कैंसर में चित्रक है कठिन, चिकित्सा करें इसके बिन
कैंसर में चित्रक है कठिन, चिकित्सा करें
इसके बिन
पंकज अवधिया
तो मामला बहुत अधिक बिगड़ गया है. आपके
रोगी की हालत तेजी से बिगडती जा रही हैं , इसलिए आप अपने मरीज के साथ एयर
एम्बुलेंस से मेरे पास आ गये हैं.
मैंने तो आपको फोन पर बताया था कि मेरा
कोई अस्पताल नही है. अब आप संकट में है कि रोगी को कहां रखा जाए. आपने उसे होटल
में रखा हुआ है और मुझसे मिलने आ गये हैं.
बेहतर यह होता कि आप कोलकाता से अकेले आते और रोगी को वही रहने देते. खैर, अब बिना
वक्त गंवाए आपसे बात की जाए.
आपने बताया कि आप कैंसर की चिकित्सा करते
हैं और इस रोगी का उपचार पिछले दो वर्षों से कर रहे हैं. सब कुछ ठीक चल रहा था पर
दस दिन पहले आपने नया फार्मूला देना शुरू किया तब से स्थिति बिगड़ी और बिगडती चली
गयी.
रोगी का वजन तेजी से घटा और वह बहुत अधिक
कमजोर हो गया. इसके साथ ही उसे उल्टियां होने लगी और पूरे शरीर में फुंसियां होने
लगी. उसके आँखों के नीचे कालापन बढ़ गया है और उसे कम दिखाई देने लगा है. उसके बचने
की कम उम्मीद है. आपको लगता है कि यह कैंसर के फैलने के कारण हो रहा है.
मुझे आपका अनुमान गलत लगता है. यह सब
कैंसर के कारण नही हो रहा है बल्कि नये फार्मूले के कारण हो रहा है. आपने बताया कि
हल्दी, कूट जैसी १८ जड़ी-बूटियों का आपका फार्मूला टयूमर को खत्म करता है. आप इस
फार्मूले में फेरबदल करते रहते हैं ताकि रोगी का स्वास्थ न बिगड़े पर इस बार आपको
कुछ समझ नही आ रहा है.
आपके फार्मूले में चित्रक नामक वनस्पति
है. मुझे लगता है इसके कारण ये सारे उपद्रव हो रहे हैं. आप इसे फार्मूले से हटा
दें. मुझे पूरा विश्वास है कि रोगी को शाम तक राहत मिलने लगेगी.
चित्रक का प्रयोग कैंसर में बहुत सम्भलकर
करना होता है. आपने अनुमोदित मात्रा से कहीं अधिक रोगी को दिया है. इस मात्रा से
तो अभी तक रोगी की मृत्यु हो जानी चाहिए थी. ये जो हल्दी आपके फार्मूले में है उसके
कारण ही रोगी अभी तक बचा हुआ है.
जाइए अब देर मत करें. होटल जाकर हर एक
घंटे में दिए जा रहे इस फार्मूले को बंद करिये.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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