कैंसर में उपयोगी सूर्यमुखी, पर केले का सरल प्रयोग बनाये अधिक सुखी
कैंसर में उपयोगी सूर्यमुखी, पर केले का
सरल प्रयोग बनाये अधिक सुखी
पंकज अवधिया
सूर्यमुखी की पत्तियों को रोगी के बिस्तर
पर बिछा दिया जाता है और फिर हल्का गर्म दूध डाला जाता है. अब इस पर कैंसर के रोगी
को सुलाया जाता है. उसे बहुत पसीना निकलता है और असहनीय दर्द से राहत मिलती
है. ऐसा मेक्सिकों के चिकित्सक करते हैं
विशेषकर जब कैंसर के रोगी अंतिम अवथा में उनके पास चिकित्सा करवाने पहुंचते हैं.
इस जानकारी के लिए धन्यवाद. आप कैंसर में
होने वाले असहनीय दर्द की सरल चिकित्सा पर शोध कर रहे हैं और दुनिया भर से आपने
बहुत सारी जानकारियाँ एकत्र की हैं. आप मेरे पास अपने इसी ज्ञान को बांटने आये
हैं. आप दुनिया के इस अनोखे ज्ञान पर मेरी वैज्ञानिक टिप्पणी भी चाहते हैं ताकि
इनमे सुधार कर सकें.
भविष्य में आप इस ज्ञान का व्यवसायिक उपयोग
भी करना चाहते हैं इसलिए आप मेरी फीस देकर मुझसे जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
सूर्यमुखी का जो प्रयोग आपने बताया है वह
प्रयोग हमारे पारम्परिक चिकित्सक भी करते हैं पर इसकी सहायता से वे तेज ज्वर को कम
करते हैं. सूर्यमुखी के साथ वे दूसरी वनस्पतियों का उपयोग भी करते हैं. मैंने इन
प्रयोगों को आजमाया है पर ये रोगी को बहुत कमजोर कर देते हैं इसलिए कैंसर की अंतिम
अवस्था में ऐसे प्रयोगों से बचना चाहिए.
रोज इस तरह के प्रयोग के लिए अधिक मात्रा
में पत्तियों की आवश्यक्ता होती है. इसलिए पारम्परिक चिकित्सक खेतों का रुख करते
हैं. पर आप तो जानते ही हैं कि सूर्यमुखी की खेती में बड़ी मात्रा में कृषि रसायनों
का प्रयोग होता है.
ये रसायन रोगी को बहुत नुकसान पहुंचा
सकते हैं. पत्तियों को ठीक से धोने के बावजूद बात नही बनती है. सूर्यमुखी की जैविक
खेती कम ही होती है. इसीलिये पारम्परिक चिकित्सक
इस उपाय का प्रयोग कम ही करते हैं.
मैं कैंसर के रोगियों के लिए केले की
पत्तियों का प्रयोग अधिक हितकर मानता हूँ. यह आसानी से मिल जाती है और कैंसर के रोगियों को दर्द से
मुक्ति दिलवाती है बिना किसी कमजोरी के.
केला पूरी दुनिया में आसानी से उपलब्ध
है. केले की पत्तियों के प्रयोग में गर्म दूध का प्रयोग नही किया जाता है.
आशा है मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपके
लिए उपयोगी साबित होगी.
सर्वाधिकार सुरक्षित
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