कैंसर में दस्त, रक्त कुसुम के साथ औषधीयों का गलत प्रभाव हालत करे पस्त,

कैंसर में दस्त, रक्त कुसुम के साथ औषधीयों का गलत प्रभाव हालत करे पस्त,
पंकज अवधिया

मैं जरुर आउंगा. आप मेरे आने-जाने की व्यवस्था भर कर दें. आप अपने वैद्य जी को भी वहां रहने का अनुरोध कर दीजिएगा.

आप की माताजी को कैंसर है और आधुनिक और पारम्परिक दोनों ही तरह की चिकित्सा चल रही है. आधुनिक चिकित्सा में आप उन्हें दर्द नाशक दे रहे हैं और पारम्परिक चिकित्सा में पास के जाने-माने वैद्य जी से चिकित्सा करवा रहे हैं.

पिछले १५ दिनों से  आपकी माताजी को दिन में कई बार दस्त हो रहे हैं जो कि किसी भी तरह से नही रुक रहे हैं.

आपने पहले आधुनिक दवाओं का सहारा लिया और फिर खान-पान में परिवर्तन किया और अंत में वैद्य जी की दवाओं का पर नतीजा सिफर ही रहा.

वैद्य जी की कैंसर के लिए दी गयी दवाएं पेट में ठहर नही रही है. आपकी माताजी बहुत कमजोर हो गयी हैं और कमजोर शरीर में कैंसर तेजी से फैलता है ये आप जानते हैं.

आप सभी तरह की उपलब्ध जानकारियों के आधार में देश भर के विशेषज्ञों से सम्पर्क कर रहे हैं ताकि इस दस्त पर अंकुश लगाया जा सके. इसी क्रम में आपने मुझे बुलवाया है.

मैंने वैद्य जी से बात की है और उनकी दवाओं की सूची देखी है. उनकी दवाओं से दस्त होने की सम्भावना नगण्य है. और वे यह कह भी रहे हैं कि उन्होंने बहुत सी दवाओं को फार्मूल्र से हटाकर देखा है पर कोई लाभ  नही हुआ. दस्त को रोकने के लिए वे रक्त कुसुम नामक जिस वनस्पति का प्रयोग कर रहे हैं वह दस्त की कारगर दवा है पर इसके बाद भी दस्त का न रुकना चिंतनीय है.

मैंने आपकी माताजी को दी जा रही आधुनिक दवाओं की सूची भी देखी है. उसमे Pentazocine नामक दवा है जो कैंसर के दर्द को कम करने के लिए दी जाती है. मुझे लगता है कि लगातार दस्त इसी दवा के कारण हो रहे हैं. आप इसे बंद कर दे और अपने चिकित्सक से पूछकर दूसरी दवा देना शुरू करें. मुझे विशवास है कि आपकी माताजी को लाभ होगा.   

Pentazocine से बहुत से रोगियों को कब्ज हो जाता है और बहुत कम मामलों में इस तरह के दस्त होते हैं. मैं आपको यह भी सलाह देना चाहूंगा कि भविष्य में यदि यह दवा फिर से लेनी पड़े तो आप रक्त कुसुम के साथ इसका प्रयोग करने से बचें.

आप के अनुरोधानुसार मैं आपके पास पांच घंटों तक रुका रहा. अब दस्त नही हो रहे हैं. जल्दी ही आपकी माताजी के स्वास्थ में सुधार होने लगेगा.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 

सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)