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Consultation‌ ‌in‌ ‌Corona‌ ‌Period-297‌ ‌ Pankaj‌ ‌Oudhia‌ ‌पंकज‌ ‌अवधिया‌ ‌

Consultation‌ ‌in‌ ‌Corona‌ ‌Period-297‌ ‌ Pankaj‌ ‌Oudhia‌ ‌पंकज‌ ‌अवधिया‌ ‌ ‌ 30‌ ‌वर्षीय‌ ‌युवक‌ ‌को‌ ‌महाराष्ट्र‌ ‌के‌ ‌एक‌ ‌नीम‌ ‌हकीम‌ ‌ने‌ ‌एक‌ ‌बूटी‌ ‌दी‌ ‌और‌ ‌कहा‌ ‌कि‌ ‌इसका‌ ‌प्रयोग‌ ‌पूर्णिमा‌ ‌के‌ ‌दिन‌ ‌करने‌ ‌से‌ ‌ 100‌ ‌घोड़ों‌ ‌का‌ ‌बल‌ ‌शरीर‌ ‌में‌ ‌आ‌ ‌जाएगा‌ ‌और‌ ‌कितना‌ ‌भी‌ ‌अधिक‌ ‌सेक्स‌ ‌किया‌ ‌जाए‌ ‌किसी‌ ‌तरह‌ ‌की‌ ‌थकावट‌ ‌नहीं‌ ‌ आएगी।‌ ‌वह‌ ‌युवक‌ ‌उस‌ ‌नीम‌ ‌हकीम‌ ‌के‌ ‌चक्कर‌ ‌में‌ ‌आ‌ ‌गया‌ ‌और‌ ‌बातों‌ ‌ही‌ ‌बातों‌ ‌में‌ ‌उस‌ ‌नीम‌ ‌हकीम‌ ‌ने‌ ‌उस‌ ‌युवक‌ ‌से‌ ‌ तीन‌ ‌लाख‌ ‌वसूल‌ ‌लिए।‌ ‌ ‌युवक‌ ‌ने‌ ‌पूर्णिमा‌ ‌के‌ ‌दिन‌ ‌दूध‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌जब‌ ‌उस‌ ‌बूटी‌ ‌का‌ ‌उपयोग‌ ‌किया‌ ‌तो‌ ‌उसे‌ ‌अपने‌ ‌शरीर‌ ‌में‌ ‌किसी‌ ‌भी‌ ‌तरह‌ ‌का‌ ‌ कोई‌ ‌फर्क‌ ‌नहीं‌ ‌दिखाई‌ ‌दिया।‌ ‌उसे‌ ‌ठगी‌ ‌का‌ ‌अहसास‌ ‌हुआ।‌ ‌उसने‌ ‌बूटी‌ ‌का‌ ‌कुछ‌ ‌हिस्सा‌ ‌पार्सल‌ ‌के‌ ‌माध्यम‌ ‌से‌ ‌मेरे‌ ‌पास‌ ‌ भेजा‌ ‌ताकि‌ ‌मैं‌ ‌उस‌ ‌बूटी‌ ‌की‌ ‌पहचान‌ ‌कर‌ ‌सकूं‌ ‌और‌ ‌बता‌ ‌सकूं‌ ‌कि‌ ‌क्या‌ ‌वास्तव‌ ‌में‌ ‌यह‌ ‌बूटी‌ ‌इतनी‌ ‌अधिक‌ ‌प्रभावकारी‌ ‌है‌ ‌ या‌ ‌उसे‌ ‌इस‌ ‌नाम‌ ‌पर‌ ‌ठगा‌ ‌गय

