Consultation in Corona Period-181

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Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"मुझे और मेरी पत्नी को रियूमेटॉइड अर्थराइटिस की समस्या है और हम देश भर में घूम-घूम कर इसकी चिकित्सा करवा रहे हैं पर हमें बहुत अधिक लाभ नहीं हो रहा है। एक बार जब हम अपने रिश्तेदार राजकोट के श्री पटेल के पास गए और बातों ही बातों में जब हमने अपनी समस्या उन्हें बताई तो उन्होंने बताया कि उनकी और उनकी पत्नी को भी रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या है और आधुनिक चिकित्सकों ने कहा है कि दवाओं से इसका प्रबंधन किया जा सकता है पर इसका पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा सकता है।

 श्री पटेल ने कहा कि इसके बावजूद भी हमें किसी भी तरह की समस्या नहीं है और हम पहले दर्द से दिनभर प्रभावित रहते थे पर हमें अब यह दर्द किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है और हम अपनी दिनचर्या नियमित रूप से करते रहते हैं। हमने पूछा कि पटेल साहब, क्या आप किसी तरह के पेन किलर का उपयोग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रकार का पेन किलर का उपयोग नहीं कर रहे हैं।

 उन्होंने हमें आमंत्रित किया कि आप एक रात उनके यहां रुके और उनके मेहमान बने। हम इस बात के लिए तैयार हो गए हैं और जब उन्होंने मेहमानों का कमरा हमें दिखाया तो वहां हमें दो प्रकार के Mattresses दिखाई पड़े। पटेल साहब ने कहा कि आप दोनों पति-पत्नी इस पर आज सोए और सुबह फिर हम आगे की बात करेंगे। जब हम उन Mattresses पर सोए तो हमें न केवल बहुत अच्छी नींद आई बल्कि हमारे शरीर का दर्द काफी हद तक के ठीक हो गया। सुबह जब हमने पटेल साहब को इस बारे में विस्तार से बताया तो उन्होंने कहा कि ये Mattresses इसी समस्या के लिए ही बनवाए गए हैं। आपका जब भी मन हो आप आकर यहां ठहर सकते हैं और अपने दर्द से मुक्ति पा सकते हैं। हमने उनसे बहुत बार पूछा कि आपने ये Mattresses कहां से लिया तो उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी। जब हमने कहा कि हम इसकी मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं तो भी उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया। अब आलम यह हो गया है कि हम महीने के आधे दिन उनके घर पर ही मेहमान बनकर रहते हैं ताकि उन Mattresses में सोने की सुविधा मिल जाए। बहुत दिनों के बाद पटेल साहब ने राज खोला कि यह विशेष प्रकार के Mattresses बाजार में नहीं मिलते हैं बल्कि विशेष रूप से ऑर्डर देकर बनवाए जाते हैं। अपनी लंबी चौड़ी बात करने के बाद अंत में उन्होंने आपका नाम लिया और कहा कि कुछ सालों पहले उन्होंने आपसे 4 Mattresses बनवाए थे जिनमें से दो वे खुद इस्तेमाल कर रहे हैं और दो उन्होंने मेहमानों के लिए रखा हुआ है। 

आपका नाम सुनकर हमने इंटरनेट पर जानकारी एकत्र की और फिर परामर्श का समय लेकर आपसे मिलने रायपुर आ गए। हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए भी इसी तरह के Mattresses बना कर दें। जो भी कीमत होगी हम देने को तैयार हैं।" गुजरात से आए एक सज्जन ने अपनी बात मेरे सामने रखी।

 मैंने उन्हें बताया कि पटेल साहब कुछ सालों पहले मुझसे Mattresses लेकर गए थे। उन्हें रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या थी और किसी भी तरह से दवा से फायदा नहीं हो रहा था तब मैंने पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान के आधार पर उन्हें ये Mattresses बना कर दिए थे और उनसे कहा था कि यह एक श्रम साध्य कार्य है। इसमें कई महीनों का समय लग सकता है और पैसे भी बहुत खर्च हो सकते हैं क्योंकि इस तरह के Mattresses में प्रयोग की जाने वाली सामग्री बाजार में नहीं मिलती है। उन्हें एकत्र करना अपने आप में एक कठिन कार्य है। 

यही कारण है कि इस विषय में पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान रखने वाले पारंपरिक चिकित्सक भी इसे अपने लिए ही बनाते हैं और दूसरों के लिए बनाने में कतराते रहते हैं। मैंने उन सज्जन को यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक चिकित्सा में ऐसे 3000 से अधिक Mattresses बनाने की जानकारी उपलब्ध है पर यह छत्तीसगढ़ का विलुप्त पारंपरिक ज्ञान है। इसके बारे में बहुत कम लिखा गया है और 3000 किस्म के Mattresses एक स्थान पर उपलब्ध नही है। पारंपरिक चिकित्सक पैरों के तलवों में जड़ी बूटियों का लेप लगाकर पहले रोगी की दशा जानते हैं फिर उसके आधार पर नियत समय के लिए इन Mattresses का निर्माण करते हैं और उन्हें प्रयोग की सलाह देते हैं। इनका प्रयोग अधिकतर मामलों में लंबे समय तक नहीं किया जाता है। पटेल साहब को भी पारंपरिक चिकित्सकों ने कहा था कि वे 1 साल से अधिक इनका उपयोग न करें पर उन्होंने पारंपरिक चिकित्सकों की बात को अनसुना करते हुए अभी तक इसका उपयोग नहीं छोड़ा है। 

