कैंसर के इलाज के लिए ग्रीन कैंसर, विदेशी वनस्पति भी उपचार में न छोड़े कोई कसर
कैंसर के इलाज के लिए ग्रीन कैंसर,
विदेशी वनस्पति भी उपचार में न छोड़े कोई कसर
पंकज अवधिया
इसमें आश्चर्य की कोई बात नही है.
पारम्परिक चिकित्सक सदा से अपने ज्ञान को नये प्रयोगों से समृद्ध करते रहे हैं.
ऐसे बहुत से विदेशी पौधे हैं जिनका उपयोग
अब पारम्परिक चिकित्सक देशी पौधों के साथ कर
रहे हैं और असंख्य रोगियों को लाभ पहुंचा रहे हैं.
आप गुजरात से आये हैं और कैंसर के रोगी
हैं. आप वहां के पारम्परिक चिकित्सक से चिकित्सा करवा रहे हैं.
उन्होंने आपको बहुत सी जड़ी-बूटियों की
पहचान करवाई है और आप से कहा है कि आप स्वयं कैंसर की दवा तैयार करें घर में. आप
उनके निर्देशानुसार दवा तैयार करते रहे और उनसे अपनी चिकित्सा करते रहे. आपको लाभ
हुआ.
एक दिन जब किसी विशेषज्ञ ने आपको चेताया
कि आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली बूटियों में गाजर घास भी है तो आप चौके और जब
आपको पता चला कि यह जहरीली वनस्पति है तो आप ने इंटरनेट ने इसके बारे में जानकारी जुटाई
और गाजर घास पर मेरे शोध कार्यों तक पहुंच गये. अब आपने मुझसे मिलने का समय लिया
है.
मैं आपको बताना चाहूंगा कि गाजर घास भले
ही दशको पहले आयातित गेहूं के साथ अमेरिका से भारत आई है और पूरे देश में एलर्जी फैला
रही है पर यह भी सत्य है कि हमारे देश के पारम्परिक चिकित्सकों ने इसके साथ बहुत
से प्रयोग किये हैं और धीरे-धीरे इसे अपने पारम्परिक नुस्खों का हिस्सा बना रहे
हैं. इन नुस्खों में कैंसर के नुस्खे भी शामिल हैं.
गाजर घास को ग्रीन कैंसर कहा जाता है
क्योंकि यह कैंसर की तरह ही तेजी से फैलती है और नुकसान पुहुन्चाती है. गाजर घास
की उत्पप्ति विश्व के जिस भाग से हुयी है वहां के स्थानीय लोगों के लिए यह एक
उपयोगी वनस्पति है. वे इसका बाहरी और आंतरिक प्रयोग नाना प्रकार के रोगों की
चिकित्सा में करते हैं.
दुनिया भर में गाजर घास को कैसे और किस
रूप में औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है इस पर मैंने एक शोध पात्र भी प्रकाशित
किया था जिसे आप आनलाइन पढ़ सकते हैं.
हमारे देश के पारम्परिक चिकित्सक सीधे ही
इस वनस्पति का प्रयोग बहुत कम करते हैं. वे इसका शोधन करते हैं और फिर बिना डर
इसका प्रयोग करते हैं. कैंसर में वे इसका प्रयोग दूसरी वनस्पतियों के साथ करते हैं
ताकि इसके हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सके.
मैंने
इंटरनेट पर जिन ३५,००० से अधिक फार्मूलों के बारे फिल्में बनाई हैं उनमे
गाजर घास पर आधारित फार्मूलों का जिक्र भी है. आपको यदि रूचि है तो आप गूगल पर “Parthenium
hysterophorus in Human Cancer Fomulations” सर्च कर इस
जानकारी तक पहुंच सकते हैं.
आशा है कि आप की जिज्ञासा का समाधान हो
गया होगा. आपके पारम्परिक चिकित्सक कुछ भी गलत नही कर रहे हैं.
मेरी
शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस
लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
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