Consultation in Corona Period-296 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-296 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "जब आप बता रहे हैं कि जब आपने इस वनस्पति को एकत्र किया था तो आपके हाथों में छाले पड़ गए थे तो आपको सैंपल भेजते समय यह बात स्पष्ट तौर पर लिखनी चाहिए थी और उस पर एक चेतावनी भी लिखनी चाहिए थी कि यह जहरीली वनस्पति हो सकती है इसीलिए इसकी पहचान करते समय विशेष रूप से सावधानी बरती जाए। आपने ऐसा कुछ नहीं लिखा। मैंने अपनी ओर से सावधानी बरती पर फिर भी उस वनस्पति के कारण मेरी बाई आंख 5 दिनों तक प्रभावित रही और मुझे कम दिखने की समस्या होती रही। आज जब समस्या का कारण पता चला तब मैंने इस वनस्पति का एंटीडोट लिया। उससे मेरी आंख फिर से सामान्य स्थिति में वापस आ पाई। अगली बार से आप इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखिएगा और किसी भी विशेषज्ञ के पास ऐसी वनस्पति भेजने से पहले विशेष सावधानी रखियेगा। यह बेहतर होगा कि आप उन विशेषज्ञ से पूछ लें कि क्या आप जहरीली वनस्पति की पहचान करते हैं या नहीं?" मैं कोलकाता के एक शोध छात्र को चेतावनी भरे स्वर में यह बातें कह रहा था जिसने मुझे एक वनस्पति का नमूना भेजा था और जिसके कारण मुझे कई तरह की स्वास्थ्य सम

Consultation in Corona Period-295 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-295 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "क्या जटिल बीमारियों के लिए आप फंक्शनल फूड भेजते हैं? हमने अपने वृद्धाश्रम में एक बूढ़ी माता जी को आपके द्वारा भेजा गया फंक्शनल फूड का उपयोग करते हुए देखा है। उन्हें मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर है और अब डॉक्टर जवाब दे चुके हैं। वह नियमित रूप से आपके द्वारा भेजे गए फंक्शनल फ़ूड का उपयोग कर रही है। उनके बेटे ने उन्हें यह पैकेट ला कर दिया है और लगातार आ कर देता रहता है। हमारी उत्सुकता जागी तो हमने इस बारे में पूछताछ की तब हमें आपके बारे में पता चला। हमने आपके बारे में इंटरनेट पर छानबीन की तो हजारों शोध पत्र और शोध ग्रंथों की जानकारी मिली और हमें पता चला कि आप भारत के पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का डॉक्यूमेंटेशन कर रहे हैं। क्या हर महीने आप हमारी संस्था से जुड़े हुए कैंसर की अंतिम अवस्था वाले रोगियों को 10000 फंक्शनल फूड के पैकेट की नियमित सप्लाई कर सकते हैं? इसके लिए जो भी कीमत होगी हमारी संस्था वहन करने के लिए तैयार है। कृपया जब भी आपको समय मिले आप हमें जवाब अवश्य दें।" उत्तर भारत की एक स्वयंसेवी संस्था ने जब मुझसे संपर्

Consultation in Corona Period-294 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-294 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "है तो यह एनाप्लास्टिक थायराइड कैंसर पर यह अंतिम अवस्था है और मुंबई से अब वापसी हो गई है। किसी भी तरह की कोई उम्मीद नहीं है इसलिए मैंने आपसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। मेरे बेटे ने फेसबुक पर आपकी एनाप्लास्टिक थायराइड कैंसर की रिपोर्ट के बारे में जानकारी देखी तो मुझसे कहा कि यदि संभव हो तो इनको एक बार बुला कर मरीज को दिखा लिया जाए। हो सकता है कि कुछ हो सके तब मैंने अपने बेटे को खुलासा करते हुए बताया कि जिस विशेषज्ञ की बात तुम कर रहे हो वह तो मेरे स्कूल के दोस्त हैं और मैं आज ही उनसे संपर्क करके उन्हें बुलाने की कोशिश करता हूं। पंकज तुमने मुझे पहचान लिया होगा। इससे पहले भी मैंने तुमसे संपर्क किया है। मैं बिलासपुर में चिकित्सक हूं और मेरे चाचा जी का यह केस है जो कि अब लाइलाज हो चुका है। मुझे नहीं लगता कि इतनी दूर अमरकंटक आने से किसी भी प्रकार का कोई लाभ होगा पर फिर भी मेरे घर वाले कहते हैं कि एक बार आप अगर आ सके तो उन्हें तसल्ली हो जाएगी।" बिलासपुर से जब मेरे मित्र का संदेश आया तो मैंने तुरंत ही कहा कि मैं आने को त

