Consultation in Corona Period-297 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
Consultation in Corona Period-297
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
30 वर्षीय युवक को महाराष्ट्र के एक नीम हकीम ने एक बूटी दी और कहा कि इसका प्रयोग पूर्णिमा के दिन करने से
100 घोड़ों का बल शरीर में आ जाएगा और कितना भी अधिक सेक्स किया जाए किसी तरह की थकावट नहीं
आएगी। वह युवक उस नीम हकीम के चक्कर में आ गया और बातों ही बातों में उस नीम हकीम ने उस युवक से
तीन लाख वसूल लिए।
युवक ने पूर्णिमा के दिन दूध के साथ जब उस बूटी का उपयोग किया तो उसे अपने शरीर में किसी भी तरह का
कोई फर्क नहीं दिखाई दिया। उसे ठगी का अहसास हुआ। उसने बूटी का कुछ हिस्सा पार्सल के माध्यम से मेरे पास
भेजा ताकि मैं उस बूटी की पहचान कर सकूं और बता सकूं कि क्या वास्तव में यह बूटी इतनी अधिक प्रभावकारी है
या उसे इस नाम पर ठगा गया है। सूखी बूटी को देखकर उसकी सही पहचान करना बड़ा मुश्किल काम था। काफी
मशक्कत के बाद उसकी पहचान धान के खेत में होने वाले एक खरपतवार के रूप में हुई जिसका प्रयोग किडनी के
रोगों के लिए किया जाता है।
मैंने उसे मूसाकानी के नाम से पहचाना और उस युवक को साफ शब्दों में कहा कि इससे उस तरह का कोई भी
प्रभाव नहीं होता जिसका दावा उस नीम हकीम ने किया है। मैंने उस युवक से यह भी कहा कि यदि वह पहले इस
बूटी की पहचान करवा लेता तो उसे इस ठगी का शिकार नहीं होना पड़ता।
उसने मुझे धन्यवाद दिया और बिना किसी देरी के उस नीम हकीम के घर पर जा पहुंचा। वहां पर बहुत भीड़ जमा
थी। वह भीड़ उन लोगों की थी जिन्हें उसने ठगा था और अब वह लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत हो चुका था।
उस नीम हकीम ने इस बूटी का नाम कामराज बूटी दिया था। आजकल आंध्र प्रदेश से बहुत सारे लोग इस बूटी के
बारे में पूछ रहे हैं और इसकी कीमत के बारे में भी। ऐसा प्रतीत होता है कि वह नीम हकीम अब महाराष्ट्र से हटकर
आंध्र प्रदेश में सक्रिय है और वहां अपना जाल फैला रहा है।
पूरे देश को ऐसी ठगी से सावधान रहने की जरूरत है।
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