कैंसर की दवाओं से पीलिया, सही ज्ञान ने बहुतों को इससे बचा लिया
कैंसर की दवाओं से पीलिया, सही ज्ञान ने बहुतों
को इससे बचा लिया
पंकज अवधिया
१६ नीम-हकीमों से झाड़-फूंक करवाने के बाद
यह अच्छा हुआ कि आपने समस्या के मूल कारण को जानने का प्रयास किया.
आप बुन्देलखण्ड से आई हैं और आपको देखकर
लगता है कि आप बहुत अधिक शारीरिक कमजोरी की शिकार हैं. आँखों और त्वचा को देखकर
लगता है कि आप पीलिया से ग्रस्त हैं.
आपकी मेडीकल रिपोर्ट इस बात की पुष्टि
करती है. आपका लीवर ठीक से नही काम कर रहा है और स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती
जा रही है. आपने पीलिया का पता चलने पर
नीम-हकीमो का सहारा लिया पर नतीजा सिफर ही रहा.
आपने व्यर्थ ही कीमती समय गंवाया. मैं आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा.
आपने बताया कि आपको ब्रेस्ट कैंसर है और
पुणे में इसकी चिकित्सा चल रही है. कीमोथेरेपी का दौर चल रहा है. आपके डाक्टर
ने कीमोथेरेपी के सम्भावित नुकसानों के
बारे में बताया और उनसे बचने के लिए दवाएं दी पर लीवर के बारे में कुछ नही बताया.
आपने यह भी बताया कि आप केवल कीमोथेरेपी
पर विश्वास कर रही हैं. साथ में एक-दो घरेलू नुस्खे आजमा रही है जिसे कैंसर के लिए
उपयोगी बताया गया है. आपने इन नुस्खों के
बारे में मुझे विस्तार से बताया है.
आप गर्म लाल चावल के साथ जंगली हल्दी, जड़
पीपर और फल पीपर को मिलाकर ले रही हैं रोज
सुबह-शाम. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह घरेलू नुस्खा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
बढाने के लिए कारगर है. आप इसमें दस और धरेलू सामग्रियां मिलाकर इसे शक्तिशाली बना
सकती हैं. ग्रामीण भारत में आज भी इसका प्रयोग जचकी के बाद महिलाओं के स्वास्थ को
फिर से ठीक करने के लिए होता है.
आपने बताया कि कीमोथेरेपी के लिए आपके
डाकटर Capecitabine
नामक दवा का प्रयोग कर रहे हैं. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपकी यह दवा
घरेलू नुस्खे से नकारात्मक प्रतिक्रिया Negative Drug
Reaction कर रही है.
इसी कारण आपके लीवर को इतना जबर्दस्त नुकसान
पहुंचा है. आप लाल चावल के स्थान पर काला चावल इस्तमाल करके और नुस्खे से फल पीपर
को हटाकर इस नुकसान को कम कर सकती हैं पर मेरी सलाह यही है कि आप कुछ समय के लिए
इसका प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दें.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस
लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
E-mail: pankajoudhia@gmail.com
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