कैंसर में बड़ी भुईनीम साथ में डायबीटीज के लिए इन्सुलिन, रोगी को करे परेशान रात-दिन

कैंसर में बड़ी भुईनीम साथ में डायबीटीज के लिए  इन्सुलिन,  रोगी को करे परेशान रात-दिन
पंकज अवधिया

कैंसर के रोगियों को इतनी अधिक यात्रा नही करनी चाहिए. मुझे पहले पता होता तो मैं स्वयं ही चला आता.

आप मुंह के कैंसर से प्रभावित हैं. आप बालाघाट के किसी वैद्य से चिकित्सा करवा रहे हैं. उनका कहना है कि यदि आप नियमित रूप से दवा लेंगे तो वे आपको कैंसर मुक्त कर सकते हैं. आप को डायबीटीज भी है इसके लिए आप आधुनिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में इन्सुलिन का प्रयोग कर रहे हैं.  इससे आपको लाभ हो रहा है.

पिछले कुछ दिनों से आपको मांस-पेशियों में जबरदस्त अकडन हो रही है. कमर में असहनीय दर्द है. आपका हिलना-डुलना भी बंद है. आपकी इस स्थिति से आपके वैद्य असमंजस में है और उन्होंने आपको मुझसे मिलने की सलाह दी है. मैं आपकी मदद करूंगा.

आपने  कल ही खून की जांच करवाई है. आपकी रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि खून में पोटेशियम की बहुत कमी है. आपको HypoKalemia हो गया है. चूंकि आप कैंसर की अंतिम अवस्था में है इसलिए दूसरे चिकित्सक आपकी चिकित्सा करने में अपने को असमर्थ पा रहे हैं. 

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपकी यह समस्या कैंसर के कारण नही है.  मैंने आपके वैद्य से बात की है. वे आपको बड़ी भुईनीम पर आधारित औषधीय मिश्रण दे रहे हैं. ये मुँह के कैंसर में कारगर है और आपके वैद्य की दिशा सही है.  

जैसा कि आपने बताया कि आप  Insulin glargine का प्रयोग कर रहे हैं. वैज्ञानिक अनुसन्धान बताते हैं कि इसके गलत प्रयोग से बहुत बार खून में पोटेशियम की मात्रा कम हो जाती है. इससे कमर दर्द की भी समस्या हो जाती है.

मैंने अपने अनुभव से जाना है कि जब  Insulin glargine को बड़ी भुईनीम के साथ प्रयोग किया जाता है तो Insulin glargine के दुष्प्रभाव बहुत बढ़ जाते हैं.

मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप एक बार अपने डायबीटीज वाले चिकित्सक से मिलें और उन्हें बताएं कि आपको इन्सुलिन से समस्या हो रही है. मैं यह जानता हूँ कि उनके पास ज्यादा विकल्प नही है पर आप कोशिश जरुर करें.

यदि आपके चिकित्सक कोई समाधान नही बता पाते हैं तब आप डायबीटीज के लिए इन्सुलिन के स्थान पर कारगर वनस्पतियों का प्रयोग करें ताकि आप इस समस्या से निजात पा सकें.  ये वनस्पतियाँ आपको अपने वैद्य के पास मिल जायेंगी.  

विदेशों में रोगियों को ऐसी विचित्र परिस्थितियों से नही गुजरना पड़ता क्योंकि वहां एक ही प्रकार की चिकित्सा पद्धति है.  हमारे देश में आधुनिक चिकित्सक ये नही जानते हैं कि उनकी दवाओं के साथ पारम्परिक चिकित्सकों की जड़ी-बूटियाँ  कैसी प्रतिक्रियाएं देंगी और पारम्परिक चिकित्सक यह नही जानते हैं कि उनकी जड़ी-बूटियों के साथ आधुनिक चिकित्सकों की दबाएँ कैसे काम करेंगी? यहीं सब गुड-गोबर हो जाता है और आम रोगी रोग से ज्यादा दवाओं की आपसी प्रतिक्रियाओं का शिकार हो जाता है.

चलिए मैं आपकी आरामदायक वापसी का प्रबंध कर देता हूँ.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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