कैंसर में मलेशिया की हर्बल टी, देसी बूटियों से भिड़े और करे अच्छे स्वास्थ की छुट्टी

कैंसर में मलेशिया की हर्बल टी, देसी बूटियों से भिड़े और करे अच्छे स्वास्थ की छुट्टी

पंकज अवधिया

अच्छा हुआ जो आपने मेरे से परामर्श ले लिया. नही तो सब  गुड-गोबर हो जाता.

आप स्काटलैं ड के रहने वाले हैं और आपको किडनी का कैंसर है. आप नई पीढी के भारतीय वैद्य से दवाएं ले रहे हैं. दवाओं के लिए आपको बार-बार भारत आना पड़ता है और फिर दूर जंगल की यात्रा करनी होती है.

आपके वैद्य ने कहा कि कैंसर के ठीक होने की संभावना  पच्चीस प्रतिशत है. चूंकि आधुनिक चिकित्सक जवाब दे चुके हैं इसलिए आप पूरे मन से वैद्य की दवा ले रहे हैं पर आपको लाभ नही हो रहा है.

आपने इंटरनेट पर मेरे लेख पढ़ें और फिर कैंसर के लिए ली जा रही दवाओं पर मेरे विचार जानने के लिए मिलने का समय लिया.

आपने बताया कि आप  Orthosiphon नामक हर्बल चाय का सेवन लम्बे समय से कर रहे हैं. इसे आप कभी मलेशिया से तो कभी थाईलैंड से खरीदते हैं.

आपने पढ़ा है कि यह चाय किडनी के लिए बहुत अच्छी है. आपने अपने वैद्य को इस चाय के बारे में बताया तो वे इसके वैज्ञानिक नाम को समझ नही सके. फिर आपने इसकी तस्वीर दिखाई पर फिर भी वे इस बारे में कुछ नही कह पाए और फिर यह कह दिया कि उनकी दवाओं के साथ आप यह हर्बल चाय ले सकते हैं.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि यह चाय किडनी के लिए लाभप्रद है  पर लम्बे समय तक इन्सका प्रयोग किसी जानकार के मार्गदर्शन में आपको करना चाहिए था. इसका आपके किडनी के कैंसर से कोई लेना-देना नही है पर वैद्य की दवाएं इससे नकारात्मक प्रतिक्रियाएं कर रही हैं.

आपने वैद्य के फार्मूले में १८ प्रकार की कडवी बूटियाँ हैं. इनमे चिरायता, कालमेघ और लता नीम है.

इन तीनो वनापस्तियाँ  Orthosiphon  के साथ नही दी जाती हैं, जानकार पारम्परिक चिकित्सक बताते हैं कि किसी भी रूप में इन तीनो बूटियों का सेवन यदि  Orthosiphon के  साथ किया जाता है तो रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है.

यही आपके साथ हुआ. रोग  प्रतिरोधक क्षमता कम होने से आपका कैंसर फैलता ही जा रहा है अपर इसके ठीक होने की संभावना क्षीण हो रही है.

इसमें आपकी गलती नही है. नई पीढी के वैद्यो का ज्ञान अब सतही हो गया है. वे ज्यादा कुछ जानना नही चाहते हैं, उन्होंने अपने पूर्वजों से मन लगाकर ज्ञान अर्जन नही किया. सिर्फ उतना ही ज्ञान लिया जससे वे पैसे कमा सकें.

मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप हर्बल चाय का सेवन रोक दें.

यदि आप चाहें मैं आपको कुछ भोजन सामग्री सुझा सकता हूँ जिससे आपको कैंसर में लाभ होगा. आप अपने वैद्य  से उपचार जारी रख सकते हैं.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
-=-=-


Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)