Consultation in Corona Period-293 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-293 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया मुझे लिवर सिरोसिस है मैं वैक्सीन लगाऊं कि नहीं। मुझे पिछले साल टीबी की बीमारी हुई थी। क्या मैं वैक्सीन लगवा सकती हूं। मैं कैंसर की अंतिम अवस्था में हूं और मेरे बचने की कोई उम्मीद नहीं है फिर भी क्या मैं वैक्सीन लगवा सकता हूं। मेरी बहुत सारी तेज दवायें चल रही है क्या उन दवाओं के साथ मैं वैक्सीन लगवा सकता हूं। ऐसे अनगिनत प्रश्न मेरे पास आते रहे विभिन्न माध्यमों से और मैं उन सभी से यही कहता रहा कि आप संबंधित चिकित्सक से मिलें या भारत सरकार की गाइडलाइन पढ़ें। उसके आधार पर ही निर्णय ले कि आपको वैक्सीन लगवानी चाहिए कि नहीं। इन प्रश्नों का सिलसिला अभी थमा भी नहीं था कि अब इस तरह के प्रश्न आने लगे कि तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे तो क्या आप ऐसे देसी फंक्शनल फूड के बारे में बता सकते हैं जिनका प्रयोग करने से बच्चों को तीसरी लहर से पूरी तरह से बचाया जा सके। प्रश्नों की झड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही है। मैं उन सभी को टालने की कोशिश कर रहा हूं। इस उम्मीद में कि हमारे योजनाकार इन प्रश्नों का जवाब देंगे और अपने देश के अकूत पारंपरिक चिक

Consultation in Corona Period-292 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-292 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मेरा ऑर्गेनिक का काम है सर जी। आप मेरा चावल खा कर तो देखिए। आपकी तबीयत खुश हो जाएगी।" ऐसा कह कर मुझे चावल का एक सैंपल उसने मुझे दे दिया। मैंने चावल को देखते ही कहा कि यह तो काली मूंछ है। इसकी क्या विशेषता है?" "सर, ये ऑर्गेनिक है।" मैंने कहा कि आप ऑर्गेनिक का सर्टिफिकेट दिखाइए। कौन सी संस्था ने इसे ऑर्गेनिक सर्टिफाई किया है? मेरे इस प्रश्न पर वह बगले झांकने लगा और फिर कहने लगा कि यह बस्तर का काली मूंछ है इसलिए यह ऑर्गेनिक है। मैंने कहा कि यह तो कोई बात नहीं हुई। आप इसे अधिक कीमत पर बेच रहे हैं और कह रहे हैं कि यह ऑर्गेनिक है और आपके पास किसी भी प्रकार का सर्टिफिकेट भी नहीं है। बस्तर में तो रासायनिक और जैविक दोनों खेती होती है। एक जमाने में बस्तर में केवल जैविक खेती होती थी और वह तो बहुत पुरानी बात है। "सर ये बस्तर का है इसीलिए मैं इसे आर्गेनिक के नाम पर बेचता हूं और मेरे पास इसके ऑर्गेनिक होने का कोई प्रमाण नहीं है। मैंने कहा कि यह तो सरासर धोखाघड़ी है। इस पर उसने कहा कि वह देश भर में इसकी

