कैंसर का दर्द असहनीय, जंगली फूलों को आजमायें माननीय
कैंसर का दर्द असहनीय, जंगली फूलों को
आजमायें माननीय
पंकज अवधिया
सात कैंसर के मरीजों को देखने के लिए तीन
देशों की यात्रा के लिए मैं तैयार नही हूँ.
आप जापान से दो, अमेरिका से तीन और
ब्राजील से दो रोगियों के बारे में जानकारी लेकर आये हैं. ये सातों कैंसर के मरीज
हैं और आपके रिश्तेदार व पारिवारिक मित्र हैं. आप कह रहे हैं कि आप मेरी फीस चाहे वह
कितनी भी हो, देने को तैयार है. आप मुझे एक महीने में इन तीन देशों की यात्रा
करवाना चाहते हैं.
मैं निश्चित ही आपकी मदद करूंगा. पर मेरा
जाना सम्भव नही है. यहाँ भारत में बहुत से कैंसर रोगी मेरे नित सम्पर्क में हैं और
मुझे सप्ताह के कई बार सारा काम छोडकर देश के अलग-अलग भागों में जाना पड़ता है. आप
ही बताइए इन सातों रोगियों के पास एक बार जाने से क्या होगा. इतनी दूर तक औषधीयाँ
कैसे पहुंचेंगी और उन पर सतत निगरानी कैसे रखी जा सकेगी? बेहतर यही होगा कि आप सभी
को यहाँ रायपुर ले आयें ताकि मैं उनकी पूरी मदद कर सकूं.
आप चाहते हैं कि कैंसर के असहनीय दर्द के
लिए मैं इन सातों मरीजों के लिए कुछ जड़ी-बूटियाँ अनुमोदित करूं. इन औषधीयों को
लेने के बाद सातों मरीजों को लम्बा सफर करके यहाँ लाया जा सकता है-ऐसा आपका कहना
है.
देखिये कैंसर के दर्द के लिए आधुनिक
चिकित्सा पद्धति में बहुत से विकल्प मौजूद हैं पर सभी विकल्पों के अपने नुक्सान
हैं. इनमे से कई विकल्प की लत लग जाने पर रोगी की जान पर बन आती है और दर्द नाशक
का नशा कैंसर से अधिक जानलेवा हो जाता है.
पारम्परिक चिकित्सा में दर्द को कम करने
के स्थान पर दर्द के कारण को दूर करने पर अधिक ध्यान रहता है. पारम्परिक चिकित्सक
कोशिश करते हैं कि कैंसर का प्रभाव कम हो जिससे दर्द अपने आप कम हो जाता है.
वे मानते हैं कि दर्द नाशक अनावश्यक ही
मुख्य दवाओं के कार्य में बाधा डालते हैं. पर अत्यधिक दर्द होने की स्थिति में वे
बहुत से पारम्परिक औषधीय मिश्रणों का प्रयोग करते हैं.
मुझे आपने बताया है कि सातों मरीज उनके
देशों में पायी जाने वाली औषधीय वनस्पतियों से अपने महारोग की चिकित्सा करवा रहे
हैं. आपने इन औषधीयों की एक लम्बी सूची भी मुझे दी है.
अलसी के पुष्प, अर्जुन के पुष्प और अरबी
की पत्तियों के रस जैसे ४० घटकों से तैयार एक औषधीय मिश्रण मैं आपके लिए बनाने जा
रहा हूँ. इसके सेवन से कैंसर के होने वाले दर्द से जल्दी ही निजात मिलेगी. पर इस
मिश्रण के साथ मुश्किल यह है कि यह केवल दो सप्ताह तक ही काम में लिया जा सकता है.
उसके बाद इसका असर कम होने लगता है और एक महीने बाद यह किसी काम का नही रहता है. इस बात का आप विशेष ध्यान रखियेगा.
आपके अनुरोध को मानते हुए मैं इन सातों
मरीजों की चिकित्सा कर रहे चिकित्सकों से बात करूंगा और इस औषधीय मिश्रण के बारे
आरम्भिक जानकारी दूंगा. ताकि वे निर्णय कर सके कि उनकी दवाओं के साथ इसे लिया जा
सकता है या नही.
वैसे मुझे इस बात की सम्भावना कम ही
दिखती है कि वे इस मिश्रण के बारे कुछ कह पायें क्योंकि भारतीय पारम्परिक ज्ञान और
यहाँ की दिव्य औषधीयों से वे अनजान हैं.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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