कैंसर के फार्मूले ने जानवरों को मार डाला, जायपत्री नही समाधान है पिंडाला
कैंसर के फार्मूले ने जानवरों को मार
डाला, जायपत्री नही समाधान है पिंडाला
पंकज अवधिया
आप भारत के प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थान
में शोधार्थी हैं और आपने उत्तरी बंगाल के किसी वैद्य से कैंसर के नुस्खे की
जानकारी ली है .
आप उस वैद्य के साथ एक साल तक रहे हैं और
फिर फार्मूला लेकर आप अपनी लैब में लौटे.
आपको वैद्य के घर सुबह-शाम जायपत्री की
सुगन्ध आती थी. आपको लगता था कि वैद्य जायपत्री से कैंसर की चिकित्सा करते हैं पर
उन्होंने जब आपको फार्मूला दिया तो उसमे जायपत्री का नाम गायब था. आपको शक हुआ और
आपने अपने विवेकानुसार जायपत्री को मिला लिया.
मनुष्यों पर प्रयोग से पहले जब आपने
प्रयोगशाला जीवो को इसे दिया तो कुछ ही घंटो में उनकी मृत्यु हो गयी. आप बुरी तरह
से घबरा गये और अब मेरे पास आये हैं ताकि आप इस फार्मूले की जांच करवा सकें. मैं
आपकी मदद करने को तैयार हूँ.
मुझे आपने पहले वैद्य का फार्मूला
दिखाया. आपका कहना सही है कि इसमें जायपत्री की खुशबू आती है पर वैद्य की बताई
औषधीयों में जायपत्री का नाम नही है.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि बहुत सी
जंगली वनस्पतियाँ हैं जिनमे जायपत्री से मिलती-जुलती गंध पायी जाती है. इनमे सी कई
वनस्पतियों का प्रयोग कैंसर की चिकित्सा में होता हैं.
पिंडाला नाम की एक बूटी में भी जायपत्री
जैसी सुगंध आती है और यह घने जंगलों में मिलती है. कैंसर की चिकित्सा में पारंगत वैद्य
अक्सर इसका प्रयोग करते हैं. मुझे विशवास है कि आपके वैद्य ने इसका ही प्रयोग किया
होगा.
यह अच्छा हुआ कि आपने इसे प्रयोगशाला
जीवो पर आजमाया वरना ना जाने कितने लोग बेमौत मारे जाते .
आशा है मेरी द्वारा दी गयी जानकरी से आप संतुष्ट होंगे.
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