कैंसर के नुस्खों का राज, पारम्परिक ज्ञान की चोरी से आओ बाज
कैंसर के नुस्खों का राज, पारम्परिक
ज्ञान की चोरी से आओ बाज
पंकज अवधिया
हैलो जस्टिन, कैसे हो. तुम्हारी मदर भी
साथ आई है. आओ बैठो.
मुझे याद है कि कुछ महीनों पहले तुमने
मुझसे सम्पर्क किया था आस्ट्रेलिया से कि तुम्हारी माँ ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रही है
और वहां के डाक्टर इलाज करने से मना कर रहे हैं. कैंसर का शरीर के दूसरे भागों में
फैलना इस इनकार का बड़ा कारण है.
तुमने मेरे शोध आलेखों को पढ़कर मुझसे
सम्पर्क किया कि शायद मैं तुम्हारी माँ के लिए कुछ उपाय सुझा सकूं. तुम जल्दी से
इतनी दूर से आकर मुझसे मिले और मैंने पास के दक्ष पारम्परिक चिकित्सक के पास
तुम्हे भेजा इलाज के लिए. यह तो अच्छा हुआ कि तुम्हे न केवल हिन्दी समझ में आती है
बल्कि तुम बोल भी लेते हो.
तुमने बताया कि पारम्परिक चिकित्सक की
दवाओं से तुम्हारी माँ को दर्द से बहुत राहत मिली और वे अब मार्फीन का प्रयोग नही
कर रही हैं. कैंसर का फैलाव भी रुका है. पारम्परिक चिकित्सक ने चार महीनों तक रोज मिलने आने की बात कही है.
उन्होंने तो यह भी कहा है कि यदि हो सके तो गाँव में ही रुक जाओ ताकि सतत निगरानी
हो सके.
जस्टिन, यह अवस्था बहुत नाजुक है और
ज्यादातर चिकित्सक तो रोगी को छूना भी नही चाहते हैं. ये तो हमारे पारम्परिक
चिकित्सक हैं जो अंतिम सांस तक प्रयास करते हैं सब कुछ छोड़कर.
अब तुम्हारी समस्या है कि माँ कुछ समय के
लिए वापस आस्ट्रेलिया जाना चाहती है. यदि रास्ते में या वहां पहुंचकर हालत बिगड़ी
तो वे वहां के डाक्टरों के पास जायेंगी. ऐसे में डाक्टर पारम्परिक चिकित्सकों के
द्वारा दी जा रही दवाओं के बारे में पूछेंगे.
इसी कारण तुम पारम्परिक चिकित्सक से
जानना चाहते हो कि कौन-कौन सी औषधीयाँ दी जा रही और कितनी मात्रा में दी जा रही-इसकी
लिखित जानकारी वे आपको दे. पारम्परिक चिकित्सक मना कर रहे हैं. इसलिए आप मेरे पास
आयें ताकि मैं जड़ी-बूटी के वैज्ञानिक नाम
सहित सारी जानकारियाँ दे सकूं.
जस्टिन, मुझे नही लगता पारम्परिक
चिकित्सक मुझे या आपको कुछ बतायेंगे. वे तो अपने सगे बेटे को भी कुछ नही बताते
हैं. अक्सर उन्हें योग्य व्यक्ति नही मिलता और उनका ज्ञान उनके साथ ही खत्म हो
जाता है.
सही कारण बताने पर वे शायद बता भी देते पर
हाल ही के वर्षों में पश्चिमी लोगों ने भारत के पारम्परिक ज्ञान को बलपूर्वक और छलपूर्वक
छीनने के लिए जो प्रपंच रचे हैं उसके बाद तो वे और सतर्क हो गए हैं.
छत्तीसगढ़ में पर्यटक, फिल्म मेकर,
फोटोग्राफर, विदेशी पत्रकार आदि के रूप में पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान को चुराने
के प्रयास हुए हैं. यह दुर्भाग्य है कि यह काम विदेशियों ने नही किया बल्कि
भारतीयों से पैसे देकर करवाया. पारम्परिक
चिकित्सकों को अवार्ड दिए गये, उनकी तस्वीरें छापी गयी और उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन
दिए गये ताकि वे राज उगल दें.
कुछ वर्षों पहले माइक्रोसाफ्ट के लिए काम
करने वाले एक पूर्व पत्रकार ने मुझ पर कैंसर की जड़ी-बूटियों से स्म्बन्धित फिल्म
बनवाने का प्रस्ताव दिया. मैंने मना किया तो दिल्ली की तहलका मचा देने वाली
पत्रिका में मेरे बारे में लेख छपवाया जिसमे मेरी भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी और
उसके बाद कहा कि सिर्फ दस मिनट बात कर लो.
मैं अनमने मन से तैयार हुआ तो वे दो घंटे तक सब
कुछ पूछने की कोशिश करते रहे और आपत्ति करने पर कहा कि एडीटिंग में सब कुछ कट
जाएगा, फिर दबाव डालने लगे कि मैं जंगल में कुछ कैंसर वाली वनस्पतियाँ एकत्र करूं
ताकि वे दूर से इसकी तस्वीर ले सकें. उसके बाद कहने लगे कि मैं एक सरल से नुस्खे
के बारे में बताऊं. मैंने उन्हें बाहर का
रास्ता दिखाया.
माइक्रोसाफ्ट से जुड़े इस पूर्व पत्रकार
ने बाद में प्रदेश भर के पारम्परिक
चिकित्सकों के साथ यही किया. आज उसे ढेरों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार
मिल रहे हैं. मैं यह नही कह सकता कि इसमें
माइक्रोसाफ्ट का स्वार्थ जुड़ा है या इस पूर्व पत्रकार का अपना कोई एजेंडा है.
जस्टिन, इन सब गफलतों के बाद पारम्परिक
चिकित्सक सतर्क हो गये है. यह सही कदम है. उन्हें मालूम हो गया कि चंद रुपयों में उनसे
ज्ञान एकत्र करके लोग उसे पेटेंट करवाते हैं और फिर सालों तक अरबो रूपये में बेचते
रहते हैं. पारम्परिक चिकित्सक को लाभांश देना तो दूर इसे खुद का बनाया नुस्खा
बताते हैं.
कुछ वर्ष पूर्व लाइलाज समझे जाने वाले
सिकल सेल एनीमिया की सफल चिकित्सा कर रहे पारम्परिक चिकित्सक से फार्मूला चुराकर
बिलासपुर के एक प्रोफेसर ने नागपुर की एक बड़ी फार्मा कम्पनी से मिलकर उसे पेटेंट
करवा लिया. मैंने स्थानीय मीडिया में हल्ला किया कि राज्य का पारम्परिक ज्ञान खतरे
में है और पारम्परिक चिकित्सक को प्रेस से रुबरु करवाया पर नतीजा सिफर ही रहा.
इसलिए जस्टिन जो तुम मुंहमांगी कीमत देने
का प्रस्ताव पारम्परिक चिकित्सक के सामने रखना चाहते हो, उसे न रखो तो बेहतर होगा.
मेरी शुभकामनाएं तुम लोगों के साथ है.
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