Consultation in Corona Period-195
Consultation in Corona Period-195
Pankaj Oudhia पंकज अवधिया
"वर्ष 2004 में हमारे प्रोफेसर ने आपसे संपर्क किया था बालों की समस्या के लिए। उनके बाल तेजी से झड़ रहे थे और वे गंजे होते जा रहे थे। आपने उनका परीक्षण किया। उसके बाद 1 सप्ताह रुकने को कहा। 1 सप्ताह के बाद आपने एक विशेष तरह का तेल उन्हें सिर में लगाने के लिए दिया। इस तेल का उनके ऊपर बहुत असर हुआ और उनके बाल तेजी से फिर से उगने लगे। इतने अच्छे परिणाम आने के बाद हमारे प्रोफ़ेसर साहब ने सोचा कि क्यों न इस पर एक अच्छा प्रोजेक्ट लिया जाए और इस फार्मूले को अपने नाम किया जाए।
प्रोजेक्ट लेने से पहले उन्होंने इस तेल का रासायनिक विश्लेषण किया। उस आधार पर अपना तेल तैयार किया और फिर प्रोजेक्ट बना कर भेज दिया। उनके प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई। यह 1 करोड़ से अधिक रुपयों का प्रोजेक्ट था। जब उन्होंने अपने द्वारा तैयार किए गए तेल का प्रयोग करना शुरू किया तो उसका किसी भी प्रकार से कोई असर नहीं हुआ और उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
फार्मूले का असली रूप जानने के लिए उन्होंने चालबाजी का इस्तेमाल किया। आपको याद होगा उस समय आपसे दिल्ली के एक पत्रकार ने संपर्क किया था जिसने आपसे कहा होगा कि वह आस्ट्रेलिया की एक पत्रिका के लिए काम करता है और उस पत्रिका में आपके शोध कार्यों को प्रकाशित करना चाहता है। जब आपने पूरा इंटरव्यू दे दिया होगा उसके बाद उसने आपके ऊपर जोर डाला होगा कि आप बालों को उगाने वाले फार्मूले के राज के बारे में बताएं पर आपने उस पत्रकार को दृढ़तापूर्वक मना कर दिया।
उस पत्रकार को हमारे प्रोफ़ेसर साहब ने ही भेजा था पर वे अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाए। उसके बाद उन्होंने एक और तरीका आजमाया जो कि बड़ा ही कारगर था।
उन्होंने आपके एक रिश्तेदार को ढूंढ निकाला। रिश्तेदार ने बालों की समस्या के लिए आपसे संपर्क किया तो आपने उन्हें पूरा फार्मूला बता दिया। उस रिश्तेदार ने वह फार्मूला हमारे प्रोफेसर साहब तक पहुंचा दिया। प्रोफेसर साहब ने इस फार्मूले से तेल बनाया और फिर जब उसे आजमाया तो उन्हें वैसे ही परिणाम मिले जैसे कि उन्हें पिछली बार मिले थे अर्थात किसी के ऊपर भी उस तेल का कोई असर नहीं हुआ। हां पर जिस रिश्तेदार को यह तेल दिया गया था उसके बाल तेजी से उग रहे थे पर दूसरों पर इसका असर नहीं हो रहा था। आखिर मन मसोसकर प्रोफ़ेसर साहब ने वह प्रोजेक्ट वापस कर दिया।
अब तो प्रोफेसर साहब रिटायर हो चुके हैं और आराम फरमा रहे हैं। उस समय मैं छात्र था और अब प्रोफेसर बन गया हूं। उस समय मैंने आपका बहुत नाम सुना था और अपने प्रोफेसर के बालों को उगते हुए देखा था इसलिए जब मेरे बाल झड़ने शुरू हुए तो मैंने आपसे मिलने की योजना बनाई और आपकी फीस जमा करके परामर्श लेने के लिए रायपुर आ गया।" दक्षिण भारत से आए एक प्रोफेसर साहब ने मुझसे समय मांगा और अपनी समस्या बताई। मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा।