Consultation in Corona Period-291 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-291 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया अपने शोध कार्यों के लिए मैंने पिछले महीनों में देश भर से ब्लैक राइस के 8000 से भी अधिक सैंपल मंगवाए ताकि मैं उनकी जांच करके औषधि महत्व के ब्लैक राईस को अधिक मात्रा में खरीद सकूं। जब मैंने अपनी प्रयोगशाला में इन ब्लैक राइस की जांच की तो 300 से अधिक प्रकार के ब्लैक राइस ऐसे मिले जिन्हें कि सामान्य ब्लैक राइस से अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था और जिनमें कि रंग की मिलावट की गई थी अर्थात साधारण राइस को काले रंग से रंगा गया था। किसानों से जो मैंने ब्लैक राइस इकट्ठा किया था उनमें किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं पाया गया पर ऑनलाइन या किसी नामी आर्गेनिक कंपनी से जो मैंने ब्लैक राइस खरीदा था उसमें रंगों की मिलावट पाई गई। शुरुआती जांच में यह पता चला कि यह रंग शरीर के लिए नुकसानदायक है और कैंसर जैसे रोगों के लिए जिम्मेदार हैं तो यदि आप ऑनलाइन ब्लैक राइस खरीद रहे हैं तो सतर्क हो जाइए और आंख मूंदकर विश्वास मत करिए। बेहतर यही होगा कि आप पास के किसान के पास जाएं या किसी कृषि विश्वविद्यालय में संपर्क करें जहां से आपको सही मायने में ब्लैक राइस मिल

Consultation in Corona Period-290 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-290 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया पिछले महीनों में ऐसी वनस्पतियों के 10000 से भी अधिक सैंपल प्राप्त हुए जिन्हें कि तेलिया कंद बताकर बेचा गया था। जब मैंने इन नमूनों की अच्छे से जांच की तो केवल तीन ही वनस्पतियां ऐसी निकली जो वास्तव में प्रमाणित तेलिया कंद के नाम से जानी जाती हैं। शेष वनस्पतियों को तेलिया कंद के नाम से ₹500 से लेकर ₹1700000 तक में बेचा गया था। अधिकतर लोगों ने ठगे जाने के बाद मुझसे इस वनस्पति की जांच करवाई। अगर वे ठगे जाने से पहले एक बार सैंपल भेजकर जांच करवा लेते तो वे इस बड़ी ठगी से बच जाते। जब भी कभी आपको कोई तेलिया कंद नाम की वनस्पति बेचे तो बेहतर यही होगा कि उस व्यक्ति को पैसे देने से पहले आप मुझसे उस वनस्पति की निशुल्क जांच करवा लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह प्रमाणित तेलिया कंद है या नही। सर्वाधिकार सुरक्षित

Consultation in Corona Period-289 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-289 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "कोविड के कारण बड़े अस्पताल में लंबे समय तक रहना पड़ा। बड़ी मुश्किल से मैं इस बीमारी से बचा। पूरे इलाज में 28 लाख से अधिक रुपए खर्च हो गए। वहाँ मुझे जो दवाएं दी गई उसके बारे में मैं जानकारी भेज रहा हूं। अस्पताल से वापस आने के बाद मेरे बाल तेजी से झड़ने लगे और अब सिर लगभग खाली हो गया है। अस्पताल से आने के बाद मैं जिन देसी दवाओं का प्रयोग कर रहा हूं उनकी सूची भी मैं आपको भेज रहा हूं। क्या आप मुझे ऐसे फंक्शनल फूड के बारे में जानकारी दे सकते हैं जिनकी सहायता से मेरे बाल झड़ने रुक जाएं और जिन स्थानों से बाल झड़ गए हैं वहां दोबारा उग जाएं।" उत्तर भारत के एक सज्जन ने अपनी समस्या बताई तो मैंने उनके द्वारा ली जा रही दवाओं का विस्तार से अध्ययन किया फिर कहा कि आप लहसुन और गिलोय पर आधारित दो नुस्खों का प्रयोग कर रहे हैं संभवत: कोरोनावायरस से रक्षा के लिए। मैं आपको यह सलाह दूंगा कि आप इन दोनों नुस्खों के प्रयोग के बीच में कम से कम 3 घंटों का अंतर रखें। इससे आपके बालों के झड़ने की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा और जो बाल आ

