किडनी के कैंसर में गस्ती की छाल, आधुनिक दवा के साथ छाले पैदा कर रोगी का करे बुरा हाल

किडनी के कैंसर में गस्ती की छाल, आधुनिक दवा के साथ छाले पैदा कर रोगी का करे बुरा हाल
पंकज अवधिया  

किडनी के कैंसर से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. पिछले साल 5000 से अधिक लोगों ने किडनी कैंसर के लिए मुझसे सम्पर्क किया.  मैंने आपकी भेजी रिपोर्ट देख ली है.

आपको किडनी का कैंसर है और यह तेजी से फैल रहा है. आप आधुनिक चिकित्सा करवा रहे हैं. आपके डाक्टर साफ शब्दों में कहते हैं कि आप रोग की अंतिम अवस्था में पहुंचने वाले हैं. इसके बाद सारे रास्ते शायद बंद हो जायेंगे.

आप अपनी जान बचाने के लिए सक्रिय हो गये हैं. आपने मुझसे दवा के लिए सम्पर्क किया तो मैंने आपको वनीय क्षेत्र में आपनी सेवायें दे रहे पारम्परिक चिकित्सक से मिलने की सलाह दी और यह भी कहा कि उनसे मिलने के पहले एक बार मुझसे अवश्य मिल लीजिएगा.

आपने मेरी बात मानी और पारम्परिक चिकित्सक के पास जाने से पहले मुझसे मिलने के लिए आये हैं. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपके डाक्टर आपको किडनी के कैंसर के लिए Everolimus नामक दवा दे रहे हैं. किसी पारम्परिक चिकित्सक के पास भेजने से पहले रोगियों से मिलने का मेरा एकमात्र उद्देश्य यही होता है कि कहीं आधुनिक और पारम्परिक उपचारों को एक साथ लेने से रोगी को नई स्वास्थ समस्याओं का सामना न करना पड़े. ज्यादातर पारम्परिक चिकित्सक आधुनिक दवाओं और उनकी पारम्परिक दवाओं से होने वाली प्रतिक्रिया के बारे में नही जानते हैं.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपके पारम्परिक चिकित्सक आपको पहली खुराक  लाल चावल के साथ देंगे. इसमें गस्ती नामक वृक्ष की छाल चूर्ण के रूप में होगी. आप इसे लेने से इनकार कर दीजिएगा.

गस्ती की छाल आपकी कैंसर की दवा Everolimus के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया करेगी. यदि आप इसे अपनी कैंसर की दवा के साथ लेंगे तो आपको उल्टियां आनी शुरू हो जायेंगी.

पारम्परिक चिकित्सक रोज शाम को आपको एक कडवी दवा शहद के साथ देंगे . आप इसे भी लेने से इनकार कर दीजिएगा. इस दवा की प्रतिक्रिया भी कैंसर की दवा से होती है. यदि आप इसे लेंगे तो आपको दस्त होने शुरू हो जायेंगे.

पारम्परिक चिकित्सक की इस दवा में छोटी भुईनीम होती है.  पारम्परिक चिकित्सक की शेष दवाएं आप बिना किसी भय के ले सकते हैं. उनकी आपकी कैंसर की दवा Everolimus के साथ प्रतिक्रिया नही होती है.

मैंने आपके पारम्परिक चिकित्सक से बात कर ली है. वे आपको कोई भी दवा जबरदस्ती नही देंगे. आपके इंकार करने पर वे दवा को नही देंगे. ऐसा नही है कि उनकी कुछ दवाओं को नही लेने से आपका कैंसर ठीक नही होगा. आप उन पर भरोसा रखें.
   
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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