कैंसर की बूटी से अंधापन, स्व-चिकित्सा माने संकट में जीवन
कैंसर की बूटी से अंधापन, स्व-चिकित्सा
माने संकट में जीवन
पंकज अवधिया
मैं आम लोगों में स्व-चिकिथा की लगातार
बढ़ रही प्रवृत्ति से बहुत चिंतित हूँ. आपकी समस्या के मूल में भी स्व-चिकित्सा है.
आप मुख के कैंसर के रोगी है. पिछले वर्ष
जब आपने मुझसे सम्पर्क किया था तो मैंने आपको उड़ीसा के एक पारम्परिक चिकित्सक के
पास भेजा था. आप लगातार उनसे दवा लेते रहे और आपको लाभ भी हुआ.
अब आप फिर से मेरे पास आयें हैं. इस बार
आपकी समस्या कैंसर नही बल्कि आँखों की रोशनी है जो तेजी से घट रही है और आप अंधेपन
की ओर बढ़ रहे हैं.
आपने बताया कि आप पारम्परिक चिकित्सक
द्वारा कैंसर के लिए दी जा रही बूटियाँ ही ले रहे हैं. इसके अलावा किसी भी तरह की
दवा आप नही ले रहे हैं.
आपने यह भी बताया कि आपको पारम्परिक चिकित्सक
तीन तरह की बूटियाँ देते हैं जिन्हें मिलाकार मुख में रखना होता है ताकि कैंसर का
दर्द कम हो सके. आपको हर महीने पारम्परिक चिकित्सक के पास जाना होता है दवा लेने
के लिए.
आपने इंटरनेट पर मेरा बेअर फुट क्रशिंग
उपचार पर लिखा गया आलेख पढ़ा जिसमे पैरों के माध्यम से कैंसर की दवा दी जा सकती है.
आपको पारम्परिक चिकित्सक द्वारा दी गयी तीन बूटियाँ कडवी लगती थी इसलिए आपने उनमे
से एक दवा को चुना और पैरों में लगाने लगे.
आपने स्व-चिकित्सा से बचने के आलेख में
किये गये अनुरोध को अनदेखा किया और साथ ही पारम्परिक चिकित्सक को भी इस बारे में
नही बताया. कुछ महीने तक तो सब ठीक रहा पर फिर कैंसर बढने लगा. पारम्परिक चिकित्सक
ने आपसे बार-बार पूछा कि आपने कोई दवा लेनी बंद कर दी है क्या तब भी आपने मुख से
दी जाने वाली दवा को पैरों में लगाने की बात नही बताई.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि उडीसा के
पारम्परिक चिकित्सक मुख के कैंसर के लिए रोनोजीत नामक बूटी का प्रयोग करते हैं जो
कि बहुत कडवी होती है. इस दवा को हमेशा दूसरी बूटियों के साथ दिया जाता है ताकि
इसका बुरा असर खत्म हो जाए और वह कैंसर में लाभ पहुंचाए.
आपको भी यह बूटी दी गयी जिसे आपने पैर
में लगाना आरम्भ कर दिया. इससे आप की आँखों की रोशनी कम होने लगी और अब आप अंधत्व
के कगार पर पहुंचने लगे हैं. स्व-चिकित्सा आपको भारी पडी.
मैं आपको कुछ बूटियाँ देता हूँ जो इस
अंधत्व को ठीक कर देंगी पर इसमें समय लगेगा.
पर पहले आप मुझे आश्वस्त करें कि आप
भविष्य में स्व-चिकित्सा से बचेंगे.
सर्वाधिकार सुरक्षित
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