उन्होंने आते ही पूछा कि आपके द्वारा दिया गया तेल केवल उसी व्यक्ति पर क्यों असर करता है जिसके लिए यह दिया जाता है और दूसरे लोगों पर इस तेल का असर क्यों नहीं होता है? मैंने उन्हें विस्तार से समझाते हुए कहा कि समस्या का मूल जानना फिर उसका समाधान करना यह मेरे काम करने की पद्धति है। जब भी मैं किसी व्यक्ति की समस्या सुनता हूं तो उसका मूल कारण खोजने की कोशिश करता हूं। फिर उस आधार पर फाइटोमेडिसिंस या फंक्शनल फूड का सुझाव देता हूं। इसके लिए जो भी दवाएं तैयार की जाती है वे केवल उसी व्यक्ति की उसी समस्या के लिए होती है और ये दूसरे व्यक्तियों को उतना अधिक लाभ नहीं पहुंचा पाती है।
एक तरह के तेल से लाखों लोगों को लाभ होने का दावा करने वाली तो बहुत सारी कंपनियां बाजार में है और पीढ़ियों से लोग उन तेलों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। फिर भी किसी के बाल उग नही रहे हैं पर दावे अभी भी किए जा रहे हैं। इन सब समस्याओं के लिए हर व्यक्ति से व्यक्तिगत तौर पर बात करके समस्या का समाधान किया जाए तभी दवाई ठीक से काम करती हैं। वे मेरी बात से संतुष्ट नजर आए।
उन्होंने बताया कि उन्हें ल्यूकोडर्मा की शिकायत है। इसके लिए वे जंगली चिचिंडा के रस का प्रयोग कर रहे हैं। इसके अलावा वे उसी तरह की किसी भी दवा का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। उनके बाल बहुत तेजी से गिर रहे हैं। न केवल सिर के बाल बल्कि दाढ़ी और काँख के बाल भी गिरते जा रहे हैं। उन्होंने बहुत सारी आंतरिक और बाहरी दवाओं का प्रयोग किया पर उन्हें किसी भी तरह से लाभ नहीं हुआ और बालों के झड़ने का क्रम अभी भी जारी है।
वे चाहते थे कि मैं उन्हें एक विशेष तेल बना कर दूं जिससे कि उनके प्रोफेसर साहब की तरह उनकी समस्या का भी समाधान हो जाए। मैंने उनसे कहा कि मुझे पहले समस्या का मूल कारण जानने दीजिए। उसके बाद ही मैं आपको उचित सलाह दे पाऊंगा। मैंने उन्हें जड़ी बूटियों से परीक्षण कराने के लिए कहा। वे जब इस बात के लिए तैयार हो गए तो मैंने उनके पैरों में जड़ी बूटियों का लेप लगाया और आने वाली प्रतिक्रिया का इंतजार करने लगा। यह ड्रग इंटरेक्शन का मामला लग रहा था पर जैसी जानकारी उन्होंने दी थी उससे तो इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं हो रहा था कि किसी तरह का ड्रग इंटरेक्शन हो रहा है।
मुझे लगा कि हो सकता है कि वे किसी जानकारी को छुपा रहे हो इसलिए मैंने जोर देकर कहा कि आप मुझे बताएं कि आप कौन-कौन सी दूसरी दवाई ले रहे हैं। कहीं आप इस महत्वपूर्ण जानकारी को छुपा तो नहीं रहे हैं? मुझे लगता है कि बिना किसी तेल की सहायता से आपके बाल फिर से उगने लगेंगे यदि आपने मुझे सही सही जानकारी दे दी तो।
वे इस बात पर अड़े रहे कि वे केवल जंगली चिचिंडा के रस का प्रयोग कर रहे हैं और किसी भी तरह की औषधि नहीं ले रहे हैं। उन्हें न तो डायबिटीज की समस्या है न हाई ब्लड प्रेशर की। न ही थायराइड की किसी तरह की दवा ले रहे हैं।
