कैंसर जब हो हड्डी का, डरना नही जब पास को सहारा भुजंगाक्षी सा

कैंसर जब हो हड्डी का, डरना नही जब पास को सहारा भुजंगाक्षी सा
पंकज अवधिया

तो आपने हड्डी के कैंसर के लिए कैनाबिस आइल का उपयोग किया. आपको बताया गया था कि इससे कैंसर कुछ ही दिनों में समूल नाश हो जाएगा. आपके किसी अमेरिकी मित्र ने आपके लिए इसका प्रबंध किया .

आपने बताया कि इससे आपको नई स्वास्थ समस्याएं पैदा हो गयी जिनके बारे में कैनाबिस को समझने और उपयोग करने वाले जानते हैं पर कैनाबिस आइल को खुलेआम कैंसर का शर्तिया इलाज बताकर बेचने वाले बिलकुल भी नही बताते हैं. 

आप अमेरिका से आई हैं और आपको हड्डी का कैंसर है. जब आपके डाक्टरों ने इसे लाइलाज बता दिया और आपको अपने हाल पर छोड़ दिया तो आप इंटरनेट में समाधान खोजने लगी.

इंटरनेट में कैनबिस आइल के बारे में  बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं . आप इन विज्ञापनों के झांसे में आ गयी और फिर बड़ी कीमत देकर इसे प्राप्त कर लिया. आपने स्व-चिकित्सा की जिससे आपकी तकलीफें और बढ़ गयी.

आप कैंसर की अंतिम अवस्था में बड़ी उम्मीद के साथ भारत आई और फिर एक के बाद एक सौ से ज्यादा वैद्यों से मिली पर किसी ने भी आपकी हालत देखकर इलाज करने का जोखिम नही उठाया.

फिर आप बनारस के किसी वैद्य के पार गईं जिन्होंने उपचार शुरू किया है पर उन्होंने साफ कह दिया है कि उम्मीद कम है. उन्होंने आपसे भुजंगाक्षी नामक बूटी का प्रबंध करने को कहा है.

उनका कहना है कि वे मुझे दस वर्षों से जानते हैं और इसीलिये उन्होंने आपको मेरे पास भेजा है ताकि मैं इस वनस्पति का प्रबंध कर सकूं. मैं आपकी मदद करने को तैयार हूँ.

आपके  वैद्य ने कहा है कि उन्हें वृक्ष पर उगने वाला भुजंगाक्षी नही चाहिए बल्कि जमीन पर पानी के पास उगने वाला भुजंगाक्षी चाहिए.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अभी बरसात का मौसम है और इस बार भारी बारिश हो रही है. जंगल में मैंने भुजंगाक्षी जिस स्थान पर देखा है वहां तक पहुंचने के लिए गाडी से लम्बी दूरी तय करनी होगी और फिर पैदल चलकर तीन पहाडी नदियों को पार करना होगा. रास्ता खतरों भरा है.

आप यदि चाहें तो मैं आपके वैद्य को भुजंगाक्षी का सशक्त विकल्प बता सकता हूँ जिससे आपकी दवा जल्दी शुरू हो जायेगी. भुजंगाक्षी तक पहुंचने के लिए दस दिन भी लग सकते हैं क्योंकि पहाडी नदी का जलस्तर कम होने पर ही उसे पार करने का जोखिम उठाया जा सकता है.

चलिए मैं आपकी बात मान लेता हूँ. आपका कहना है कि प्रयास करना चाहिए भले ही सफलता न मिले. मैं आपको पास के जंगल में रहने वाले अपने पारम्परिक चिकित्सक मित्र का पता दे देता हूँ. वे आपकी मदद अवश्य करेंगे.

जंगल तक की यात्रा के लिए पहचान की टैक्सी और अंग्रेजी जानने वाले एक व्यक्ति की व्यवस्था कर देता हूँ ताकि आपको किसी तरह की परेशानी न हो.

आप अपने देश के दूतावास को अवश्य सारी योजना बता दीजिएगा ताकि किसी सकंट में वे आपसे सीधे सम्पर्क कर सकें.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

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