कैंसर के पारम्परिक नुस्खों की अकादमिक चोरी, विद्वानों रह जायेगी जीवन पुस्तक कोरी

कैंसर के पारम्परिक नुस्खों की अकादमिक चोरी, विद्वानों रह जायेगी जीवन पुस्तक कोरी

पंकज अवधिया

आप मध्य भारत से आये हैं और किसी बड़े विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं.

आपने बताया कि आपने कैंसर के लिए सात तरह के नुस्खे विकसित किये हैं जिन्हें आपने अपनी लैब में जाँचा हैं. अब आप इन नुस्खों का पेटेंट करवाना चाहते हैं. इसलिए आपने  १२ घंटों तक चर्चा का समय लिया है ताकि इनके हर पहलू पर विस्तार से बात हो सके. मैंने आपको लगातार तीन दिनों तक चार घंटे प्रतिदिन का समय दिया है.

मैंने आपके द्वारा  विकसित किये गये नुस्खों का अध्ययन किया है. सात में से चार नुस्खे तो भारतीय पारम्परिक चिकित्सा के हैं.

बुरा न माने पर आपने इनमे पपीता और जोड़ दिया है ताकि यह नुस्खा नया लगे और आपको पेटेंट मिल जाए. आपको लगता है कि पपीता साधारण फल है और इसे नुस्खों में जोड़ देने से कोई फर्क नही होगा. आपने इन्हें मनुष्यों पर नही आजमाया है.

मेरा सुझाव है कि आप इन चारों नुस्खों के बारे में पारम्परिक चिकित्सकों से बात करें और उनके विचार जाने कि पपीता मिला देने से नुस्खे की दूसरी औषधीयाँ कैसी प्रतिक्रिया देंगी.

मैं तो यह भी सुझाना चाहूंगा कि चूंकि यह हमारे देश का पारम्परिक नुस्खा है इसलिए पेटेंट में आप पारम्परिक चिकित्सकों का नाम भी शामिल करें ताकि उन्हें पेटेंट से होने वाले आर्थिक लाभ में बराबरी का हिस्सा मिले.

मैंने इन चार नुस्खों को अपनी फिल्म में शामिल्र किया है. आप ८० घंटों  की मेरे कुछ फिल्मो के माध्यम से इन नुस्खों के बारे में आरम्भिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं .


मैंने आपको बताया कि पारम्परिक चिकित्सक जड़ी-बूटियों को जंगल में एकत्र करने से पहले विशेष सत्वों से लम्बे समय तक सींचते हैं. जब वे औषधीय गुणों से परिपूर्ण हो जाती हैं तब उनका एकत्रण किया जाता है. बाजार में मिलने वाली जड़ी-बूटियों को इस विधि से तैयार नही किया जाता है. इसलिए वे उन्तना असर नही करती हैं जितना कि पारम्परिक चिकित्सकों के पास उपलब्ध जड़ी-बूटियाँ करती है. पारम्परिक चिकित्सकों के इस अनूठे पारम्परिक ज्ञान को ट्रेडीशनल  एलिलोपैथिक नालेज कहा जाता है. इसकी मिसाल पूरी दुनिया में नही मिलती है.

आपके नुस्खों में पारम्परिक चिकित्सकों से प्राप्त बूटियाँ नही इस्तमाल की गयी है. इसलिए मुझे लगता है कि ये भले ही लैब में कारगर दिखें पर वास्तव में ये उतने कारगर नही होंगे.

आप कुछ और लम्बे समय तक शोध करें और पारम्परिक चिकित्सकों के साथ समय गुजारें तो आप को सही मायने में सफलता मिलेगी.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.  


सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)