मैंने कहा कि जंगली चिचिंडा का रस न केवल ल्यूकोडर्मा में लाभदायक है बल्कि यह बालों को गिरने से रोकने में भी मदद करता है। इस रस का प्रयोग करने से आपके बाल कैसे झड़ रहे हैं यह आश्चर्य का विषय है। मुझे बार-बार यह ड्रग इंटरेक्शन का मामला लगता है इसलिए मैं आपसे एक ही प्रश्न बार-बार पूछ रहा हूं। जब उन्होंने पूरी तरह से इंकार कर दिया तो मैंने कहा कि मैं आपकी मदद नहीं कर पाऊंगा क्योंकि आपकी समस्या के लिए मेरे पास किसी भी तरह का कोई उपाय नहीं है। वे बड़े निराश हुए और मुझे धन्यवाद देकर वापस लौट गए। अगले दिन फिर उन्होंने परामर्श के लिए समय मांगा तो मुझे आश्चर्य हुआ।
मैंने उन्हें समय दे दिया। जब उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने कहा कि आपके पास कोई दूसरे रोगी के लिए तैयार फार्मूला हो तो वही मुझे दे दीजिए। मैं उसे आजमा कर देख लूंगा। हो सकता है कि मेरे बाल उग जाए। मैंने कहा कि यह संभव नहीं है। किसी दूसरे के लिए तैयार किया गया तेल उसकी समस्या पर आधारित है इसे आपको देना तर्कसंगत नहीं है।
उन्होंने कई तरह की कसमें खाई और कहा कि आप मुझ पर बेवजह शक कर रहे हैं। मैं आपके फार्मूले से किसी भी तरह का पेटेंट नहीं कराना चाहता हूं। मुझे सचमुच यह समस्या है इसलिए मैं आपके पास आया हूं। मैंने उनसे कहा कि मैं इस विषय में उनके ऊपर किसी भी तरह का शक नहीं कर रहा हूं पर मुझे जब यह ड्रग इंटरेक्शन का मामला लग रहा है तब मैं बिना सत्य को जाने कैसे किसी प्रकार के उपाय को सुझा सकता हूं। काफी देर के बाद उन्होंने बताया कि वे न केवल ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं बल्कि कोलेस्ट्रोल कम करने वाली एक दवा भी ले रहे हैं।
जब मैंने उस दवा का नाम सुना तो समस्या का समाधान सामने आने लगा। मैंने उन्हें कहा कि आपको कोलेस्ट्रॉल की आधुनिक दवा बंद करनी होगी या उसे बदलनी होगी क्योंकि कोलेस्ट्रॉल की इस आधुनिक दवा जिससे कि लिपिटोर के नाम पर जाना जाता है, की जंगली चिचिंडा और उसके परिवार के दूसरे सदस्यों से विपरीत प्रतिक्रिया होती है और कई तरह के लक्षण शरीर में दिखने लग जाते हैं जिनमें से एक लक्षण शरीर के सभी हिस्सों से बालों का झड़ना भी है। आप इन दोनों दवाओं में से किसी एक दवा का प्रयोग बंद कर देंगे या फिर उस दवा को बदल देंगे तो आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा। आपको किसी भी प्रकार के तेल की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने धन्यवाद दिया पर अड़े रहे कि उन्हें तेल दिया जाए ताकि उनके बाल उग सके। मैंने उनसे कहा कि आप 15 दिन का इंतजार करें। अगर आपके बाल वापस आने न शुरू हो तब मैं आपको एक विशेष तरह का तेल दे दूंगा जिससे कि आपके बाल पक्के तौर पर उगने लगेंगे।
उन्होंने 15 दिन के बाद का समय लिया और पहले से फीस जमा कर दी। 15 दिनों के बाद वे तो नहीं आये पर उनका फोन आया जिसमें उन्होंने कहा कि अब उनकी समस्या का समाधान होने लगा है। बाल फिर से वापस आने लगे हैं। उन्होंने कोलेस्ट्रॉल की दवा बदल दी है और उन्हें लगता है कि अब किसी भी प्रकार का ड्रग इंटरेक्शन नहीं हो रहा है।
इस बार उन्होंने किसी भी तरह के तेल की मांग नहीं की।
उन्होंने धन्यवाद दिया। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी।
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