कैंसर योनि का तो गंगामूल लगाये दम, अंतिम अवस्था में अकेले लड़ने की शक्ति है कम
कैंसर योनि का तो गंगामूल लगाये दम,
अंतिम अवस्था में अकेले लड़ने की शक्ति है कम
पंकज अवधिया
ओह लगता है मुझे आने में बहुत देर हो
गयी. खराब मौसम के कारण फ्लाईट लेट हो गयी और फिर आपके गाँव के पास की नदी ने कई
घंटों का विलम्ब कर दिया. कुछ घंटो पहले
ही आपकी बिटिया का देहांत हो गया.
आपकी बिटिया वैजाइनल कैंसर से प्रभावित
थी. आपने आस्ट्रेलिया में उसका उपचार कराया और जब डाक्टरों ने कहा कि अब बिटिया को
बचा पाना मुश्किल है तो आप मुम्बई के जाने-माने अस्पताल गये.
वहां से निराश होकर आप असम गये जहां के प्रसिद्ध
वैद्य से आपने बिटिया का इलाज कराना शुरू किया. बिटिया की हालत बिगड़ते देखकर आप वैद्य
की अनुमति से उसे घर ले आये. वैद्य की दवा चलती रही.
बीती रात जब उसकी हालत बुरी हो गयी तो
आपने मुझसे सम्पर्क किया और मैं कुछ ही घंटों में आपके गाँव की ओर रवाना हो गया.
पर यहाँ पहुँचते तक देर हो चुकी थी.
आपने बताया कि असम के वैद्य बिटिया को गंगामूल नामक एक ही बूटी दे रहे थे.
उनका दावा था कि इसके निरंतर प्रयोग से बिटिया को जल्दी ही आराम पहुंचेगा. उन्होंने
इसके साथ किसी तरह की रोक नही लगाई थी खान-पान में.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि गंगामूल को
स्त्रीयों के लगभग सभी रोगों में प्रयोग किया जाता है और इसमें इन रोगों को ठीक
करने की अपूर्व क्षमता होती है. देश के बहुत से पारम्परिक चिकित्सक गंगामूल से
कैंसर की चिकित्सा करते हैं और सफलता भी पाते हैं.
मुझे आश्चर्य इस बात का है कि कैंसर की
इस बढी हुयी अवस्था में आपके वैद्य ने केवल गंगामूल के प्रयोग की क्यों सोची और जब
शुरुआती आराम न मिला तो भी वे इसी को देते रहे.
यदि कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर मेरे द्वारा बनाई गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि
की फिल्में आप देखें तो उसमे वैजाइनल कैंसर में गंगामूल के साथ उपयोगी बहुत सी
वनस्पतियों के बारे में जानकारी दी गयी है जो कि गंगामूल की कैंसर में उपयोगिता को
कई गुना बढा देती हैं.
गंगामूल पर आधारित सैकड़ों औषधीय मिश्रण
है जो कि कैंसर के रोगियों को मौत के मुंह से खीच लाने की क्षमता रखते है.
आपने मुझसे थोड़ा पहले समपर्क किया होता
तो मैं आपके वैद्य से बात कर लेता और यदि
जरूरी होता तो मिल भी आता. पिछले महीने
मैंने बहुत बार बंगाल की यात्रा की.
एक और बात आपको बताना चाहूंगा कि गंगामूल
के साथ कैंसर की बढी हुयी अवस्था में किसी भी रूप में चाय का प्रयोग रोक दिया जाता
है. शायद इस बात की जानकारी आपके वैद्य को नही रही होगी.
इस दुःख की घड़ी में मैं आपके साथ हूँ.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज
अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस
लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
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