कैंसर की दवा के साथ नरकचूर, आँखों के लिए बड़ा खतरा है ये हुजूर

कैंसर की दवा के साथ नरकचूर, आँखों के लिए बड़ा खतरा है ये हुजूर
पंकज अवधिया

आपके नेत्र विशेषज्ञ कहते हैं कि आपकी आँखें बिलकुल ठीक है पर फिर भी आप की शिकायत है कि आपको सब कुछ धुंधला दिखाई पड़ता है. यह चिंता का विषय है.

आपने बताया कि आप कैंसर के रोगी हैं और कीमोथेरेपी और रेडियेशन थेरेपी के कठिन दौर से गुजर रहे हैं. इसके अलावा आपको सोरायसिस Psoriasis की समस्या भी है. इसके लिए आप कोई आयुर्वेदिक फार्मूला ले रहे हैं. इस फार्मूले से आपको लाभ हो रहा है और अब तो सोरायसिस पूरी तरह से ठीक होता लगता है.

आँखों की समस्या आपकी तीसरी समस्या है जिसके लिए आप मुझसे मिलने आये हैं.

आपके कैंसर  वाले चिकित्सक कहते है कि उनके उपचार से आँखों की रोशनी धुंधली नही हो रही है. आपके आयुर्वेद चिकित्स कहते है कि वे लम्बे समय से इस फार्मूले का प्रयोग कर रहे हैं और असंख्य रोगियों को उन्होंने ठीक किया है. उन्हें  कभी भी इस तरह की शिकायत नही आई.

आपने कैंसर के लिए ली जा रही दवा के बारे में विस्तार से जानकारी दी और साथ ही आयुर्वेद चिकित्सक के फार्मूले में उपयोग की जाने वाली बूटियों के बारे में भी.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि कीमोथेरेपी और रेडियेशन थेरेपी के बाद होने वाली उबकाई और उल्टियों को रोकने के लिए आपके डाक्टर Ondansetron नामक दवा दे रहे हैं.

मैंने अपने अनुभव से जाना है कि यह दवा बहुत सी खाद्य सामग्रियों के साथ कई तरह की समस्याओं को जन्म देती है इसलिए मैंने आपसे विस्तार से यह भी जानना चाहा कि आप दिन भर किस तरह की खाद्य  सामग्री लेते हैं? आपने जानकारी दी पर मुझे उसमे कुछ भी गडबड नही लगा.

जब आपके  सोरायसिस के फार्मूले पर ध्यान दिया गया तो इसमें उपयोग किये जाने वाले नरकचूर पर नजर अटक गयी.

कुछ वर्ष पहले कैंसर पर शोध कर रहे एम्स दिल्ली के कैंसर विशेषज्ञों ने मुझसे मुलाक़ात का समय लिया था. वे  Ondansetron नामक दवा के साथ भारतीय जड़ी-बूटियों की होने वाली प्रतिक्रिया पर शोध कर रहे थे. मैंने उन्हें जिन जड़ी-बूटियों का नाम दिए थे उनमे नरकचूर का नाम भी शामिल था.

मैं आपको बताना चाहूंगा कि  Ondansetron नामक दवा के साथ नरकचूर को किसी भी रूप में लेने से मांस-पेशियों में कमजोरी आ जाती है और आँखों की रोशनी कम हो जाती है.

मेरी सलाह यही है कि आप इस ड्रग इंटरेकशन Drug Interaction के बारे में अपने चिकित्सकों के साथ चर्चा करें ताकि वे अपनी दवा में परिवर्तन करके आपकी आँखों को बचा सके.
सर्वाधिकार सुरक्षित

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