ब्रेन कैंसर की अंतिम अवस्था, पन्द्रह तरह के आर्किड से बना फार्मूला दिखाए रास्ता

ब्रेन कैंसर की अंतिम अवस्था, पन्द्रह तरह के आर्किड से बना फार्मूला दिखाए रास्ता
पंकज अवधिया

आपके डाकटर ने कह दिया है कि आपके पास ज्यादा से ज्यादा दो से तीन महीने हैं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इतना समय काफी है  इस दवा के असर के लिए.

आपको बेन कैंसर है और यह रोग की अंतिम अवस्था है. ब्रेन ट्यूमर के बढ़ने के कारण नित नई समस्याएं पैदा हो रही हैं और आपका जीवन कठिन होता जा रहा है.

आप अभी अस्पताल में ही हैं और डाक्टर आपको आधुनिक दवाएं दे रहे हैं पर उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है. आप जानते हैं कि ब्रेन कैंसर की चिकित्सा बहुत कठिन है.

आपने देश भर के सौ से ज्यादा वौद्यों और पारम्परिक चिकित्सकों से सम्पर्क साधा पर किसी ने भी चिकित्सा के लिए सहमति नही दी. आप निराश हो रहे हैं पर उम्मीद नही छोड़ना चाहते हैं. आपने कैंसर पर मेरे शोध कार्यों को इंटरनेट पर देखकर मुझसे संपर्क किया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैंने आपकी सभी रिपोर्ट देखी है. मुझे कुछ परीक्षण करने होंगे पारम्परिक विधियों की सहायता से. इससे मुझे उपयुक्त दवाओं को चुनने में मदद मिलेगी.

इसके लिए मैं आपके  पिताजी के हाथों कुछ चूर्ण भेज रहा हूँ. इन्हें पानी में मिलाकर लेप तैयार कर  लीजिएगा और फिर हाथों के पंजों में लगा लीजिएगा.

उसके बाद पिताजी मेरे बताये अनुसार आपके शरीर में आ रहे बदलावों को देख लेंगे और मुझे सूचित कर देंगे. मैंने उस अस्पताल के मुखिया से बात कर ली है जहां आपकी चिकित्सा चल रही है. उन्होंने इस आरम्भिक परीक्षण की अनुमति दे दी है.

मैं अपने अनुभवों के आधार पर आपको बताना चाहता हूँ कि पन्द्रह प्रकार के आर्किड की सहायता से एक फार्मूला तैयार किया जाता है जो कि ब्रेन कैंसर की रामबाण दबा मानी जाती है विशेषकर अंतिम अवस्था में जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं.

मैंने कई बार इसका प्रयोग किया है और इसमें सफलता पायी है.  पिछले २५ से अधिक वर्षों में मैंने ८००० से अधिक मामलों में इसके सफल प्रयोग को देखा है और इसका प्रयोग करने वाले  पारम्परिक चिकित्सकों के साथ समय बिताया है.

इस फार्मूला के सभी घटक भारत में ही मिलते हैं पर इसके लिए अलग-अलग राज्यों के जंगलों में जाकर इन्हें एकत्र करना होता है. छत्तीसगढ़ के बस्तर से दो तरह के आर्किड, झारखंड के जंगलों से तीन तरह के आर्किड, उड़ीसा से एक तरह का आर्किड, कर्नाटक से चार तरह के आर्किड – इस प्रकार पूरे देश से जंगली आर्किड एकत्र करके दवा तैयार की जाती है और इसे  तुरंत ही रोगी को देना होता है.

इसे रखने की मनाही है. यह दवा बारह घंटों के अंदर असर दिखाना आरम्भ करती है और इसका सही प्रयोग एक महीने के अंदर रोगी को ठीक कर देता है. एक बार इसका सकारात्मक असर दिखने के बाद फिर फार्मूला बदल जाता है. इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियाँ मिलाई जाती है.

आरम्भिक परीक्षणों के बाद आपके पिताजी ने मुझे बताया है कि उन्होंने मेरी यात्रा का पूरा प्रबंध कर दिया है. वे भी साथ रहेंगे. चूंकि यह बरसात का मौसम है इसलिए जंगल के भीतर जाने में कुछ समस्या हो सकती है पर मैं पूरा प्रयास करूंगा.
   
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com
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