Consultation in Corona Period-188

Consultation in Corona Period-188 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया "मुझे कोलोन कैंसर है। जैसे ही मुझे शुरुआती जांच में यह पता चल गया कि यह कैंसर है तो मैंने बिना किसी देरी के आपसे मिलने की योजना बनाई। आपसे अनुरोध है कि आप मेरे इस कैंसर को यहीं पर रोक दें ताकि यह न बढ़े। आप जो भी परहेज मुझसे कहेंगे वह मैं करूंगा और आपके द्वारा दी जा रही दवाओं का पूरे मन से प्रयोग करूंगा और यह भी वचन देता हूं कि अन्य किसी दवा का प्रयोग नहीं करूंगा।" मध्य भारत से आए एक सज्जन ने मुझसे परामर्श के लिए समय लिया तो मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी मदद करूंगा। मैंने उन्हें रायपुर बुलवाया और फिर उनके पैरों में जड़ी बूटियों का लेप लगाकर जब परीक्षण किया तो मुझे उन कारणों का पता चला जो कि उनके कैंसर के लिए उत्तरदाई थे और उनके कैंसर को फैलने में मदद कर सकते थे। मैंने उनसे खानपान के बारे में पूरी जानकारी ली फिर उनसे पूछा कि वे किन तरह की दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं? उन्होंने बताया कि कैंसर के लिए वे किसी भी प्रकार की दवा का प्रयोग अभी नहीं कर रहे हैं। आधुनिक दवाएं उन्हें दी गई थी पर उसका प्रयोग उन्होंने अभी रोक दिया है। पारंपरिक दवाओं में वे कई प्रकार के टॉनिक का प्रयोग कर रहे हैं जो कि उन्हें वैद्यों और आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने दिए हैं। मैंने उन सभी दवाओं की जांच की फिर उनसे कहा कि आप जो एलोवेरा पर आधारित एक पेय का सेवन कर रहे हैं जिसमें कि 18 से भी अधिक प्रकार के घटक है उसका प्रयोग तुरंत ही रोक दें। इससे आपके कैंसर का फैलाव रुक जाएगा और हो सकता है कि धीरे-धीरे शरीर स्वयं ही लड़कर इस कैंसर को समाप्त कर दे। उन्होंने कहा कि एलोवेरा लेना उनकी मजबूरी है क्योंकि इसके बिना उनका पेट साफ नहीं होता है। मैंने उनसे कहा कि क्या आप लंबे समय से इसका प्रयोग कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि हां, मैं इसका प्रयोग कई सालों से कर रहा हूं और इससे मेरा पेट साफ रहता है। यह अलग बात है कि पहले मुझे कम मात्रा में इसका प्रयोग करना होता था। अब धीरे-धीरे मात्रा बढ़ती जा रही है। उसके बाद ही पेट साफ होता है। मैंने उन्हें बताया कि उनके शरीर को एलोवेरा की आदत हो गई है जो कि किसी भी मायने में ठीक नहीं है। उन्हें धीरे-धीरे इससे छुटकारा पाना चाहिए ताकि उनके कैंसर का किसी भी तरह से फैलाव न हो और शरीर अपने आप ही शरीर की सफाई करने लगे। उसे किसी सहारे की जरूरत न हो। उन्होंने मेरी बात मानी और धीरे-धीरे अभ्यास के द्वारा एलोवेरा का प्रयोग पूरी तरह से रोक दिया। इसके बाद उन्होंने 3 वर्षों तक किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं किया। 