कैंसर में आपके बागीचे की वनस्पति ड्रेसिना, मुश्किल कर दे रोगियों का जीना
कैंसर में आपके बागीचे की वनस्पति ड्रेसिना,
मुश्किल कर दे रोगियों का जीना
पंकज अवधिया
आपके विचार अच्छे हैं और आपकी योजनायें
निश्चित की हमारे देश के असंख्य कैंसर रोगियों को राहत देंगी.
आप समाजसेवक हैं और देश भर में आपके
धर्मार्थ चिकित्सालय हैं. इन चिकित्सालयों में सभी रोगों की चिकित्सा होती है.
देश में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को
देखते हुए आप अब देश भर में कैंसर अस्पताल शुरू करना चाहते हैं. आपने मुझे अपनी
योजनाओं को विस्तार से बताने के लिए कोलकाता आमंत्रित किया है और आप चाहते हैं कि
मैं अब कोलकाता में रहकर कैंसर रोगियों को अपनी निशुल्क सेवायें दूं और आपकी
संस्था की तरफ से पूरी दुनिया के रोगियों को पारम्परिक चिकित्सा के माध्यम से राहत
दे सकूं.
आपने कोलकाता के अस्पताल में कैंसर के
रोगियों को दिए जाने वाले उपचार के बारे में मुझे विस्तार से बताया है. आप उनका
हर्बल उपचार भी कर रहे हैं और बड़ी संख्या में आपके पास दक्ष चिकित्सक हैं. आप
चाहते हैं कि इस यात्रा के दौरान मैं यहाँ
चल रहे हर्बल उपचार पर भी टिप्पणी करूं और उनमे सुधार करूं.
आपके अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि
ज्यादातर कैंसर रोगी हाइपर सलाईवेशन की समस्या से ग्रस्त हैं. कुछ चिकित्सकों को
लगता है कि यह कैंसर के विरुद्ध शरीर की प्रतिक्रिया है जबकि कुछ को लगता है कि यह
उनके द्वारा दी गयी दवाओं के कारण हैं. मैंने कैंसर रोगियों को दी जा रही दवाओं की
विस्तृत सूची माँगी थी जिसका मैंने अब अध्ययन कर लिया है.
बड़े आश्चर्य की बात है कि कैंसर के रोगियों
को दी जा रही हर्बल दवाएं मलेशिया और थाईलैंड की हैं. हमारे देश की
जड़ी-बूटियों और उनसे सम्बन्धित पारम्परिक
ज्ञान का लोहा पूरा विश्व मानता है और आप
विदेशों की दवाओं का सहारा लिए हुए हैं.
मुझे लगता है कि यह सारा खेल कमीशन का है
पर धर्मार्थ चिकित्सालयों में रोगियों के स्वास्थ से खिलवाड़ शोभा नही देता है.
मेरी बातें आपको कडवी लग सकती हैं पर मैं आँखों देखे सच की बात ही कह रहा हूँ.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कैंसर के
ज्वर के लिए आप थाईलैंड में बनी जो दवा दे रहे हैं उसमे कालमेघ के अलावा दौना है और इसके
साथ हमारे बागीचों में अक्सर दिखने वाले ड्रेसिना नामक पौधे के सत्व को डाला गया
है.
यह जहरीली वनस्पति है . रोगियों को
अत्यधिक लार Hyper Salivation की समस्या इसी के कारण हो रही है. इससे रोगियों की भूख भी
कम हो रही है और बहुत से रोगी कुछ भी खाते ही उल्टी कर रहे हैं.
मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप तुरंत इस
दवा पर रोक लगायें. मैं आपके पास कालमेघ पर आधारित औषधीय मिश्रणों की सूची छोड़ रहा
हूँ जिसकी सहायता से आप कैंसर के ज्वर को ठीक कर सकते हैं बिना किसी दुष्प्रभाव के.
मैं स्वतन्त्र रूप से कार्य करना पसंद
करता हूँ. आप योग्य चिकित्सकों को कैंसर के रोगियों की सेवा में लगायें. मैं
समय-समय पर इसी तरह मार्गदर्शन देता रहूंगा.
कैंसर की चिकित्सा पर मेरा शोध
कार्य पिछले कई दशकों से चल रहा है और
आजीवन चलता रहेगा. इसलिए एक स्थान पर अधिक समय तक ठहरना मेरे लिए सम्भव नही है.
आपने मुझे इस योग्य समझा इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस
लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
-=-=-
Comments