उन सज्जन ने पूछा कि क्या किसी और रोग के लिए Mattresses आपके पास उपलब्ध है? मैंने कहा कि Mattresses मेरे पास उपलब्ध नहीं है। इनसे संबंधित ज्ञान मेरे पास उपलब्ध है।

 कुछ वर्षों पहले भारत के एक प्रसिद्ध कैंसर शोध संस्थान ने दर्द कम करने वाले Mattresses के बारे में परामर्श मुझसे लिया था। आप तो जानते हैं कि कैंसर के अंतिम अवस्था में बहुत अधिक दर्द होता है और उसके लिए मार्फिन का प्रयोग करना पड़ता है। मार्फिन के बहुत सारे नुकसान हैं फिर भी इसके अलावा कोई विकल्प न होने के कारण मार्फिन का ही उपयोग करना पड़ता है। इसलिए शोध संस्थान के वैज्ञानिक यह चाहते थे कि ऐसे Mattresses का परीक्षण किया जाए जो शरीर के दर्द को कम करने में सहायक है। 

मैंने उन्हें 12 किस्म के Mattresses बनवा कर दिए थे जिनका वे वैज्ञानिक विधि से परीक्षण कर रहे हैं। उन्हें आरंभिक नतीजे अच्छे मिले हैं पर वे और लंबे समय तक प्रयोग करना चाहते हैं और अलग-अलग किस्म के कैंसर से प्रभावित लोगों पर इसे आजमाना चाहते हैं। उनका शोध अभी भी जारी है और उस पर कोई शोध रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं हुई है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में वे इस बारे में विस्तार से पूरी दुनिया को बताएंगे। 

यह नव उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। एक उद्यमी ने मुझसे संपर्क किया है और वे अब 20 एकड़ में जड़ी-बूटियों की खेती कर रहे हैं। इन्हीं जड़ी बूटियों का प्रयोग इन Mattresses में होता है। जंगल में जाकर इन जड़ी-बूटियों को एकत्रित करना बहुत कठिन काम होता है क्योंकि वे एक स्थान पर अधिक मात्रा में नहीं मिलती है इसीलिए उन उद्यमी ने यह निर्णय लिया है कि वे पहले पर्याप्त मात्रा में  कच्चे माल को तैयार कर लेंगे और उसके बाद फिर लोगों की मांग के अनुसार Mattresses निर्माण करना शुरू करेंगे।

 उन सज्जन ने यह पूछा कि क्या किसी बड़ी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट में रुचि नहीं ली है? मैंने उन्हें बताया कि बड़ी कंपनियां इस बारे में अभी जानकारी नहीं रखती है। अभी छोटे पैमाने पर इस कार्य को शुरू किया जा रहा है। जब इसकी लोकप्रियता बढ़ेगी और मांग बढ़ेगी तो अपने आप ही बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में अपना कदम रखने लगेंगी। मैं चाहता हूं कि कंपनियां सीधे ही पारंपरिक चिकित्सक से बात करें और उनके परिवार के लोग ही बड़े पैमाने पर Mattresses का निर्माण करें और सीधे ही कंपनियों को दें। 

मैंने उन सज्जन से यह भी कहा कि चूँकि Mattresses को बनाना एक श्रम साध्य कार्य है, आपके लिए मुझे दो Mattresses बनाने में कम से कम 6 से 7 महीने का समय लगेगा। इसके लिए एक आदमी लगाना पड़ेगा जो कि अलग-अलग वनस्पतियों से उपयोगी भाग एकत्र करके इतनी मात्रा में लेकर आएगा जिससे कि Mattresses का निर्माण हो सके। यदि आप इतने समय तक रुकने के लिए तैयार है तो मैं आपके लिए 2 Mattresses बनाकर दे सकता हूं जो कि पारंपरिक चिकित्सा में रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए उपयोग किए जाते हैं। वे इस बात के लिए तैयार हो गए। उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया और एडवांस देकर वापस लौटने लगे। 

मैंने उनसे कहा कि मैं आपको एक पारंपरिक चिकित्सक का पता देता हूं। आप सीधे ही उनसे संपर्क कर ले और उन्हें ही एडवांस दे दे। 

अगले दिन संयोग से पारंपरिक चिकित्सक रायपुर आ गए। मैंने उनकी मुलाकात उन सज्जन से करवा दी। उन्होंने बड़ी प्रसन्नता से उनसे बात की और उन्हें एडवांस दे दिया। 

उन पारंपरिक चिकित्सक ने बताया कि इन दिनों ऐसे Mattresses की मांग बहुत अधिक बढ़ रही है जोकि माइग्रेन की समस्या को दूर करते हैं और उनका परिवार खाली समय में इसी कार्य में जुटा हुआ रहता है। 

यह एक अच्छी जानकारी थी। 

मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी। 


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