3 वर्षों के बाद उन्होंने जब मुझसे फिर से परामर्श के लिए समय मांगा तो मैंने उनसे पूछा कि अब उनकी हालत कैसी है? उन्होंने बताया कि उनके कैंसर का फैलाव 3 सालों तक पूरी तरह से रुका रहा और अब पिछले महीने से अचानक ही कैंसर फिर से फैलने लगा है और डॉक्टर बता रहे हैं कि यह अगली स्टेज में आ गया है जहां इसकी चिकित्सा करना बहुत जरूरी है अन्यथा यह बहुत तेजी से फैल सकता है। मैंने उन सज्जन की फिर से जांच की और फिर वही सब जानकारी उनसे ली। उन्होंने बताया कि उन्होंने एलोवेरा का प्रयोग फिर से शुरू कर दिया है लेकिन इस बार उन्होंने अट्ठारह घटकों वाले एलोवेरा का प्रयोग नहीं किया है बल्कि एक दूसरे नुस्खे का प्रयोग किया है जिसमें 12 घटक है और जिसके बारे में इंटरनेट पर काफी कुछ अच्छा लिखा गया है। उन्होंने इंटरनेट में लिखे गए एक लेख का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि एलोवेरा के प्रयोग से कोलोन कैंसर ठीक होता है। यही कारण था कि उन्होंने फिर से एलोवेरा का प्रयोग शुरु कर दिया था। अब वे मुझसे मदद चाहते थे क्योंकि उनका कैंसर बहुत तेजी से फैल रहा था। उन्होंने कहा कि इस बार आप मुझे केवल सलाह न दें बल्कि कुछ दवाएं भी दें जिससे कि यह कैंसर जड़ से खत्म हो सके। मैंने अपनी बात दोहराई और उनसे कहा कि आप एलोवेरा के इस नए नुस्खे का प्रयोग भी पूरी तरह से बंद कर दें। इससे आपके कैंसर का फैलना पूरी तरह से रुक जाएगा अन्यथा बात बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि क्या ऐसा नहीं हो सकता कि मैं एलोवेरा का प्रयोग करता रहा हूं और साथ में आपकी दवाओं का भी यानी आप मुझे ऐसी दवाएं दें जोकि एलोवेरा के हानिकारक प्रभाव को समाप्त कर दें और केवल लाभकारी प्रभाव ही मेरे शरीर में हो। मैंने उनसे कहा की यह संभव है पर जिस अवस्था में आपका शरीर है उसके लिए यह जरूरी है कि उसे और मुश्किल में न डाला जाए। आप जरा सा परहेज करें और एलोवेरा का प्रयोग पूरी तरह से रोक दें तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपका कैंसर किसी भी तरह से नहीं फैलेगा। मेरी बात पूरी होने के बाद वे सज्जन लौट गए और फिर 5 सालों तक उन्होंने किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं किया। मुझे विश्वास था कि उन्होंने एलोवेरा का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया होगा इसीलिए उनकी समस्या अब पूरी तरह से समाप्त हो गई होगी। 5 साल बाद उनकी पत्नी का फोन आया और उन्होंने बताया कि उनकी हालत बहुत गंभीर है। उनका कैंसर अंतिम स्टेज में पहुंच चुका है। डॉक्टरों ने दवाई बंद कर दी है। रेडिएशन और कीमोथेरेपी करने वाले विशेषज्ञों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। शुरू में मेरे पति ने आपसे सहायता ली थी। इससे उन्हें लाभ हुआ था इसलिए मैंने सोचा कि एक बार आपसे फिर से बात की जाए कि क्या इस अवस्था में आप कुछ कर सकते हैं? मैंने उन्हें पहचाना और फोन करने के लिए धन्यवाद कहा। मैंने कहा कि क्या वे अभी एलोवेरा का प्रयोग कर रहे हैं तो उनकी पत्नी ने खुलासा किया कि आपसे दूसरी बार मिलने के बाद उन्होंने एलोवेरा का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया था पर पिछले 1 साल से उन्होंने एलोवेरा का प्रयोग करना शुरू कर दिया है जिससे इस बार उनकी स्थिति बहुत तेजी से बिगड़ी और फिर बिगड़ती ही चली गई। अंतिम स्टेज में उन्होंने एलोवेरा को छोड़ दिया फिर भी शरीर संभल नहीं पाया और सारी दवाएं बेकार साबित होने लगी। मैंने उनकी पत्नी से कहा कि एक छोटी सी वनस्पति का परहेज करने की सलाह मैंने उन्हें दी थी। वे इतना भी नहीं