Consultation in Corona Period-288 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-288 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया आंखों की तेजी से घटती रोशनी के लिए एक सज्जन ने मुझसे संपर्क किया। पिछले एक हफ्ते में उनकी आंखों की रोशनी बिल्कुल कम हो गई थी और उन्हें दिखाई देना लगभग बंद हो गया था। यह सज्जन विदर्भ से पधारे थे और उनके साथ में उनके डॉक्टर भी थे जो कि इस समस्या से परेशान थे। उनके डॉक्टर ने बताया कि वह यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन के लिए उन्हें पिछले 1 महीने से कई तरह की दवाएं दे रहे हैं जिनमें कई प्रकार की एंटीबायोटिक्स भी शामिल है। मैंने उन डॉक्टर महोदय से कहा कि इन दवाओं का प्रयोग आपके अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए मैं इसमें किसी भी तरह की दखल नहीं देना चाहता हूं। मैंने जब सज्जन से पूछा कि आप और कौन-कौन सी देसी दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि वे डायबिटीज के लिए एक लंबे समय से एक वैद्य की दवा ले रहे हैं। जब मैंने उस दवा का विश्लेषण किया तो मुझे पता चला कि उसमें थोड़ी मात्रा में सिरस की छाल का उपयोग किया गया है। इस आधार पर मैंने जब अपने डेटाबेस का अध्ययन किया तो मुझे पता चला कि इस वनस्पति की छाल का आधुनिक एंटीबायोटिक दवा li

New entries in Medicinal Plant Database by Pankaj Oudhia on Anaplastic thyroid cancer (ATC), also known as anaplastic thyroid carcinoma. (May 27, 2021)

Consultation in Corona Period-287 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-287 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मैं जिंदगी भर पूरी दुनिया को पार्किंसन की जड़ी बूटियां देता रहा और दुनिया उससे दवा बनाकर पार्किंसन के रोगियों को राहत पहुंचाती रही। अब जब मेरे अपने बड़े भाई पार्किंसन से प्रभावित है तो मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूं। मैं जिन जड़ी बूटियों की खेती कर रहा हूं उनका मेरे भाई पर किसी तरह से असर नहीं हो रहा है। मेरे संपर्क में दुनिया भर के बड़े पार्किंसन विशेषज्ञ हैं पर वे भी कुछ नहीं कह पा रहे हैं। उनका बस यही कहना है कि ऐसा उम्र के कारण हो रहा है और अब इन पर किसी भी तरह से किसी भी दवा का बिल्कुल असर नहीं होगा। मैंने सभी जगह संभावित उपायों की खोज की। बस सभी दवा देने को तो तैयार है पर कोई यह कहने को तैयार नहीं है कि उनकी दवा से मेरे भाई की समस्या का शत-प्रतिशत समाधान हो जाएगा। आखिर कितनी तरह की दवा मैं अपने भाई को दूं। उनके परिजन भी अपनी तरफ से दवा दे रहे हैं। अब तो लगता है कि उन्हें भोजन के स्थान पर दवा ही देनी होगी क्योंकि इतनी सारी दवाएं उनके लिए अनुमोदित की गई हैं। आपने शायद मुझे पहचाना होगा। आज से 15 साल पहले मैंने

Pankaj Oudhia on Anaplastic thyroid cancer (ATC), also known as anaplastic thyroid carcinoma. (May 25, 2021)

Consultation in Corona Period-286 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-286 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया Persistent genital arousal disorder (PGAD) दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी यह समस्या आम है पर यह अलग बात है कि इससे प्रभावित लोग खुलकर सामने आ नहीं पाते हैं और अपनी समस्या को बताने में संकोच महसूस करते हैं। अधिकतर ऐसे लोगों की बातों का मजाक उड़ाया जाता है और उनके चरित्र पर लांछन लगाए जाते हैं इसलिए इससे प्रभावित महिलाएं अपनी समस्याओं को चुपचाप सहती रहती है और सामने नहीं आती हैं। ऐसा नहीं है कि हमारे देश की पारंपरिक चिकित्सा में इस बीमारी को जाना नहीं गया है। भले ही आधुनिक विज्ञान ने हाल के वर्षों में इस पर अधिक ध्यान दिया है और इसे एक नई बीमारी के रूप में चिन्हित किया है पर भारत की पारंपरिक चिकित्सा में इस तरह के लक्षण वाले बहुत से रोग पीढ़ियों से जाने जाते रहे हैं और यही कारण है कि इन रोगों से संबंधित बहुत सारे फॉर्मूलेशंस पारंपरिक चिकित्सकों के पास है। भले ही उनका सही रूप से डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया है। मैंने इन सभी फॉर्मूलेशन का डॉक्यूमेंटेशन उस समय से करना शुरू किया है जबकि इस बीमारी को आधुनिक विज्ञान ठीक स

