेष्ठ भोजन सामग्री शामिल है. पर इस पर भी लंग कैंसर ठीक नही हो रहा है.

आपने बंगलुरु के पास किसी वैद्य से दवा लेनी आरम्भ की है पर आपका कहना है कि उनकी दवाएं कई तरह की समस्याओं को जन्म दे रही हैं. आपकी भूख कम हो गयी है, आँखों के सामने रन-बिरंगी तरंगे दिखती हैं, त्वचा निष्प्राण लगने लगी है. पाचन तंत्र ठीक से काम नही कर रहा हैं.

आपने मुझे उस फार्मूल्र के बारे में भी विस्तार से बताया जो आपको वैद्य जी दे रहे हैं. इस फार्मूले में चालीस से अधिक किस्म की जड़ी-बूटियाँ हैं और इसके सेवन से किसी भी कैंसर के रोगी को लाभ होना निश्चित है. फिर आपको कैसे ऐसी परेशानियां हो रही है- यह आश्चर्य का विषय है.

लीजिये  हम पहुंच गये और वैद्य जी तो लगता है हमारी ही प्रतीक्षा में खड़े थे. मैं उनसे इस बारे में बात करता हूँ.

आपके वैद्य जी ने बताया कि वे आपको इस फार्मूले के साथ अधिक से अधिक मात्रा में गन्ने का रस लेने को कहते हैं. उनका कहना है कि गन्ने से आपकी सारी समस्याएं खत्म हो जायेंगी. पर आपकी समस्या यह है कि रोज साफ-सुथरा रस मिल पाना मुश्किल है और फिर आप मीठे से परहेज करते हैं. ऐसे में आप कैसे इतना सारा गन्ना रस ले सकते हैं?

आपके वैद्य जी ने बताया कि ऐसा फार्मूला जिसमे वंशलोचन और गोरखमुंडी जैसी औषधीयाँ हो किसी को हानि कैसे पहुंचा सकता है? फार्मूले के उपयोग के साथ जो नियम है उनका पालन तो करना ही होगा. वैद्य जी का कहना बिलकुल सही है.

मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि आप गन्ने के रस के स्थान पर विदारीकन्द लेना आरम्भ करें.  यह इस फार्मूले के साथ गन्ने के रस का सशक्त विकल्प है. मैंने आपके वैद्य जी से बात कर ली है. वे इस छोटे से परिवर्तन से संतुष्ट है और उन्हें भी लगता है इससे आपको लाभ होगा.

अब मेरे वापस लौटने का समय हो गया है.

मैंने यह देखा है कि आप  पीने के पानी को अपने साथ रखने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग करते हैं . हो सके तो आप प्लास्टिक से दूर ही रहें.

आप मेरी तरह पानी रखने के लिए कांच की बोतल रख सकते हैं. थोड़ी असुविधा होगी पर प्लास्टिक से होने वाली स्वास्थ समस्याओं से बचने के लिए यह जरूरी है.   

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 

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