पेट के कैंसर में धराशायी होती किडनी, ध्यान दें कौन सी दवा लेनी है और कितनी
पेट के कैंसर में धराशायी होती किडनी, ध्यान दें कौन सी दवा लेनी है और कितनी
पंकज अवधिया
चाहे अंगरेजी हो या देशी सभी दवाओं के
लाभ भी है और हानि भी. किसी भी दवा को नुकसानरहित मानना आपकी भूल है.
आप कनाडा से आये हैं और पेट के कैंसर
से प्रभावित हैं. कनाडा में आपका आधुनिक उपचार चल रहा है पर आप
लगातार भारत आते रहते हैं .
हरिद्वार के किसी वैद्य से भी आपकी
चिकित्सा चल रही है. कनाडा के डाक्टर कहते हैं कि आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंग
तेजी से खराब होते जा रहे हैं. उन्होंने आपकी किडनी की जांच करके बताया है कि
दोनों किडनियों की हालत खराब है.
आपने इस बारे में अपने वैद्य से बात की
है. उन्होंने तीन दवाएं बढ़ा दी हैं. पर आपको लाभ नही हो रहा है. आपने पहले मुझसे
फोन पर लम्बी बात की और फिर अब समय लेकर मुझसे मिलने आये हैं. मैं आपकी मदद
करूंगा.
आपने बताया कि आपको पेट के कैंसर के लिए Methotrexate नामक दवा कनाडा के डाक्टर दे रहे हैं. आपके वैद्य आपको तीन
तरह के अर्क दे रहे हैं कैंसर की चिकित्सा के लिए. बाद में उन्होंने तीन तरह के
चूर्ण भी देना शुरू किया है आपकी किडनी के लिए.
वे आपको कैंसर के लिए महामेदा, सुपली और
सुतली कंद के अर्क दे रहे हैं. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि पारम्परिक चिकित्सा
में कभी भी इन तीनो तरह के अर्कों को एक साथ नही दिया जाता है.
तीनो अर्क कैंसर के लिए उपयोगी हैं पर इसका मतलब यह बिलकुल नही है कि तीनों को
मिला दिया जाए. इन तीनो अर्कों को एक साथ लेने पर लीवर और किडनी को बहुत नुकसान
होता है.
सुपली कंद के अर्क की आपकी कैंसर की Methotrexate नामक दवा के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है. इस प्रतिक्रिया
से किडनी पर बुरा असर पड़ता है.
मैं आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि आपकी
कैंसर की Methotrexate नामक दवा भी कुछ
हद तक आपकी किडनी को नुक्सान पहुंचा सकती है. इसकी अधिक मात्रा से आपकी किडनी तुरंत
काम करना बंद कर सकती हैं. किडनी की रक्षा के लिए आपके वैद्य ने जो तीन दवाएं दी
हैं वे पथरी की दवाएं हैं. वे आपकी किडनी की रक्षा नही करेंगी.
मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप
दवाओं को सोच-समझकर ही लें. किडनी के लिए हानिकारक दवाओं का प्रयोग तुरंत बंद
करें.
मैं आपको कुछ पारम्परिक खाद्य सामग्रियां
सुझा रहा हूँ जिन्हें आप अपनी दवाओं के साथ ले सकते हैं. इससे आपकी किडनी बची
रहेगी. साथ ही शरीर की रोग प्रति रोधक
क्षमता भी बढ़ेगी जिससे कैंसर का फैलाव रुकेगा,
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
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सर्वाधिकार सुरक्षित
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