लंग कैंसर में अलसी और खेसारी, गलत प्रयोग बेकार कर दे मेहनत सारी

लंग कैंसर में अलसी और खेसारी, गलत प्रयोग बेकार कर दे मेहनत सारी
पंकज अवधिया

आपका कहना है कि कैंसर ने आपके बेटे को पागल बना दिया है वरना वह मानसिक रूप से बहुत मजबूत है.

आपके बेटे को लंग कैंसर है और आप बेलगाम में रहते हैं. कैंसर चूंकि बहुत  तेजी से फ़ैल रहा है इसलिए आप सभी तरह की चिकित्सा करवा रहे हैं.

आधुनिक उपचार मुम्बई में चल रहा है और पारम्परिक उपचार मध्यभारत में .  पिछले कुछ समय से आपके बेटे की मानसिक स्थिति बिगड़ी है. आपको आशंका है कि कैंसर के दिमाग तक पहुंच जाने के कारण ऐसा हो रहा है.

आपके बेटे को अँधेरे से डर लगने लगा है. किसी ऊँची इमारत को देखने पर उसे लगता है कि जैसे वह उस पर गिर जायेगी, ठीक से लेट नही पाता है, उसे लगता है कि जैसे उसका दम घुट जाएगा. उसके मुँह से बदबू आने लगी है. केवल आप से ही दवा लेता है. जब दूसरे परिजन दवा देते हैं तो उसे लगता है कि उसे जहर दे दिया जाएगा.

आपने अपने चिकित्सकों को ये बातें बताई तो उन्होंने बेटे को समझाने का प्रयास किया पर कोई नतीजा नही निकला. आपने इंटरनेट में मेरे बारे में पढ़ा और अब फीस जमाकर मिलने का समय लिया है. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने बताया कि आपके बेटे को कैंसर के लिए Etoposide नामक दवा दी जा रही है. आपके पारम्परिक चिकित्सक अस्सी जड़ी-बूटियों वाला कोई फार्मूला दे रहे हैं. आपने फार्मूले का एक नमूना मुझे भेजा था पर उससे अस्सी घटकों की पहचान नही हो पायी.

आपके अनुरोध पर आपके पारम्परिक चिकित्सक ने पूरा फार्मूला आपको बता दिया है पर आपसे वचन ले लिया है कि आप इसका व्यवसायिक उपयोग नही करेंगे. मैंने विस्तार से आपसे  फार्मूले के बारे जानकारी ली है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि पारम्परिक चिकित्सक के फार्मूले में प्राथमिक घटक के रूप में अलसी है और सप्तम घटक के रूप में खेसारी दाल है.

आमतौर पर इन घटकों को इस तरह किसी फार्मूले में नही मिलाया जाता है. इसका प्रयोग कई तरह के मानसिक लक्ष्ण पैदा करता है. ये दोनों घटक आपके बेटे को दी जा रही कैंसर की दवा से भी नकारात्मक प्रतिक्रिया करते हैं जिसके कारण आपके बेटे के दिमाग पर असर पड़ रहा है. इसका कैंसर से कोई लेना देना नही है.

मैं आपके पारम्परिक चिकित्सक से बात करूंगा और उनसे अलसी को चतुर्थक और खेसारी को पंचम घटक के रूप में फार्मूले में शामिल करने को कहूंगा. इससे फार्मूले का दोष खत्म हो जाएगा और इसकी कैंसर की दवा से प्रतिक्रिया भी कम हो जायेगी .     

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com
-=-=-

    

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)