कर पाए। अगर वे मेरी बात मान लेते हैं तो इस बुरी स्थिति में नहीं पहुंचते पर वे अपनी ज़िद में अड़े रहे और एलोवेरा का प्रयोग करते रहे जबकि उन्हें साफ दिख रहा था कि एलोवेरा का प्रयोग रोक देने से उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। मैंने उनकी पत्नी से यह भी कहा कि भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में बहुत सारे ऐसे मेडिसिनल राइस का प्रयोग किया जाता है जोकि एलोवेरा की विषाक्तता को दूर करते हैं। मुझे कम ही विश्वास है कि ये मेडिसिनल राइस कैंसर इस अवस्था में किसी तरह से अहम भूमिका निभाएंगे फिर भी कोशिश की जा सकती है। आपको मुझे पूरी तरह से आश्वासन देना होगा कि आपके पति भविष्य में किसी भी प्रकार से एलोवेरा का प्रयोग नहीं करेंगे तभी मैं उनकी मदद करना शुरू करूंगा। जब उन्होंने आश्वासन दिया तो मैंने उन्हें पांच तरह के मेडिसिनल राइस भेजे और उनके प्रयोग की विधि उन्हें समझा दी। इन मेडिसिनल राइस का प्रयोग 2 सालों तक चलता रहा। धीरे-धीरे उनकी स्थिति में सुधार हुआ पर यह गति बहुत धीमी थी। इसमें अपार धैर्य की आवश्यकता थी। यह अच्छी बात थी कि वे किसी भी तरह से एलोवेरा का प्रयोग नहीं कर रहे थे। उन्हें इसबगोल से फायदा हुआ था और अपनी कब्जियत के लिए वे इसबगोल का प्रयोग कर रहे थे। जब उनकी स्थिति थोड़ी अच्छी हुई तो कीमोथेरेपी के एक्सपर्ट ने कहा कि वे फिर से चिकित्सा शुरू कर सकते हैं। अब उनकी जीवनी शक्ति तगड़ी है और कीमोथेरेपी की दवाएं उन पर बुरा असर नहीं करेंगी। मैंने उनकी पत्नी को बताया कि एलोवेरा के बारे में आप लोगों में जागरूकता पैदा करें। 90 के दशक में ही वैज्ञानिकों ने साफ शब्दों में कह दिया था कि यह कार्सिनोजेन है। एलोवेरा का किसी भी रूप में लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए पर उसके बाद यह सूचना इंटरनेट से अचानक से गायब हो गई या हाशिए में चली गई। यह वह समय था जबकि भारत में बहुत ही कंपनियां एलोवेरा को बढ़ावा दे रही थी और लगातार इसकी मात्रा बढ़ाकर प्रयोग करने की सलाह दे रही थी। इसके गुण बताए जा रहे थे पर इससे होने वाली हानि के बारे में पूरी जानकारी को छुपाया जा रहा था। यही कारण है कि आज देश भर में असंख्य लोग एलोवेरा का नियमित प्रयोग करते हैं और जाने अनजाने कैंसर जैसे रोगों को आमंत्रित करते हैं। वर्ष 2020 में कैंसर पर अनुसंधान करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने एलोवेरा को कैंसर पैदा करने वाली वनस्पति की श्रेणी में डाल दिया पर अब देर हो चुकी है। सारा भारत एलोवेरा का दीवाना है और इस आदत को छुड़ाना कम समय में संभव ही नहीं है। आज जरूरी है कि लोगों को जागरूक किया जाए। चूँकि आपके पति ने इसके नुकसान को प्रत्यक्ष रूप से देखा है और आपका परिवार इसका साक्षी रहा है इसलिए जब आप इसकी बात करेंगे तो लोग आपकी बात ध्यान से सुन लेंगे और हो सकता है कि आने वाले दशकों में लोग एलोवेरा का प्रयोग केवल दवा के रूप में करें साल में कुछ दिनों के लिए। न कि लगातार भोजन की तरह उपयोग करें। उन्होंने धन्यवाद दिया। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। सर्वाधिकार सुरक्षित

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