कैंसर में बासिंग जड़ी, तेजबल से प्रभावों में है बड़ी
कैंसर में बासिंग जड़ी, तेजबल से प्रभावों
में है बड़ी
पंकज अवधिया
लीजिये, मैंने आपकी बीस जड़ी-बूटियों की
पहचान कर दी. इनके वैज्ञानिक नाम और कैंसर के
उपचार में इनकी भूमिका पर प्रकाश भी डाल दिया.
अब बात इक्कीसवी जड़ी-बूटी पर अटकी है
जिसके बारे में अपाका कहना है कि यह एक दुर्लभ और प्रसिद्ध बूटी है जिसे आपको
तेजबल बताकर बेचा गया है. आपसे एक लाख रूपये लिए गये हैं और कहा गया है कि तेजबल
गले के कैंसर को जड़ से समाप्त कर देगा. मुझे लगता है कि सामने वाले ने आपको ठग
लिया है.
आपने जो बूटी दिखाई है उससे मुझे कुमायूं
में पायी जाने वाली बासिंग नामक बूटी की याद आती हैं. अभी मैं अपने सन्दर्भ
ग्रंथों को देखकर स्थिति साफ़ कर देता हूँ.
यह बासिंग ही है. मैं आपको खुशखबरी देना चाहता हूँ कि आप ठगा कर
भी नही ठगाए हैं.
भले ही यह तेजबल नही है पर कैंसर के
उपचार में यह तेजबल से अधिक अहम भूमिका निभाता है. यह भी दुर्लभ बूटी है और इसका
प्रयोग भी आपको उसी विधि से करना है जिस विधि से आपको तेजबल का प्रयोग करना बताया
गया है.
वैसे मैं आपको सलाह देना चाहूंगा कि किसी
महंगी जड़ी-बूटी को खरीदने से पहले उसकी सही पहचान का पता लगा लिया करे, मैं
छत्तीसगढ़ के पारम्परिक चिकित्सकों से अनुरोध करता हूँ. उम्मीद है तेजबल आपको चंद
रुपयों में मिला जाएगा.
मेरी सलाह यह भी है कि गले के कैंसर में
आप तेजबल का प्रयोग बीस तरह की उन जड़ी-बूटियों के साथ करें जिन्हें आप साथ लायें
हैं. अकेले तेजबल का प्रयोग अक्सर पेट के रोग पैदा कर देता है और लेने के देने पड़
जाते हैं. तेजबल के साथ किसी मिश्रण में उपस्थित दूसरी औषधीयाँ इसके नकारात्मक
प्रभावों को कम कर देती हैं.
छत्तीसगढ़ से मैंने गले के कैंसर में
उपयोगी तेजबल आधारित पांच हजार औषधीय मिश्रणों के बारे में पारम्परिक ज्ञान एकत्र किया
है जबकि उड़ीसा और झारखंड से सात हजार मिश्रणों के बारे में जानकारियाँ एकत्र की
हैं. पूरे देश भे से १८००० से अधिक ऐसे औषधीय मिश्रण के बारे में जानकारी एकत्र की
है जिनमे बासिंग का प्रयोग किया जाता है और इनका उपयोग गले के कैंसर की चिकित्सा
में होता है.
आशा है मेरे द्वारा दी गयी जानकारियों से
आप संतुष्ट होंगे.
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