Consultation in Corona Period-279 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-279 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "हमारे गुरुजी की किडनी की समस्या के लिए हमने आपसे संपर्क किया है। आप उनकी दोनों किडनिया काम नहीं कर रही है और वे डायलिसिस पर है। अब इतनी देर हो चुकी है कि अब तुरंत ही किडनी ट्रांसप्लांट की बात की जा रही है। किडनी का प्रबंधन हम लोगों ने कर लिया है। हमारी संस्था के एक सदस्य अपनी किडनी देने को तैयार है और गुरु जी इस बात के लिए तैयार नहीं है। वे चाहते हैं कि हर संभव प्रयास कर लिया जाए उसके बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट किया जाए क्योंकि उसके बाद की जिंदगी बहुत कठिन होती है और बहुत सारे कठिन काम नहीं किए जा सकते हैं। रोजमर्रा का जीवन प्रभावित होता है और उम्र भी कम हो जाती है। लगातार इन्फेक्शन का डर बना हुआ रहता है और तेज दवाओं का सेवन करना पड़ता है। आपने इंटरनेट आर्काइव पर जो क्रॉनिक किडनी डिजीज की फिल्में डाली है। उन्हें देखने के बाद ही गुरु जी ने आपसे संपर्क करने को कहा है। इस महामारी के समय आप यदि लंबी यात्रा करके हिमालय आ सकते हैं तो यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात होगी। यदि यह संभव नहीं है तो हम गुरु जी को एअरलिफ्ट करके आपक

Consultation in Corona Period-280 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-280 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "एक 30 वर्षीय युवती का केस हम आपके पास भेज रहे हैं। इस युवती को अभी तो मिर्गी जैसे लक्षण आ रहे हैं। यह लक्षण साल भर नहीं आते हैं। विशेष मौसम में बढ़ जाते हैं पर अभी इसी समस्या के लिए उसे हमारे अस्पताल में भर्ती किया गया है। जब हमने उस युवती की पूरी तरह से जांच की तो हमें पता चला कि उसके लीवर और किडनी में खराबी है और खराबी का स्तर इतना अधिक बुरा है कि अब इन दोनों अंगों को बदलने की आवश्यकता है। उसे इस तरह की समस्या पिछले कई सालों से हो रही है और जिसके लिए उसने सभी तरह की चिकित्सा पद्धतियों का इस्तेमाल किया है। बहुत सारी दवाओं का प्रयोग किया है। चिकित्सकों के कहने पर अपनी जीवन पद्धति में भी सुधार किया है। जब वह अस्पताल में भर्ती हुई तो उस दिन उसकी स्थिति बहुत खराब थी। जब उसकी स्थिति स्थिर हुई तब हमने यह जानने की कोशिश की कि उसके ये महत्वपूर्ण अंग क्यों काम करना बंद कर रहे हैं। लंबे अध्ययन के बाद भी हम किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके तब हमने आपकी सेवाएं लेने का निश्चय किया। हम आपसे किसी तरह की दवा की उम्मीद नहीं करते हैं।

Consultation in Corona Period-281 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-281 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "शुरुआत तो फेफड़े से हुई थी पर अब यह कैंसर पूरे शरीर में फैल गया है। मैंने अपनी तरफ से अपने पिताजी को बचाने की पूरी कोशिश की। न केवल अपने ज्ञान का उपयोग किया बल्कि अपने जीवन भर की पूंजी का भी। उन्हें दुनिया भर के अस्पताल में लेकर गया पर सभी जगह एक ही तरह की चिकित्सा पद्धति को अपनाया गया और धीरे-धीरे उनका कैंसर फैलता गया, उनकी जीवनी शक्ति घटने लगी। अब हम लोगों को बहुत कम उम्मीद है फिर भी हम प्रयासों में किसी भी तरह की कमी नहीं करना चाहते हैं। मैं आपको बहुत पहले से जानता हूं। मुझे लगा कि आपका कैंसर से लड़ने का तरीका सबसे बेहतर है क्योंकि आप पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि इस रोग का कारण क्या है फिर उस कारण को कैसे दूर किया जा सकता है इसके उपाय करते हैं और एक बार कारण के दूर होने के बाद कैंसर अपने आप ठीक होने लग जाता है। यह एक कठिन काम है और अपार ज्ञान की आवश्यकता है पर यह अच्छी बात है कि आप को सफलता मिल रही है। मैंने भी यह गलती की और लक्षणों के आधार पर अपने पिता की चिकित्सा करता रहा। नियम से तो मुझे उन कारणों को जानना

