Consultation in Corona Period-295 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
Consultation in Corona Period-295
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"क्या जटिल बीमारियों के लिए आप फंक्शनल फूड भेजते हैं? हमने अपने वृद्धाश्रम में एक बूढ़ी माता जी को आपके द्वारा भेजा गया फंक्शनल फूड का उपयोग करते हुए देखा है। उन्हें मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर है और अब डॉक्टर जवाब दे चुके हैं। वह नियमित रूप से आपके द्वारा भेजे गए फंक्शनल फ़ूड का उपयोग कर रही है। उनके बेटे ने उन्हें यह पैकेट ला कर दिया है और लगातार आ कर देता रहता है।
हमारी उत्सुकता जागी तो हमने इस बारे में पूछताछ की तब हमें आपके बारे में पता चला। हमने आपके बारे में इंटरनेट पर छानबीन की तो हजारों शोध पत्र और शोध ग्रंथों की जानकारी मिली और हमें पता चला कि आप भारत के पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का डॉक्यूमेंटेशन कर रहे हैं। क्या हर महीने आप हमारी संस्था से जुड़े हुए कैंसर की अंतिम अवस्था वाले रोगियों को 10000 फंक्शनल फूड के पैकेट की नियमित सप्लाई कर सकते हैं? इसके लिए जो भी कीमत होगी हमारी संस्था वहन करने के लिए तैयार है। कृपया जब भी आपको समय मिले आप हमें जवाब अवश्य दें।"
उत्तर भारत की एक स्वयंसेवी संस्था ने जब मुझसे संपर्क किया तो मैंने उनसे कहा कि यह बात सही है कि मैं जटिल रोगों से प्रभावित लोगों को कई तरह के फंक्शनल फ़ूड का सुझाव देता हूं पर बहुत कम मामलों में फंक्शनल फ़ूड की आपूर्ति कर पाता हूं क्योंकि मेरा मुख्य काम रिसर्च का है न कि फंक्शनल फूड की आपूर्ति करने का।
क्योंकि मेरा शोध कार्य मेडिसिनल राइस पर केंद्रित है इसलिए मेडिसिनल राइस पर आधारित फंक्शनल फूड ही मैं लोगों को सुझा पाता हूं और कोशिश करता हूं कि इन फंक्शनल फूड की व्यवस्था वे स्वयं कर ले ताकि मुझे बेकार की भागदौड़ न करनी पड़े। ये फंक्शनल फ़ूड बाजार में तो उपलब्ध नहीं होते हैं। इन्हें ऑनलाइन नहीं मंगाया जा सकता है। ज्यादातर फंक्शनल फ़ूड किसानों के पास उपलब्ध होते हैं और आसपास के इलाकों में जाकर संबंधित व्यक्ति इन फंक्शनल फ़ूड को एकत्रित कर सकते हैं बिना अधिक खर्च के। पर जब वे इस बारे में असमर्थता महसूस करते हैं तब मुझे आगे आना पड़ता है और यह कार्य बहुत पेचीदा होता है। इसमें न केवल बहुत अधिक श्रम और समय लगता है बल्कि फंक्शनल फूड की कीमत भी बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि इसके लिए लंबी यात्रा करके इस फूड का नियमित प्रबंध करना होता है। न ही मेरी कोई संस्था है और न ही मैं किसी संस्था से जुड़ा हुआ हूं जिसकी सहायता से इस कार्य को बड़े पैमाने पर किया जा सके।
आप जिस माताजी की बात कर रहे हैं उनके बेटे महाराष्ट्र में उत्पादित तीन प्रकार के मेडिसिनल राइस को पका कर अपनी माता जी को दे रहे हैं। इन राइस को वे किसानों से सीधे ही एकत्र करते हैं। एक बार उन्होंने मुझसे परामर्श लिया और उसके बाद फिर महीनों से वे स्वयं ही इन राइस को एकत्रित कर रहे हैं और इनका प्रयोग कर रहे हैं।
उन्हें मुझसे परामर्श के लिए लंबा समय देना पड़ा क्योंकि मैंने उनसे पूछा कि उनकी माताजी किस तरह की कीमोथेरेपी की दवाओं का प्रयोग कर रही हैं और साथ में कौन सी देसी दवाओं का प्रयोग कर रही हैं। मैंने यह भी पूछा कि वह दिन भर किस प्रकार का खाना खाती है।
क्योंकि मैंने ड्रग इंटरेक्शन पर बहुत अधिक शोध कार्य किया है इसलिए मुझे मालूम है कि किस तरह की दवाइयों और खाने के साथ मेडिसिनल राइस की किस तरह की प्रतिक्रिया होती है। इस आधार पर मैं उन्हें सुरक्षित मेडिसिनल राइस का अनुमोदन कर पाता हूं।
10000 लोगों को इस तरह का परामर्श देना, फिर उस आधार पर पैकेट तैयार करके हर महीने भेजना एक वैज्ञानिक के बस की बात नहीं है।
मैं और मेरी टीम मिलकर हर दिन 500000 से भी अधिक पन्ने इंटरनेट पर अपलोड करते हैं जो कि एक बहुत कठिन कार्य है।
पूरा दिन इसी में निकल जाता है। ऐसे में अलग से फंक्शनल फ़ूड की आपूर्ति करना बहुत कठिन होता है। इसलिए बहुत छोटे स्तर पर ही मैं इस कार्य को कर पाता हूं। भविष्य में जब डॉक्यूमेंटेशन का कार्य पूरा हो जाएगा जो कि संभव नहीं दिखता है तब इस प्रकार की योजना पर ध्यान दिया जा सकता है और किसी बड़ी संस्था के माध्यम से इस तरह के फंक्शनल फ़ूड की आपूर्ति की जा सकती है।
हम इस बात की भी कोशिश कर रहे हैं कि जिन मेडिसिनल राइस की लगातार मांग है उसके लिए स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित करें कि वे थोड़ी जगह में ऐसे मेडिसिनल राइस की खेती करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे इन्हें लिया जा सके। इससे उन्हें भी अच्छी कीमत मिले और इन राइस के लिए पूरे देश में जगह-जगह में भटकना न पड़े।
देश के कृषि विश्वविद्यालयों के पास में मेडिसिनल राइस और पारम्परिक राइस का बड़ा संग्रह है पर इन्होंने इन राइस को अपने हिसाब से नाम दे कर रखा है। मेडिसिनल राइस के पारंपरिक नाम बिल्कुल ही भिन्न है और यही कारण है कि विश्वविद्यालयों तक पहुंचे लोग अधिकतर वांछित मेडिसिनल राइस की प्राप्ति नहीं कर पाते हैं और निराश हो जाते हैं।
मेरे शोध ग्रंथों में इस प्रकार के मेडिसिनल राइस को उगाने वाले किसानों की लंबी सूची दी गई है और साथ में उनके पते भी दिए गए हैं पर ये शोध ग्रंथ इतने बड़े हैं कि इनकी ठीक से प्रोसेसिंग नहीं हो रही है। जिसके कारण इसके अंदर के कंटेंट को पूरी तरह से गूगल सर्च के माध्यम से खोज पाना असंभव सा लगता है। हो सकता है आगे आने वाले सालों में जब टेक्नोलॉजी का और विकास हो तब यह संभव हो सके।
आशा है आप मेरी समस्या को समझ रहे होंगे इसलिए 10000 मरीजों के लिए फंक्शनल फ़ूड की हर महीने आपूर्ति करना मेरे लिए संभव नहीं है। धन्यवाद।
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