कैंसर में दहीमन के साथ मोदगर, बिजली के करंट सा दर्द कर दे जीना दूभर

कैंसर में दहीमन के साथ मोदगर, बिजली के करंट सा दर्द कर दे जीना दूभर

पंकज अवधिया

मैं आपके दर्द को समझ सकता हूँ. आपके निरंतर बहते आंसू बता रहे हैं कि आप कठिन दौर से गुजर रहे हैं. आप आराम से बैठिये मैं आपकी समस्या  सुलझाने का प्रयास करता हूँ.

आप पेट के कैंसर के रोगी हैं और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. डाक्टरों ने बताया कि आपका कैंसर अंतिम अवस्था में है.

आप बस्तर के पारम्परिक चिकित्सक से कैंसर की दवाएं ले रहे हैं. इससे आपको लाभ हो रहा है. आपकी समस्या पूरे शरीर में होने वाले तेज दर्द की है. यह दर्द कभी भी अचानक बिजली  के करंट की तरह होता है और पूरे शरीर में झटके लगते हैं.

आपको बताया गया है कि कैंसर की अंतिम अवस्था में ऐसा ही होता है इसलिए आपको धैर्यपूर्वक इसको सहन करना चाहिए.  जब यह दर्द बर्दाश्त के बाहर हो गया तो आप मेरे पास आयें हैं ताकि मैं आपको इस दर्द से मुक्ति दिलवा सकूं.  मैं आपकी मदद के लिए तैयार हूँ.

आपने बताया कि आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है और जब आपने इंटरनेट पर पढ़ा कि दहीमन नामक वनस्पति से  हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर दोनों का उपचार होता है तो आपने इसे लेना शुरू कर दिया.

आप जिस पारम्परिक चिकित्सक से कैंसर की दवा ले रहे हैं उन्हें आप्पने इसके बारे में नही बताया है. आपका कहना है कि  दहीमन से आपकी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या जस की तस है.  आप शक्कर के विकल्प के रूप में स्टीविया लेते हैं. आपने पारम्परिक चिकित्सक द्वारा दी जा रही दवाओं के बारे में भी बताया.  आपका धन्यवाद जो आपने विस्तार से मुझे जानकारियाँ दी.


मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपकी समस्या का मूल कारण आपका कैंसर नही है बल्कि आपको दी जा रही दवाएं हैं. आपके पारम्परिक चिकित्सक मोदगर नामक जंगली वृक्ष की सहायता से आपके कैंसर की चिकित्सा कर रहे हैं. वे इसकी छाल का प्रयोग कर रहे हैं.

जब मोदगर की छाल का प्रयोग दहीमन में साथ किया जाता है इनमे नकारात्मक प्रतिक्रियाएं होती हैं और शरीर का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है. कैंसर के रोगियों को यह प्रतिक्रिया भारी पडती है और उनके शरीर में उसी तरह का दर्द हो जाता है जिस तरह का दर्द आपको हो रहा है. आपके पारम्परिक चिकित्सक ने मोदगर की छाल के साथ दस दूसरी बूटियाँ भी मिलाई हैं. इनमे से बहुत सी बूटियाँ इस प्रतिक्रिया के दुष्प्रभाव को बढा देती हैं.

आप दहीमन का प्रयोग बंद कर दें. इससे जल्दी ही आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा.

मैं आप से यह भी कहना चाहूंगा कि आप अखबारों और इंटरनेट पर भ्रामक जानकारियों से बचें.  किसी भी वनस्पति का प्रयोग सोच समझकर करें और जब आप एक से अधिक वनस्पतियाँ ले रहे हों तो इनकी सकारात्मक और नकारात्मक प्रतिक्रियाओं को जाने बिना इनका प्रयोग न करें.

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं.
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित
 E-mail:  pankajoudhia@gmail.com

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