कैंसर हो जब प्रोस्टेट का , अंग्रेजी दवा के साथ रोहिना असर करे विष सा

कैंसर हो जब प्रोस्टेट का , अंग्रेजी दवा के साथ रोहिना असर करे विष सा

पंकज अवधिया

शुक्रिया आरामदायक यात्रा का प्रबंध करने के लिए.  आपके पति तो मरणासन्न स्थिति में है. एयरपोर्ट से सीधे मैं अस्पताल चला गया था. वहां पता चला कि डाक्टरों के जवाब देने पर आप  सब उन्हें घर  पर ले आये हैं. घर पर सात डाक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी करेगी.

आप के पति को प्रोस्टेट कैंसर है और अमेरिका में उनका इलाज हो रहा है. कैंसर बहुत बढ चुका है इसलिए आपने भारत का रुख किया है और यहाँ गुजरात के वैद्य से उनकी चिकित्सा चल रही है.

वैद्य का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा और दवाओं से उनकी औषधीयों पर बुरा असर नही पड़ता है इसलिए रोगी चाहे तो सभी तरह के उपचार जारी रख सकता है.

पिछले सप्ताह से आपके पति का ब्लड प्रेशर बहुत बढा हुआ है, शुगर लेवल भी आसमान छू रहा है, बार-बार दस्त हो रहे हैं, हाथ-पैरों की सूजन अपने चरम पर है, लगातार खांसी हो रही है, दिखना कम हो गया है, वे गहरे मानसिक अवसाद में है. सारी दवाएं बेअसर साबित हो रही हैं. इसे कैंसर की अंतिम अवस्था माना जा रहा है पर फिर भी लक्षणों के आधार पर उपचार की कोशिशें की जा रही हैं.

अमेरिका में आपके पति को जो दवाएं दी गयी थी उनकी जानकारी आपने दी है. आपने बताया कि अभी भी ये दवाएं चल रही हैं.  गुजरात के वैद्य अपना फार्मूला किसी को नही बताते. इसलिए मरे बार-बार अनुरोध करने के बाद भी उन्होंने कुछ नही बताया.

आपने उनके द्वारा दिया जा रहा चूर्ण मुझे दिखाया पर मैं कुछ बूझ नही पाया. आपने एक और चूर्ण दिखाया जिसे रात को एक ग्लास पानी में भिगोया जाता है और फिर सुबह खाली पेट चूर्ण युक्त पानी को पीना होता है.

यह चूर्ण एक सप्ताह पहले ही शुरू हुआ है. आपने बताया कि सुबह जब आप अपने पति को चूर्ण मिला पानी देती हैं तो उसका रंग लाल होता है. आपके द्वारा दी गयी यह जानकारी महत्वपूर्ण है. 

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि प्रोस्टेट कैंसर के लिए आपके पति को Abiraterone acetate नामक दवा दी जा रही है. इसी कैंसर के लिए गुजरात के वैद्य आपको रोहिना नामक वृक्ष की छाल का चूर्ण दे रहे हैं. इन दोनों दवाओं की आपस में नकारात्मक प्रतिक्रिया हो रही है. सारी समस्याओं की जड़ यही है.

अब आपको फैसला लेना है कि आपको कौन सी दवा बंद करनी है. आपने अमेरिका में चल रही दवा को बंद करने का मन बनाया.

बड़े आश्चर्यजनक रूप से तीन दिनों के भीतर शुगर लेवल ठीक हो गया, ब्लड प्रेशर सामान्य हो गया, हाथ-पैरों की सूजन कम हो रही है, दस्त बंद हो गये और आपके पति मानसिक रूप से स्वस्थ हो रहे हैं.

अब आपके पति कैंसर से लड़ने के लिए फिर युद्ध के मैदान में है. किसी के कहने पर यूँ हार न माने.  
  
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.

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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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