कैंसर की दवा से असहनीय खुजली, ताजी बूटी से शोधित ही भली

कैंसर की दवा से असहनीय खुजली, ताजी बूटी से शोधित ही भली
पंकज अवधिया

आपके शरीर पर पड़े ये निशान शीत पित्ती की याद दिलाते हैं. आप इसे खुजलाइए नही और  आराम से बैठिये. मैं आपकी मदद करने की कोशिश करता हूँ.

आप नेपाल से आई हैं और आप नेपाल में ही किसी वैद्य से कैंसर की चिकित्सा करवा रही है. आप कैंसर की चिकित्सा के लिए मेरे पास नही आई हैं.

आप खुजली से परेशान है. ऐसी खुजली जो दिन रात चलती है और इससे आप  परेशान हो गयी हैं.  आपने पहले आधुनिक दवाएं ली लम्बे समय तक. स्टीराइडस का भी सहारा लिया पर आपको आराम नही मिला.

डाक्टर कहते रहे कि आपको परागकणों से एलर्जी है. आपने नेपाल से भारत आकर बहुत समय बिताया पर इस समस्या का समाधान नही हुआ.

उसके बाद आप बनारस गयी और वहां के विद्वानों से परामर्श लिया. वैद्यों से दवा ली पर नतीजा सिफर ही रहा.

आपको बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के किसी प्रोफेसर ने मुझसे मिलने की सलाह दी. इसलिए आप समय लेकर मुझसे मिलने आई हैं.  

दो घंटों की लम्बी बातचीत के बाद भी खुजली के कारणों का कुछ पता नही लग पाया. बिना जड़ तक पहुँचे मैं किसी औषधि के अनुमोदन के पक्ष में नही हूँ.

मैंने आपसे कैंसर के लिए ली जा रही दवाओं के बारे में भी पूछा. आपने इस बारे में विस्तार से बताया और जानकारी दी कि नेपाल के पारम्परिक चिकित्सक कैंसर के रोगियों को स्नान के लिए एक काढा बनाने को कहते हैं. इस काढ़े में कुछ समय तक नंगे बदन डूबे रहने पर रोगियों को कैंसर की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है. उन्हें मार्फीन जैसी दर्द नाशक दवाओं के सहारे की जरूरत नही पडती है.

आपने काढ़े की समाग्री से काढा बनाकर मुझे दिखाया. जब मैंने उसमे कुछ मछलियाँ डाली तो वे क्षण भर में मर गयी और धीरे-धीरे उनके शरीर का गलना आरम्भ हो गया. यह काढा विषाक्त है. पर ऐसे विषाक्त काढों का प्रयोग बहुत से पारम्परिक चिकित्सक अक्सर करते हैं. उन्होंने आपको अपनी आँखों को इससे बचाने की हिदायत दी होगी.

आपने मेरी बात नेपाल के पारम्परिक चिकित्सक से कराई. उन्होंने बताया कि वे पांच तरह की बूटियों का प्रयोग काढ़े में करते हैं. इनमे से एक बूटी कर्रा है जो कि बहुत जहरीली होती हैं.

सिरदर्द की चिकित्सा में बहुत से पारम्परिक चिकित्सक इसका प्रयोग करते हैं. वे इसी तरह काढ़े से स्नान करने को कहते हैं. चूंकि यह विषैली वनस्पति है इसलिए इसका प्रयोग लोकप्रिय नही है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपकी खुजली इसी वनस्पति के कारण हो रही हैं. आप अपने वैद्य को यह बात बताएं ताकि वे इसमें परिवर्तन कर स्क्रे और आपको कैंसर में भी लाभ हो और खुजली की समस्या भी न हो.

यदि वे कर्रा का प्रयोग बंद नही करना चाहते हैं तो उनसे इसे सही तरीके से शोधित करने की सलाह दें ताकि यह विष मुक्त हो सके.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.    

सर्वाधिकार सुरक्षित

कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
https://archive.org/details/pankajoudhia?sort=-publicdate

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)