कैंसर का एक सरल समाधान, लाल, पीला, हरा, भूरा और काला औषधीय धान

कैंसर का एक सरल समाधान, लाल, पीला, हरा, भूरा और काला औषधीय धान
पंकज अवधिया  

आपको दौड़ने का शौक है.  यह शौक बचपन से  नही है. हाल ही में आपने दौड़ना शुरू किया है. आप लगातार दौड़ते हैं और विभिन्न मैराथन स्पर्धाओं में भाग लेते रहे हैं.

एक दिन अचनाक ही आपको पेट में दर्द हुआ और आप को अपनी दौड़ रोकनी पड़ी. उसके बाद जांचों का सिलसिला शुरू हुआ जो उस समय जाकर रुका जब डाक्टरों ने पुष्टि की कि आपको अग्नाशय का कैंसर Pancreatic Cancer है. यह काफी फ़ैल चुका था.

आपके डाक्टर कहते हैं कि बहुत अधिक तनाव में लगातार दौड़ने से यह आपको हुआ है. मैं इसे नही मानता पर हाँ आपके दौड़ने के शौक ने इसे फैलने में मदद की होगी-ऐसा मैं मानता हूँ.

आजकल चालीस पार के पुरुषों को जवान दिखने और अपनी असीम शक्ति को दिखाने के लिए लगातार भारी व्यायाम करते देखा जा सकता है. बहुत से लोग चालीस के बाद से अचानक ही दौड़ना शुरू करते हैं और फिर प्रोफेशनल की तरह लगातार दौड़ते रहते हैं. अति सबकी बुरी होती है.

शरीर पर दबाव और तनाव बढ़ता है और शरीर कमजोर हो जाता है. कैंसर जैसे महारोग के कारक शरीर की इसी बुरी दशा की प्रतीक्षा करते रहते हैं.

वे कब अपना आक्रमण शुरू कर देते हैं पता ही नही चलता. इन सब से अनजान व्यक्ति लगातार भारी व्यायाम करता रहता है व फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपनी फोटो डालता रहता है. जब उसे कहीं दर्द होता है और फिर शरीर की पूरी जांच होती है तब पता चलता है कि रोग तो अंतिम अवस्था में पहुंच गया है और वापसी का कोई रास्ता नही है.

इन सब विचारों से यह निष्कर्ष बिलकुल भी न निकाले कि Pancreatic Cancer दौड़ने से होता है. अपने बल और आयु के अनुसार ही श्रम करें. यही स्वस्थ जीवन की कुंजी है.

आप पेरिस में रहते हैं और आपने गूगल सर्च के माध्यम से मेरे बारे में जाना. आप भारत आये हैं ताकि कैंसर की इस अंतिम अवस्था में आप मुझसे परामर्श ले सकें. मैं आपकी मदद करूंगा.

मैंने आपके लिए दस प्रकार के औषधीय धानों का प्रबंध किया है. इन्हें दिन के कई बार खाना ही आपका एकमात्र इलाज है. इसमें ग्रीन्म ब्लैक,  ब्राउन, रेड और यलो राईस शामिल हैं.

आप रेड और ब्राउन राईस के बारे में भली-भाँती जानते हैं. जो ब्लैक राईस मैंने आपके लिए पारम्परिक चिकित्सकों से एकत्र किया है वह दुर्लभ है इसलिए मैं अधिक मात्रा में इसे नही दे सकता.

जिस प्रकार ब्लैक राईस पकने पर काला हो जाता है उसी प्रकार ग्रीन राईस पकने पर हरा हो जाता है. यह भी दुर्लभ है पर आप जैसे रोफियों के लिए वरदान है.

यलो राईस पकने पर पीला नही होता बल्कि यह नाना प्रकार की जंगली हल्दी को सफेद चावल में मिलाने पर पीला होता है. इनमे इसे कुछ किस्मे तो किसान अभी भी खेतों में उगाते हैं जबकि कुछ किस्मे जंगली धान की हैं.

आप इसका विधिवत प्रयोग करें और जैसे ही आपकी रिपोर्ट यह बताये कि कैंसर का फैलाव रुका है आप तुरंत मेरे पास आइये ताकि दूसरी औषधीयाँ सुझाई जा सकें.
  
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

-=-=-

Comments

Popular posts from this blog

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)