कैंसर में गोवर्धन बूटी और अरंडी का तेल, दस्त को रोक पाना नही है बच्चों का खेल
कैंसर में गोवर्धन बूटी और अरंडी का तेल,
दस्त को रोक पाना नही है बच्चों का खेल
पंकज अवधिया
हाँ, मुझे याद आ गया. कर्नाटक के धारवाड़ के पास आपके पिताजी से मेरी
मुलाकात हुयी थी.
वे उस क्षेत्र के जाने-माने पारम्परिक
चिकित्सक थे और उस समय उन्होंने कैंसर की चिकित्सा आरम्भ की थी. मैं उनके पास एक
दिन रुका था और हम दोनों के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ था.
आप उनके बेटे हैं और उनकी मृत्यु के बाद
आपने पारम्परिक चिकित्सा को जारी रखने का निर्णय किया है. आपने बताया कि कैंसर की
चिकित्सा में क्षेत्र में आप पिताजी से भी अधिक प्रसिद्ध हैं. आपने कई देशी-विदेशी
राजनेताओं के परिवारों को अपनी सेवायें दी हैं.
आपका मेरा पास आने का कारण पेट के कैंसर
का एक नुस्खा है जिसका प्रयोग आपके पिताजी किया करते थे. आप भी उस नुस्खे को जानते
हैं पर जब भी उसका प्रयोग अपने रोगियों पर करते हैं तो रोगियों को दस्त होने लगते
हैं और उनकी जान पर बन आती है.
आपने इंटरनेट पर मेरे द्वारा आपके पिताजी
के कार्यों पर लिखा गया लेख पढ़ा और फिर मुझसे समय लेकर मिलने का मन बनाया. आप
फार्मूले की पूरी जानकारी लेकर आये हैं. मैं आपकी मदद करने को तैयार हूँ.
आपके फार्मूले में पैतीस श्रेष्ठ औषधीयाँ
हैं. ये सभी मिलकर कैंसर को जड़ से समाप्त करने की क्षमता रखती है.
मुझे आपके पिताजी ने जो फार्मूला बताया
था उसमे कुछ परिवर्तन हुए हैं. आपके पिताजी अपने हाथ से जो नुस्खा वहां रुकने का
मन बनाकर आये रोगियों को देते थे उसमे गोवर्धन बूटी नही होती थी. जब वे दूर से आये
रोगियों को वापस लौटकर खाने के लिए जो नुस्खा देते थे उसमे वे इस गोवर्धन बूटी को जरुर
डालते थे.
आपको मालूम होगा कि यह बूटी पेट साफ़ करती
है और कई बार इसके सेवन से दस्त हो जाते हैं. आपके पिताजी रोगियों को रात को अपने
पास बुलाकर अरंडी का तेल देते थे ताकि कैंसर का विष शरीर से बाहर निकल जाए और उसके
बाद अल सुबह अपना नुस्खा देते थे.
वे अरंडी के तेल का प्रयोग अपनी निगरानी
में करते थे. वहां रुककर इलाज न करवाने वाले रोगियों को वे अंडी के तेल को पीने
नही कहते थे. ऐसे रोगियों के नुस्खे में वे गोवर्धन बूटी डाल देते थे.
आप फार्मूले को शक्तिशाली बनाने के फेर
में अरंडी के तेल और गोवर्धन बूटी दोनों का प्रयोग नुस्खे में कर रहे हैं जिसके
कारण रोगियों को दस्त हो जा रहे हैं और उनकी जान पर बन आ रही है.
आप दोनों में से एक घटक का प्रयोग करें.
मैं गोवर्धन बूटी के प्रयोग को अनुमोदित करना चाहूंगा.
आशा है आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी
से लाभ हुआ होगा. मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
Comments