कैंसर फेफड़े का, अंग्रेजी-देसी दवाओं का बेमेल मेल मामला है लफड़े का,
कैंसर फेफड़े का, अंग्रेजी-देसी दवाओं का
बेमेल मेल मामला है लफड़े का,
पंकज अवधिया
आपने कनाडा से रायपुर तक का लम्बा सफर
किया है वो भी इस बुरी हालत में. आप आराम से बैठिये और मुझे विस्तार से बताइए अपनी
समस्या के बारे में.
आप कनाडा से आयें हैं और फेफड़े के कैंसर
के रोगी है. आप कनाडा में कैंसर का आधुनिक उपचार करवा रहे हैं. आप हाल ही में भारत
आये थे और राजस्थान के वैद्य से दवा लेनी शुरू की है.
आप दवाओं की आपसी प्रतिक्रिया के विषय
में जानते हैं इसलिए आपने वैद्य से कहा है कि उन्हें बाहर से प्रयोग की जाने वाली
दवा ही दे. आंतरिक प्रयोग के लिए आपने कनाडा की दवा को प्राथमिकता दी है.
आपके वैद्य मान गये है और उन्होंने आपको ७५ जड़ी-बूटियों से तैयार औषधीय मिश्रण
दिया है जिसे आपको आग में जलाना है और फिर धुंए को सांस के माध्यम से फेफड़े के
अंदर ले जाना है.
आप दोनों ही तरह की चिकित्सा पूरे मन से जारी रखे हुए थे पर इसके बाद भी जब
कैंसर का फैलाव नही रुका और आपकी हालत बिगडती गयी तो अब आप मुझसे परामर्श लेने आये हैं. मैं आपकी
मदद करूंगा.
आप मुझसे जानना चाहते हैं कि कैंसर का
फैलाव क्यों हो रहा है? क्या कनाडा वाली दवा काम नही कर रही है या वैद्य वाली दवा
काम नही कर रही है ? कहीं वैद्य वाली दवा से कनाडा वाली दवा की कोई नकारात्मक
प्रतिक्रिया तो नही हो रही है या कनाडा वाली दवा की वैद्य वाली दवा से? क्या ये दोनों ही दवाएं असर नही कर रही हैं और
आपने इन दोनों को लेकर गलती की? क्या आपको फिर से नई दवा शुरू करनी चाहिए? क्या आप
बच पायेंगे या नही?
आपने बताया कि कनाडा में आप Crizotinib नामक दवा का प्रयोग कर रहे हैं. यह फेफड़े के कैंसर की एक
अच्छी दवा है. आपके वैद्य का फार्मूला भी कम नही है पर इसे बाहरी दवा नही कहा जा
सकता.
मैंने वैद्य के फार्मूले में प्रयोग की
जा रही ७५ जड़ी-बूटियों की सूची को देखा
है. मैंने अपने अनुभव से जाना है कि इनमे से कई बूटियाँ Crizotinib नामक दवा के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं. इनमे से
कुछ के नाम हैं अडूसा, गस्ती, बन नील, बन हल्दी, पडरी और पाषाणभेद.
आप अपने वैद्य से कहकर इन बूटियों को मिश्रण
से हटवा दें तो आपके कैंसर का फैलाव काफी हद तक रुक जाएगा. आपके वैद्य यदि न माने
तो मुझसे बात करवाईयेगा.
आप यदि कनाडा वाली दवा बंद करने की मंशा
रखते हैं तो फिर मैं वैद्य की दवा में दस और बूटियाँ जोड़ दूंगा ताकि आपको जल्दी से
जल्दी लाभ मिल सके.
आप फैसला लेने में देरी न करें क्योंकि
आपके पास समय बहुत कम है.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस
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सर्वाधिकार सुरक्षित
E-mail: pankajoudhia@gmail.com
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