Consultation in Corona Period-282 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-282 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "सर जब मैंने आपका लेख फेसबुक पर पढ़ा और जाना कि गाय को भी डायबिटीज हो सकती है और डायबिटीज वाली गाय का दूध कितना हानिकारक हो सकता है तब मैंने पहली बार जाना है कि ऐसा भी होता है। मैंने बहुत सी गीर गाय पाल कर रखी है और उन गाय के दूध को बेचकर ही मैं अपना जीवन चलाता हूं। मैं पहले एक अध्यात्मिक संस्थान के कहने पर गाय को गन्ने खिला रहा था भोजन के रूप में पर आप का लेख पढ़ने के बाद जब मैंने अपने अपनी गायों की जांच करवाई तो पाया कि मेरे पास 10 से अधिक ऐसी गाय हैं जो कि डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं और जब इन्हें गन्ना खिलाया जाता है तो उनकी समस्या बढ़ जाती है और न केवल गाय को समस्या होती है बल्कि उसके दूध को पीने वाले लोगों को भी नाना प्रकार की समस्याएं होती हैं। इसके बाद आपने एक और लेख लिखा जिसमें आपने बताया था कि यदि चारागाह में गाजर घास नामक खरपतवार हो तो कैसे गाय के दूध पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। मेरा अपना खुद का चारागाह है और मैंने बिना किसी देरी के लेख पढ़ने के बाद अपनी निगरानी में चारागाह से गाजर घास को पूरी तरह से साफ

Consultation in Corona Period-283 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-283 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "आप पिछले 3 घंटों से लगातार बोल रही है। आप बहुत थक गई होंगी। आपकी जबान अब लड़खड़ाने लगी है और आप सही जानकारी नहीं दे पा रही है। मेरा तो यही कहना है कि आप थोड़ी देर विश्राम कर ले। उसके बाद फिर अपनी समस्या बताना शुरू करें। वैसे आपने सब कुछ तो बता ही दिया है। पहले आपने अपनी तकलीफ के बारे में बताया फिर आपने अपनी दवाओं के बारे में बताया। उसके बाद आपने खानपान के बारे में बताया फिर आपने अपने पूर्व के चिकित्सकों के दोष बताए। फिर अपने परिवार वालों के बारे में बताया। उसके बाद आपने पड़ोसियों के बारे में बताया। उसके बाद आपने उन लोगों के बारे में बताया कि जिन्होंने बचपन से लेकर अभी तक आपको सताया है। आपने अपने स्कूल के बारे में भी बताया और अपने कॉलेज की पढ़ाई के बारे में भी। अब तो मैं आपके सभी प्रोफेसरों को नाम से जान गया हूं और उनके चरित्र के बारे में भी आपसे जानकारी मिल गई है पर आपकी बात तो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अब आप राजनीति पर बात कर रही हैं। पहले आपने भारत की राजनीति पर बात की अब वैश्विक राजनीति पर आप अपने विचार व्यक्त क

Consultation in Corona Period-284 भाग1 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-284 भाग1 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "ऐसा शायद ही कोई हो जिसे कि कोरोनावायरस से डर ना लगता हो पर फिर भी लोग न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मास्क नहीं लगाते हैं। जो लोग मास्क लगाते हैं उन लोगों को इन लोगों से बहुत परेशानी होती है और उनको लगता है कि मास्क न लगाने के कारण ही यह बीमारी तेजी से फैलती जा रही है। विश्व स्वास्थ संगठन से लेकर दूसरे प्रभावी लोग लगातार अपील करते रहते हैं कि मास्क लगाइए विशेष कर सार्वजनिक स्थान पर और मास्क की सहायता से न केवल अपनी रक्षा करें बल्कि दूसरे लोगों की भी रक्षा करें लेकिन फिर भी बड़ी चुनावी रैली हो या शादी ब्याह, लोग मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं और परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में लोग एक बार फिर से इस वायरस की चपेट में आ जाते हैं। यदि उन लोगों के बीच में सर्वे किया जाए और यह पता लगाया जाए कि वे मास्क क्यों नहीं लगाते हैं तो उनके द्वारा बताए गए कारणों में एक प्रमुख कारण यह भी रहता है कि मास्क लगाने के बाद उनको सांस लेने में तकलीफ होती है विशेषकर जब वे अधिक परिश्रम करते हैं तो फिर उन्हें बेचैनी होती है और वे मास्क को

Consultation in Corona Period-285 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-285 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "कितना अच्छा हो कि इस दुनिया में किसी को भी कभी Lennox–Gastaut syndrome (LGS) की समस्या न हो और वह पूरी तरह से सुरक्षित रहें। विशेषकर हमारे बच्चे। आप तो जानते ही हैं कि इसमें सीजर के कितने खतरनाक लक्षण आते हैं और बच्चों का बचना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक केस मैं आपके पास भेज रहा हूं। यह बच्चा हमारे अस्पताल में है और उसकी नियमित चिकित्सा हो रही है। हमने हाल ही में आपका एक लेख पढ़ा जिसमें आपने बताया है कि देश के अलग-अलग भागों में पाए जाने वाले विशेष तरह के मेडिसिनल राइस का प्रयोग करके काफी हद तक के इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों को राहत पहुंचाई जा सकती है। आपने यह भी लिखा है कि यह भारत का पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान है पर दुर्भाग्य से ऐसे कम पारंपरिक चिकित्सक हमारे बीच मौजूद हैं जो कि इसके बारे में जानकारी रखते हैं। जिन पारंपरिक चिकित्सकों को इन मेडिसिनल राइस के बारे में जानकारी थी वे अब दुनिया में नहीं है पर यह अच्छी बात है कि उनका बहुत सा ज्ञान डॉक्यूमेंट के रूप में आपके डेटाबेस में है। आप केस का पूरी तरह से अध्ययन करि

Consultation in Corona Period-278 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-278 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "Purulent conjunctivitis के एक पेचीदा मामले के लिए हमने आपसे संपर्क किया है। यद्यपि यह केस महीनों पुराना है। पहले हमें शक था कि यह एक तरह का बैक्टीरियल इनफेक्शन है और उस आधार पर हम लोग एंटीबायोटिक से उपचार करने की कोशिश करते रहे पर जब किसी भी तरह से लाभ नहीं हुआ तो हमने इसे वायरल इनफेक्शन मानते हुए हर संभव कोशिश की इस इंफेक्शन को कम करने के लिए। आंखों से शुरू हुआ यह इंफेक्शन अब चेहरे तक पहुंच चुका है और जल्दी ही यह गले तक पहुंच जाएगा। ऐसा गंभीर मामला मैंने अपने 40 साल के कैरियर में नहीं देखा। हमने अपने शोध संस्थान में पहले इस केस को मैनेज करने की कोशिश की और जब असफल रहे तो दुनिया भर के चिकित्सकों से बात की और उनके अनुमोदनो को अपनाया। आप तो जानते हैं कि नेत्र चिकित्सा में भारत के विशेषज्ञ जितने दक्ष है उतनी दक्षता दुनिया भर के किसी विशेषज्ञ में नहीं है।  हमने आपके यूट्यूब चैनल पर बहुत सारे वीडियो देखें जिसमें कि इस बीमारी के बारे में आपने प्रयोग की जाने वाली पारंपरिक दवाओं के बारे में जानकारी दी है। हमें लगा कि हो सकता है